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परिवारिक

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बेटियाँ...बाबुल के घर से चली जाती है...ये बेटियाँ बहुत सताती हैं...फिर कहाँ लौट करके आती है...ये बेटियाँ बहुत सताती है...लोरियां गा के मां सुलाती थी...रोने लगती तो वो हंसाती थीं...उंगलियां थाम कर चली

अब तक आपने देखा         ये कह प्रतिक्षा अपना नीचे वाला होठ बाहर निकाल कर कमरे में चारों तरफ देखने लगी , तभी उसे याद आया कि आज उसे , कुछ रस्में भी करनी है , जो बाकी है । 

  अब तक आपने देखा         जहां तक मैंने सुना और देखा भी है , कि न्यू ब्राइडल डरी -सहमी सी रहती है और शरमाती भी हैं , अपने नये घर में , नये लोगों से मिलकर ।   यहां तक

अब तक आपने देखाजहां वो प्रतिक्षा को पहले दिन से ही उसे गुस्सा दिलाने की बात कर रहा था , ताकि वो कुछ दिन बाद खुद ही उसे छोड़ कर चली जायेगी । वहीं आज अभी उसको एकटक निहार रहा था , बिना उससे कुछ कहे - सुन

अब तक आपने देखा वो अपने आस - पास देखने लगी की वो जग कहा रख दी । उसे लगा कि वो अनुभव से अच्छे से लड़ाई करने के लिए , उसने जग कही रख दिया है । अब आगे            &

               अब तक आपने देखा उसकी ननंद ने कुछ जूलरी और मेकअप की चीजें , उसके बैग से निकाल कर ड्रेसिंग टेबल पर रख दी थी ताकि , प्रतिक्षा जब आए तो उसे ज्या

एकाएक सम्राट ग्लास उठाया और श्रेया की होंठ से लगा दिया - पीयो नहीं तो मैं तुमसे नाराज हो जाऊंगा । और हां ! तुम्हें तो ऑरेंज जूस पसंद है ना तो फिर ! और मैंने इसमें विटामिंस की गोलियां भी डाली है । जो त

  अब तक आपने देखा          मिस्टर सिकरवार संध्या  से — नहीं मैं वहीं आ रहा हूँ और ये कहकर वो अनुभव को घुरते हुए वहाँ से नीचे चले आये ।अब आगे     

           अब तक आपने देखा इस समय किसी को होश नहीं था कि , वो कैसे सोये है और उनका हाथ -  पैर कहां है ? ... 😄 अब आगे          &nb

     अब तक आपने देखातुम्हारे आंख बंद कर के चलने के वजह से तुम्हें कई बार चोटे भी लगी है ,  कई बार तो तुम बड़ी - बड़ी गाडियों के सामने भी चले जाते थे । इसी वजह से मैं तुम पर हमेशा ग

     अब तक आपने देखावो सोच रही थी कि चोर भी मुझसे यही कह रहा था कि वो मुझे बिल्ली समझ कर अपने साथ डण्डा लेकर आया था और आंटी भी मुझे बिल्ली ही समझ रही थी ! उनके बोलने से तो ऐसा लग रहा कि

           अब तक आपने देखा लेकिन अफसोस है कि इस बात को बहुत कम लोग ही जानते  और समझते हैं । प्रशांत और प्रतीक्षा दोनों बड़े ही ध्यान से , उनकी यह बातें सुन रहे

      अब तक आपने देखाअनुभव ने देखा कि मिस्टर सिकरवार उस पर ध्यान नहीं दिये है तो वो मौका का फैदा उठाया और वहां से नीकल गया । अब आगे     क्योंकि ( अनुभव को ) उसे पता

    सुधीर जी उस बीच दिन रात चिंता में डूबे रहते थे । अपने पति को इतना परेशान देखकर जया जी उन्हें हिम्मत देती और खुद एकांत में जाकर रोती थी । राधिका भी अपने मां - पिताजी को इतना परेशान देखकर

      अब तक आपने देखा ...प्रशांत को गुस्सा तो बहुत आ रहा था , लेकिन वो प्रतिक्षा के वजह से अपना गुस्सा दबा कर रह जाता है ।ऐसे ही रास्ते भर दोनों दोस्त , प्रशांत को परेशान करने के लिए ,

             ये जरूरी नहीं है कि हमें सिख सिर्फ विद्यालयों में शिक्षकों के द्वारा ही मिले , कई बार हमें जिंदगी में आयी मुस्किलों से भी मिल जाती हैं ।   &nb

    अब तक आपने देखा     मानवी को अनुभव का उससे ऐसे बात करने पर चिढ़ गई , क्योंकि आज से पहले उससे कोई ऐसे बात नहीं किया था । उसने गुस्से में आकार अनुभव के आंखों देखते हुए कहां

     मिस्टर सिकरवार की ऐसी बातें सुनकर वो शरमाते हुए अपने आस पास देख कर  बोली —  क्या आप भी ना ... कुछ भी बोल देते हो .... मैं क्यूं आपको भूलूंगी ।      &n

रात को अकेले अपने कमरे में काश्वी ने उन किताबों में से एक को पढ़ना शुरू किया, उसे पढ़ते हुए काश्वी को निष्कर्ष की बात याद आने लगी, निष्‍कर्ष ने उसे ये किताबें इसलिये दी जिससे वो अकेला ना महसूस करें और

       अब तक आपने देखा ...       प्रतिक्षा के पापा कुछ बोले नहीं , वो बस हाँ में अपना सर हिला कर , भारी कदमों के साथ अंदर रोते हुई औरतों के पास आए और बोले —&nbs

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