Angarak Ganesha Sankasht Chaturthi
ॐ गं गणपतये नमः
आज 16:43 तक वैशाख कृष्ण तृतीया है और उसके बाद वैशाख कृष्ण चतुर्थी आ जाएगी | मंगलवार है इसलिए यह चतुर्थी अंगारक चतुर्थी कहलाती है | मंगल अग्नि तत्व प्रधान ग्रह है और मंगलवार मंगल का प्रतिनिधित्व करता है इसलिए इस दिन पड़ने वाली चतुर्थी अंगारक चतुर्थी कहलाती है | क्योंकि सारी ही चतुर्थी भगवान् गणेश को समर्पित हैं इसलिए इस चतुर्थी को अंगारक गणेश संकष्ट चतुर्थी कहा जाता है | इस वर्ष आज यानी 3 अप्रेल, 31 जुलाई और 31 दिसम्बर को अंगारक गणेश संकष्ट चतुर्थी मनाई जाएँगी | अंगारक गणेश संकष्ट चतुर्थी अत्यन्त शुभ मानी जाती है | माना जाता है कि आज के दिन भगवान् सिद्धिविनायक की पूजा अर्चना करने से सुख सौभाग्य में वृद्धि होती है तथा कार्य में सफलता प्राप्त होती है | आर्थिक समस्याओं का समाधान होता है | ऐसी भी मान्यता है कि जिन लोगों की कुण्डली में माँगलिक दोष है, आज के दिन भगवान् गणेश की पूजा अर्चना करने से तथा दान आदि देने से वह दोष दूर होता है तथा विवाह की बाधाएँ दूर होकर वैवाहिक जीवन सुखमय व्यतीत होता है |
अंगारकी गणेश संकष्टी चतुर्थी के लिए गणेश पुराण में एक कथा भी है कि मंगल द्वारा पूर्ण भक्ति भाव से की गई गणेश उपासना से ऋद्धि सिद्धि दाता गणेश प्रसन्न हुए और उन्होंने मंगल को वर दिया कि मंगलवार को पड़ने वाली चतुर्थी अंगारकी चतुर्थी कहलाएगी और जो भी व्यक्ति इस दिन भगवान् गणेश की उपासना करेगा उसकी समस्त बाधाएँ दूर होकर उसकी मनोकामना पूर्ण होगी तथा उसकी कुण्डली में यदि मंगल दोषयुक्त होगा तो वह दोष भी इस उपासना से शान्त हो जाएगा |
कितनी भी प्रकार की मान्यताएँ हों, कितनी भी प्रकार की पौराणिक कथाएँ हों, निष्कर्ष सबका यही है कि व्यक्ति को प्रत्येक परिस्थिति में अपनी धार्मिक और आध्यात्मिक आस्थाओं का दृढ़ता से पालन करना चाहिए, तभी देवों की कृपादृष्टि उस पर बनी रह सकती है…
विघ्नहर्ता मंगलकर्ता भगवान् गणेश सभी पर प्रसन्न रहें…