आश्विन मास के व्रतोत्सव
आश्विन मास – 21 सितम्बर से 20 अक्टूबर 2021 – के व्रतोत्सव
आज प्रौष्ठपदी पूर्णिमा के साथ भाद्रपद मास समाप्त हो रहा है और कल से कृष्ण प्रतिपदा के साथ आश्विन माह आरम्भ हो
जाएगा | आज ही पूर्णिमा का श्राद्ध भी है | वैदिक कैलेन्डर का सप्तम माह आश्विन माह – बहुत से पर्वों का महीना | बहुत से पर्व और व्रत आदि भी इस माह में आते हैं | सर्वप्रथम बात करते हैं आश्विन माह के नाम की | जिस माह में जिस नक्षत्र का उदय होता है उसके आधार पर उस माह का नाम रखा जाता है | अश्विन मास में आश्विन नक्षत्र होता है – अर्थात इस माह की पूर्णिमा को चन्द्रमा आश्विन नक्षत्र पर होता है – इसलिए इसका नाम आश्विन पड़ा | आश्विन नक्षत्र का नाम अश्विनी कुमारों के नाम पर रखा गया है जो देवताओं के वैद्य भी कहे जाते हैं | इस माह का वैदिक नाम ईश है | साथ ही आश्विन का एक अर्थ “नासत्य” भी होता है – अर्थात जो सत्य न हो | जो इसी बात से विदित हो जाता है कि इस मास का आरम्भ होता है दिवंगत
पूर्वजों के प्रति सम्मान और श्रद्धा के पर्व श्राद्ध पक्ष से – जो द्योतक है इस सत्य का कि जगत असत्य है, माया है, इसके लोभ मोह में नहीं फँसना चाहिए | इसके अतिरिक्त भी और भी बहुत से पर्व इस माह में आते हैं | भगवती के नौ रूपों की पूजा अर्चना का नव दिवसीय अनुष्ठान आश्विन नवरात्र जिन्हें शारदीय नवरात्र के नाम से भी जाना जाता है, विजया दशमी तथा आश्विन पूर्णिमा जिसे शरद पूर्णिमा भी कहा जाता है सभी इसी माह में आते हैं | साथ ही हल्की हल्की ठण्ड का आभास भी इस माह में होना आरम्भ हो जाता है – जो अश्विनी शब्द का एक अन्य अर्थ है | और ये सभी अर्थ आश्विन नाम को सार्थक सिद्ध कर रहे हैं |
इस वर्ष मंगलवार 21 सितम्बर को सूर्योदय से कुछ पूर्व पाँच बजकर पच्चीस मिनट के लगभग बालव करण और गण्ड योग में प्रतिपदा तिथि के आरम्भ के साथ ही आश्विन मास आरम्भ हो जाएगा जो बुधवार 20 अक्तूबर तक रहेगा | सर्वप्रथम मासारम्भ में दिवंगत पूर्वजों के प्रति श्रद्धा सुमन समर्पित करते हुए सभी को इस मास में आने वाले नवरात्रोत्सव, विजया दशमी तथा शरद पूर्णिमा की अग्रिम रूप से अनेकशः हार्दिक शुभकामनाओं के साथ प्रस्तुत है इस माह में आने वाले व्रतोत्सवों की सूची...
मंगलवार 21 सितम्बर – आश्विन कृष्ण प्रतिपदा तिथि आरम्भ सूर्योदय से पूर्व 5:25 के लगभग / आश्विन मासारम्भ / श्राद्ध पक्षारम्भ / प्रतिपदा का श्राद्ध
बुधवार 22 सितम्बर – आश्विन कृष्ण द्वितीया तिथि आरम्भ सूर्योदय से पूर्व 5:53 के लगभग / द्वितीया का श्राद्ध
गुरूवार 23 सितम्बर – आश्विन कृष्ण तृतीया तिथि आरम्भ प्रातः 6:55 के लगभग / तृतीया का श्राद्ध
शुक्रवार 24 सितम्बर – आश्विन कृष्ण चतुर्थी तिथि आरम्भ 8:31 के लगभग / चतुर्थी का श्राद्ध
शनिवार 25 सितम्बर – आश्विन कृष्ण पञ्चमी तिथि आरम्भ प्रातः 10:37 के लगभग / पञ्चमी का श्राद्ध
रविवार 26 सितम्बर – आश्विन कृष्ण षष्ठी तिथि आरम्भ दिन में एक बजकर पाँच मिनट से 27 को दिन में 3:44 तक / षष्ठी का श्राद्ध दूसरे दिन
मंगलवार 28 सितम्बर – आश्विन कृष्ण सप्तमी / सप्तमी का श्राद्ध / महालक्ष्मी व्रत सम्पन्न
बुधवार 29 सितम्बर – आश्विन कृष्ण अष्टमी / अष्टमी का श्राद्ध / जीवित पुत्रिका व्रत
गुरूवार 30 सितम्बर – आश्विन कृष्ण नवमी / नवमी का श्राद्ध
शुक्रवार 1 अक्तूबर – आश्विन कृष्ण दशमी / दशमी का श्राद्ध
शनिवार 2 अक्टूबर – आश्विन कृष्ण एकादशी / एकादशी का श्राद्ध / राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी तथा श्री लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्मदिवस
रविवार 3 अक्टूबर – आश्विन कृष्ण द्वादशी / द्वादशी का श्राद्ध
सोमवार 4 अक्टूबर – आश्विन कृष्ण त्रयोदशी / त्रयोदशी का श्राद्ध / प्रदोष व्रत
मंगलवार 5 अक्टूबर – आश्विन कृष्ण चतुर्दशी / चतुर्दशी का श्राद्ध
बुधवार 6 अक्टूबर – आश्विन अमावस्या / पितृविसर्जनी अमावस्या / महालया
गुरूवार 7 अक्टूबर – आश्विन शुक्ल प्रतिपदा तिथि 6 अक्तूबर को सायं 4:36 से 7 को दिन में 1:46 तक / घट स्थापना / शारदीय नवरात्र / प्रथम नवरात्र / भगवती के शैलपुत्री रूप की उपासना / महाराजा अग्रसेन जयन्ती
शुक्रवार 8 अक्टूबर – आश्विन शुक्ल द्वितीया / द्वितीय नवरात्र / भगवती के ब्रह्मचारिणी रूप की उपासना
शनिवार 9 अक्टूबर – आश्विन शुक्ल तृतीया - चतुर्थी (8 को प्रातः 10:49 से नौ तारीख को प्रातः 7:49 तक तृतीया तिथि
तत्पश्चात दस तारीख को सूर्योदय से पूर्व 4:55 तक चतुर्थी तिथि – चतुर्थी की हानि) / तृतीय – चतुर्थ नवरात्र / भगवती के चन्द्रघंटा और रूपों कूष्माण्डा की उपासना
रविवार 10 अक्टूबर – आश्विन शुक्ल पञ्चमी / पञ्चम नवरात्र / भगवती के स्कन्दमाता रूप की उपासना
सोमवार 11 अक्टूबर – आश्विन शुक्ल षष्ठी / छठा नवरात्र / भगवती के कात्यायनी रूप की उपासना / सरस्वती आह्वाहन
मंगलवार 12 अक्टूबर – आश्विन शुक्ल सप्तमी / सप्तम नवरात्र / भगवती के कालरात्रि रूप की उपासना / सरस्वती पूजा
बुधवार 13 अक्तूबर – आश्विन शुक्ल अष्टमी / अष्टम नवरात्र / भगवती के महागौरी रूप की उपासना / सरस्वती बलिदान
गुरूवार 14 अक्तूबर – आश्विन शुक्ल नवमी / नवम नवरात्र / भगवती के सिद्धिदात्री रूप की उपासना / सरस्वती विसर्जन
शुक्रवार 15 अक्तूबर – आश्विन शुक्ल दशमी / विजया दशमी / प्रतिमा विसर्जन / अपराजिता देवी की उपासना / विद्यारम्भ / माधवाचार्य जयन्ती / 14 अक्तूबर को तैतिल करण और धृति योग में दशमी तिथि का आरम्भ सायं 6:53 से, जो 15 तारीख को सायं छह बजकर दो मिनट तक रहेगी / शुभ मुहूर्त 15 को दिन में 1:16 से 3:34 तक / दुर्गा विसर्जन मुहूर्त श्रवण नक्षत्र में प्रातः 6:22 से 8:40 तक / पंचक आरम्भ रात्रि नौ बजकर सोलह मिनट से
शनिवार 16 अक्टूबर – आश्विन शुक्ल एकादशी / पापांकुशा एकादशी
रविवार 17 अक्टूबर – आश्विन शुक्ल द्वादशी / प्रदोष व्रत / सूर्य का तुला राशि में संक्रमण दिन में एक बजकर तेरह मिनट के लगभग / तुला संक्रान्ति
मंगलवार 19 अक्टूबर – आश्विन पूर्णिमा व्रत / पूर्णिमा तिथि आरम्भ रात्रि सात बजकर चार मिनट पर / शरद पूर्णिमा / कोजागरी पूर्णिमा
बुधवार 20 अक्टूबर – आश्विन पूर्णिमा रात्रि आठ बजकर छब्बीस मिनट तक / मीराबाई जयन्ती / वाल्मीकि जयन्ती / आश्विन मास समाप्त / पंचक समाप्त दिन में दो बजे
अन्त में एक बार पुनः मासारम्भ में दिवंगत पूर्वजों के प्रति श्रद्धा सुमन समर्पित करते हुए सभी को इस मास में आने वाले नवरात्रोत्सव, विजया दशमी तथा शरद पूर्णिमा की अग्रिम रूप से अनेकशः हार्दिक
शुभकामनाएँ...