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परिवारिक

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बच्चें मन के सच्चे... बचपन में याद है ….. अब इस तरह का आशीर्वाद कम ही मिलता है….. जब कोई रिश्तेदार व परिवार वाले हमारे घर आते थे तब फल व खिलौने लेकर आते थे और जब उनके वापस लौट

अब तक आपने पढ़ाआदि अपने दोस्तो से हट कर एक कोने में खड़ा हो गया और अनिका को देखने लगा । अब आगेअनिका को भी आज थोड़ा अजीब लग रहा था , वो समझ नहीं पा रही थी , कि आदि के देखने से आज उसे ऐसे क्यों हो

अब तक आपने पढ़ा      फिर उसके दिमाग में ये बात आयी कि कहीं ये अंकल से बचने के लिए तो नहीं कर रहा हैं ।अब आगेमानवी ये बात सिर्फ अपने मन में सोच कर रह गयी , अनुभव से बोली कुछ नहीं और चली

घर घर की कहानी रचना एक परिवार के हर मनुष्य के किरदार ओर उनकी कमजोरियों को बताती है । “हर समाज और हर घर में समाज के बड़े बुजुर्ग लोगों के द्वारा जो भी कह दिया जाता था। वह पत्थर की लकीर बन जाती थी” उस स

“मानव से परिवार बना,मानव से बना घर-बार। मानव से जाति धर्म बने,मानव से बने रिश्तेदार। समाज बने हैं मानव से, समय ने इनको बदल दिया। गांव,शहर,तहसील,खंड बने,प्रांत,देश से विश्व बना दिया”। मनुष्य एक सामाजिक

अब तक आपने पढ़ा      अनुभव जल्दी से उठा और हॉल के गेट के पास चला गया । वो नहीं चाह रहा था कि वॉचमैन मानवी को ऐसे देखे और हॉल में बिखरी हुई चीजों को भी । अब आगेवो वहां पहुंच कर वॉचम

एक लड़की अनजानी सीपरसो रात्रि करीबन साढ़े ग्यारह बजे मे आॅफिस से घर को बाइक से निकला ही था की कुछ ही दूरी पर एक लडकी नजर आई सलवार सूट पहने मदद का हाथ लिए इशारे से... मैने बाइक रोकी तो पास से टैक्

अब तक आपने पढ़ाअनुभव उसे शांत करने के लिए उसके बाल को सहलाने लगा । लेकिन फिर भी मानवी का डर और हाथ - पांव चलाना कम नहीं हुआ । अब आगेमानवी लगातार अपना हाथ - पाँव मार रही थी । अनुभव ने बहुत कोशिश क

   अब तक आपने पढ़ाकुछ देर बाद जब कॉफी बन गयी तो वो उसे लेकर हॉल में आ गया और मानवी के ठीक सामने बैठ गया  और धीरे - धीरे  कॉफी की शीप लेने लगा और मानवी के चेहरे को बड़े गौर से देखने

         एक दफा का जिक्र हैं । किसी दूर दराज के मूल्क में चिल जैसे काले बाल वाला एक बहुत ही खुबसुरत बादशाह रहता था । उस बादशाह के ईमानदारी और दौलत के वजह से उसे बहुत पसंद किया

काश्वी ने देखा तो उसका ईमेल खुला हुआ है वहीं मेल जो उत्कर्ष ने उसे किया… मेल में उत्कर्ष ने काश्वी को रिमांइड कराया कि उसे जल्द एडमिशन के बारे में फैसला करना है… काश्वी सब समझ गई… उसका डर अब उसके सामन

 अब तक आपने पढ़ाअनुभव ने तुरंत उनकी बात सुनकर कहां —  कोई नहीं आंटी । आप कल नहीं आना । जब वह ठीक हो जाए तभी आएगा | वैसे भी डैड कल आएंगे तो वो वहीं से  नाश्ता करके आएंगे और हम अपने 

अब तक आपने पढ़ावो अलबत्ता अनुभव के हाथों से आपना हाथ खिच ली और उसके तरफ एक नजर देख कर , उससे अपनी नजरे फेर ली और अपने आंखों को बंद करके , अपना सर दोनों से पकड़ कर बैठ गई ।    वो अभी भी

अब तक आपने पढ़ावो कोई चुहा नहीं है जो तुम मुझसे तब से घूरे जा रही हो , उसे अपना आहार  बनाने के लिए 😁 अनुभव ने गुलदस्ते के तरफ इशारा करके पूछा 😁 ।   अब आगे     &nbs

अरे हो भारती तेरी बहन मिनू कहा है उसको देख जाकर की तैयार हूई क्या आज उसकी हल्दी दुल्हे को हल्दी लग चुकी है तो वो अब दुल्हन की हल्दी लेकर निकल गये है सुन रही है ना भारती हां हां मां ये है हमारी

       अब तक आपने देखाप्राशांत की मॉम डाइनिंग टेबल पर सबको आने को कहा और साथ ही प्रतिक्षा से बोली की वो खुद जाकर प्रशांत को बुला लाये ।अब आगे          

         अगर वो गेंडा ... भैसा अनुभव होगा तो यहां इतना अंधेरा देख कर दूर से ही गला फाड़ते हुए आयेगा । 😡🤨अब आगे अभी मानवी यहीं सोच रही थी कि उसे अनुभव के कदमों की आहट सु

अब तक आपने देखाअनुभव के आने का इंतजार करने लगी ,  क्योंकि मानवी को इतने बड़े घर में अकेले डर लग रहा था । अब आगे मानवी अनुभव के घर आने का इंतजार करने लगी । वो कभी घड़ी के तरफ देख रही थी

 पापा के जाने के बाद काश्वी ने अपना फोन चेक किया, निष्कर्ष का मैसेज था, उसे भी नींद नहीं आ रही थी इसलिये मैसेज किया, काश्वी ने टाइम देखा तो रात के तीन बज रहे थे, उसने सोचा अब सुबह ही बात करेगी निष्कर्

अब तक आपने देखामिस्टर सिकरवार के तरफ मुडी और बोली 😊  — अच्छा तो अब चलिए ... कहीं देर ना हो जाए । अगर मैं वहां लेट पहुंची तो मुझे मेरी सहेली से बहुत कुछ सुनने को मिलेगा । अब आगे मि

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