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संस्मरण

hindi articles, stories and books related to Sansmaran


 आज दिनांक 19-08-2021 निगदित प्रस्तुत है :-   स्थान :सरौंहां   सूचना : श्री विजय मित्तल जी (बैच 1981) के पिता जी का कल स्वर्गारोहण हो गया   मूल विषय : आचार्य जी ने ईशावास्योपनिषद् के छठे छन्द , यस्

 अखण्ड हिन्दुराष्ट्र का हृदय हृदय में वास हो, उपासना गृहों में शौर्य शक्ति का निवास हो,   "भविष्य" में न स्वार्थ भीरुभावना प्रविष्ट हो , हृदय में वीरता रहे स्वभाव किंतु शिष्ट हो।   ऐसी ही ओजस्वी कव

 स्थान :सरौंहां (इस प्रातिदैवसिक प्रातर्होम को आप अपनी संश्रवण रूपी उपस्थिति से सफल बनायें )   कबीरदास जी की एक साखी को उद्धृत करते हुए आचार्य जी ने बताया कि सांसारिक सुख हमारे यथार्थ स्वरूप को विस्म

 ओम शङ्कर त्रिपाठी जी द्वारा प्रोक्त अत्यन्त भविक भाविक सारस्वत   स्थान :उन्नाव (आसनान्तरित )   सूचना :आचार्य जी कोआज 8 बजे स्वतन्त्रता दिवस के एक कार्यक्रम में जाना है l   विषय : ईशावास्योपनिषद्

 स्थान : सरौंहां निवसथ परमात्मा यदि शरीर में शक्ति, मन में विश्वास और बुद्धि में समझ देता है साथ ही चैतन्य को जागृत रखता है तो हमें कर्तव्यों से विमुख नहीं होना चाहिए l   आचार्य जी ने 18 मन्त्र वाले

 (श्वेतवाराह कल्प का एक दिन ) स्थान :सरौंहां   सूचना : डा अमित गुप्त जी, राहुल मिठास जी और प्रदीप जी (सभी 1989बैच ) की सहायता से आचार्य जी का गांवसंबन्धी समस्या के कारण उत्पन्न हुआ मानसिक बोझ उतरा l

 स्थान - सरौंहां   सद्गुणों का सातत्य मनुष्य के जीवन में बहुत आवश्यक है | कहा ऐसा भी जाता है कि मन्त्र का अर्थ नहीं होता भाव होता है और जो उस भाव से संयुक्त हो जाता है तो उस भाव के कारण और उस मन्त्र

 स्थान -- सरौंहां सदाचार एक सतत उपस्थित रहने वाली व्यवस्था है परिस्थिति है आचरण है, मनुष्य के साथ कोई न कोई आचरण संबद्ध रहता है और यदि आचरण सत्हो तो उसको भी आनन्द आता है और जिसके साथ वो आचरण संलग्न हो

 स्थान ---सरौंहां परिवसथ   सूचना -----युगभारती लखनऊके कुछ सदस्य आचार्य जी से प्रयास केन्द्र पर मिलेंगे   प्रसंग ------ गीताप्रेस के संस्थापक हनुमान प्रसाद पोद्दार जी (1892-1971) और मदन मोहन मालवीय ज

हम परमपिता परमात्मा के पुत्र हैं यह संपूर्ण भारत का एक भाव है, हम जानते हैं कि सत्कर्म करेंगे तो पुनर्जन्म बहुत अच्छा होगा, कथाओं के माध्यम से कोई विषय अधिक सरलता से समझा सकते हैं, Humpty Dumpty sat o

 भारतीय शैली सामंजस्य और समन्वय स्थापित करने की शैली है, मनुष्य में मनुष्यत्व होना ही चाहिए, हम लोग वैचारिक क्षेत्र में वैश्विक सिद्धांतों का प्रतिपादन करें, रज्जु भैया का एक संस्मरण, आने वाले दिनों म

 आचार्य जी जब 6वीं/ 7वीं कक्षा में अध्ययनरत थे तो उस समय की एक घटना बताई l श्री राम चरित मानस में तत्व है, तथ्य है कथा भी है और सलीके से रखे गये प्रसंग भी हैंl हम लोगों का ध्यान में यह भाव प्रविष्ट

5march Saturday💖हैलो प्यारी काव्यांक्षी💖                     तुमसे मुलाकात का सिलसिला तो बढ़ता ही जा रहा है, खुश तो हो ना मुझे अपनी सखी बन

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कितनी शिद्दत से चाहा था, दोनों ने इक दूजे को। साथ निभाया जनमों जनम का, दूर हुए ना इक पल को। जीवन की हर राहें देखीं,  चलते रहे संग साथी के। साथ रहे दोनों यूँ हर पल, दिया संग जैसे बाती के

आषाढ के महिने की तपती दोपहरी थी। चारों ओर सन्नाटा छाया हुआ था। देह झुलसाने वाली गर्मी के कारण सभी जीव जन्तु छांव में सुस्ता रहे थे। एक दम शांति छाई हुई थी। ठाकुर उदयभान अपनी हवेली में सुस्ता रहे थे। ए

1 मार्च 2022   मंगलवारसमय-11:41मेरी प्यारी सखी,            अनजान शहर होने के कारण हम शिव मंदिर की तलाश में भटक रहे थे। राह में पूछते हुए जा रहे थे कि शिव मंदिर

जो भी दुनिया में हमने किया है कर्म नवाब,उसका फल यहीं धरती पे हमको मिलना है।          —समीम नवाब (Nawab Comfort)

26 फरवरी 2022    शनिवार    मेरी प्यारी सखी,               आज सुबह जल्दी जागकर स्नानादि से निवृत्त होने के पश्चात हम लोगों को घूमने के ल

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यह मेरी जीवन की सबसे यादगार घटनाओं में से एक है सन 1983 की बात है… मेरी उम्र उस वक्त करीब तेइस साल की थी सूरत में हमारा टैक्सटाइल ट्रेडिंग का बिजनेस अच्छी तरह स्थापित हो चुका था. मेरे पिता

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