कल यानी शुक्रवार, 21
जून, आषाढ़ कृष्ण चतुर्थी को बव करण और वैधृति योग में 26:27
(अर्द्धरात्र्योत्तर दो बजकर सत्ताईस मिनट) के लगभग बुध अपनी स्वयं की राशि मिथुन
को छोड़कर चन्द्रमा की कर्क राशि में प्रस्थान कर जाएँगे | इस प्रस्थान के समय बुध पुनर्वसु
नक्षत्र पर होगा तथा गुरु की दृष्टि भी उस पर रहेगी | यहाँ
रहते हुए 24 जून को पुष्य नक्षत्र पर जाएगा और 23 जुलाई को वक्री बुध पुनः
पुनर्वसु नक्षत्र पर होगा | नौ अगस्त को मार्गी बुध पुनः पुष्य नक्षत्र पर जाएगा |
उन्नीस अगस्त को आश्लेषा नक्षत्र पर भ्रमण करते हुए अन्त में 26 अगस्त को दोपहर दो
बजकर आठ मिनट के लगभग सिंह राशि और मघा नक्षत्र पर प्रस्थान कर जाएगा | इस बीच आठ
जुलाई से एक अगस्त तक बुध वक्री रहेगा और चौदह जुलाई से 29 जुलाई तक अस्त भी रहेगा
| कर्क राशि बुध की अपनी राशि मिथुन से दूसरा भाव तथा कन्या से ग्यारहवाँ भाव है
तथा कर्क राशि के लिए बुध द्वादशेश और तृतीयेश हो जाता है | इन्हीं सब तथ्यों के
आधार पर आइये जानने का प्रयास करते हैं बुध के कर्क
राशि में गोचर के विभिन्न राशियों पर क्या सम्भावित प्रभाव हो सकते हैं...
किन्तु
ध्यान रहे, ये समस्त फल सामान्य हैं | व्यक्ति विशेष की कुण्डली का व्यापक अध्ययन करके ही
किसी निश्चित परिणाम पर पहुँचा जा सकता है | अतः कुण्डली का
विविध सूत्रों के आधार पर व्यापक अध्ययन कराने के लिए किसी Vedic Astrologer के पास ही जाना उचित रहेगा |
मेष : आपका तृतीयेश और
षष्ठेश आपके चतुर्थ भाव में गोचर कर रहा है | एक
ओर आपकी प्रतियोगी क्षमताओं में वृद्धि की सम्भावना है जिसके कारण आप नवीन
प्रोजेक्ट्स प्राप्त करने में समर्थ हो सकते हैं, तो दूसरी
ओर पारिवारिक स्तर पर कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है | किन्तु आप अपने बुद्धिबल से सभी समस्याओं का समाधान कर पाने में सक्षम हो
सकते हैं | यदि आप किसी नौकरी में है या प्रतियोगी परीक्षा
की तैयारी में लगे हैं तो आपके लिए ये गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | किसी कोर्ट केस के माध्यम से प्रॉपर्टी का लाभ भी हो सकता है |
वृषभ : आपका द्वितीयेश और
पंचमेश आपकी राशि से तीसरे भाव में गोचर कर रहा है | इस
अवधि में आप अपने लक्ष्य के प्रति दृढ संकल्प रहेंगे | आपके
भाई बहनों तथा आपकी सन्तान के लिए भी यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | यदि आप नौकरी में हैं, लेखक हैं अथवा मीडिया से
सम्बन्ध रखते हैं अथवा दस्तकार हैं तो आपके लिए भाग्यवर्द्धक गोचर प्रतीत होता है |
मिथुन : आपका लग्नेश तथा
चतुर्थेश आपके द्वितीय भाव में गोचर कर रहा है | आपकी
वाणी प्रभावशाली रहेगी तथा अपने वाक्चातुर्य से आप अपने सभी कार्य समय पर पूर्ण
करने में समर्थ हो सकते हैं | आपकी वाणी तथा लेखन प्रतिभा
में निखार के साथ ही आपके कार्यों की सराहना भी होगी | परिवार का सहयोग आपको
प्राप्त रहेगा | प्रॉपर्टी के व्यवसाय में तथा लेखकों और
वक्ताओं को धनलाभ की सम्भावना है |
कर्क : आपके लिए द्वादशेश
और तृतीयेश होकर बुध आपकी राशि में ही गोचर कर रहा है |
यात्राओं में वृद्धि के संकेत हैं | किन्तु यात्राओं के दौरान
स्वास्थ्य की ओर से सावधान रहने की आवश्यकता है | जीवन साथी
के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखने की आवश्यकता है | अकारण ही
स्वभाव में चिडचिडापन भी आ सकता है | उससे बचने के लिए ध्यान
और प्राणायाम का अभ्यास करें | भाई बहनों का सहयोग आपको
प्राप्त होता रह सकता है |
सिंह : आपके लिए द्वितीयेश
और एकादशेश होकर बुध का गोचर आपकी राशि से बारहवें भाव में हो रहा है | आपका
कार्य यदि कहीं विदेशों से या किसी दूसरे शहर से सम्बन्धित है अथवा मीडिया या किसी
प्रकार की हीलिंग विधा से सम्बन्धित है तो आपके लिए आर्थिक लाभ के संकेत हैं | किन्तु ध्यान रहे, धन लाभ के साथ साथ धन के अपव्यय
की भी सम्भावनाएँ हैं | बजट बनाकर चलना आपके हित में रहेगा | जिस किसी भी कारण से आपको मानसिक तनाव हो सकता है उस स्थिति से बचने का
प्रयास करें |
कन्या : आपका राश्यधिपति तथा
दशमेश बुध आपकी राशि से लाभ स्थान में गोचर कर रहा है |
बुद्धिजीवियों, मीडियाकर्मियों, डॉक्टर
वैद्य, कॉमर्स अथवा मैनेजमेंट के क्षेत्र से सम्बद्ध लोगों
के लिए ये गोचर बहुत अनुकूल प्रतीत होता है | सहकर्मियों तथा
परिवार के लोगों का सहयोग उपलब्ध रहेगा | किसी घनिष्ठ मित्र के माध्यम से कोई नया
प्रोजेक्ट आपको प्राप्त हो सकता है जिसके कारण आप बहुत समय तक व्यस्त रहते हुए
अर्थलाभ कर सकते हैं | परिवार में किसी मंगलकार्य – जैसे किसी बच्चे का जन्म अथवा सन्तान
का विवाह आदि की भी सम्भावना है |
तुला : आपका द्वादशेश और
भाग्येश आपकी राशि से दशम स्थान में गोचर कर रहा है | आपके
लिए यह गोचर अत्यन्त शुभफलदायी प्रतीत होता है | कार्य से
सम्बन्धित विदेश यात्राओं में वृद्धि के योग हैं | इन
यात्राओं से आपके व्यवसाय में भी लाभ हो सकता है | आप
तीर्थाटन के लिए भी जा सकते हैं | नौकरी में हैं तो वर्तमान
नौकरी छोड़कर किसी दूसरी जगह भी नौकरी कर सकते हैं |
आध्यात्मिक और धार्मिक गतिविधियों में वृद्धि के भी संकेत हैं |
वृश्चिक : आपका एकादशेश और
अष्टमेश भाग्य स्थान में गोचर कर रहा है | कार्य
की दृष्टि से भायावर्द्धक समय प्रतीत होता है | आपको अचानक
ही किसी ऐसे स्थान अथवा कार्य से लाभ हो सकता है जिसके विषय में आपने सोचा भी नहीं
होगा अथवा जिसकी आशा आप त्याग चुके होंगे | वहीं दूसरी ओर
गुप्त शत्रुओं की ओर से भी सावधान रहने की आवश्यकता है |
थोड़ा संघर्ष तो करना पड़ेगा, किन्तु अन्त में आपके कार्य में
उन्नति के भी संकेत हैं | धार्मिक अथवा आध्यात्मिक
गतिविधियों में वृद्धि के भी संकेत हैं |
धनु : आपका सप्तमेश और
दशमेश आपकी राशि से अष्टम भाव में गोचर कर
रहा है | आपके कार्य में वृद्धि की सम्भावना है | नौकरी में हैं तो पदोन्नति की भी सम्भावना है |
नौकरी के लिए इन्टरव्यू की तैयारी में हैं तो उसमें भी सफलता प्राप्त हो सकती है | किन्तु अपने तथा अपने जीवन साथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखने की आवश्यकता
है | जीवन साथी के साथ किसी प्रकार के विवाद से बचने के लिए
अपने Temperament को नियन्त्रण में रखने की आवश्यकता है | प्राणायाम तथा ध्यान को अपनी दिनचर्या का अंग बना लेंगे तो इससे बच सकते
हैं | किसी कोर्ट
केस के अनुकूल दिशा में आगे बढ़ने की सम्भावना है |
मकर : आपका षष्ठेश और
भाग्येश आपकी राशि से सप्तम भाव में गोचर कर रहा है |
इन्टरव्यू आदि के तैयारी कर रहे हैं तो उसमें सफलता प्राप्त हो सकती है | किन्तु परिश्रम अधिक करना पड़ेगा | शत्रुओं की ओर से
सावधान रहने की आवश्यकता है | जीवन साथी का सहयोग आपको
प्राप्त रहेगा | परिवारजनों के साथ किसी प्रकार का विवाद
सम्भव है | विवाद कोर्ट तक न पहुँचने पाए इसके लिए अच्छा यही
रहेगा कि पिता अथवा परिवार के किसी बुज़ुर्ग व्यक्ति की मध्यस्थता से उस विवाद को
आपस में ही सुलझा लें |
कुम्भ : पंचमेश और अष्टमेश
का गोचर छठे भाव में हो रहा है | आपके ज्ञान में वृद्धि का समय है | आप उच्च शिक्षा के लिए भी कहीं बाहर प्रस्थान कर सकते हैं | आपकी सन्तान तथा विद्यार्थियों के लिए भी समय आनुकूल प्रतीत होता है | आपकी सन्तान का सहयोग भी आपको प्राप्त रहेगा |
कार्य में उन्नति तथा धनप्राप्ति के भी संकेत हैं |
पॉलिटिक्स से सम्बद्ध लोहों के लिए ये गोचर अघिक अनुकूल प्रतीत होता है | आप इस अवधि में किसी भी प्रकार के विरोध को समाप्त करने में समर्थ हो
सकते हैं |
मीन : चतुर्थेश और सप्तमेश
का गोचर आपकी राशि से पंचम भाव में हो रहा है | एक
ओर जहाँ परिवार के लोगों का सहयोग प्राप्त होता रहने की सम्भावना है वहीं दूसरी ओर
सन्तान की ओर से भी कोई शुभ समाचार प्राप्त हो सकता है |
जीवन साथी के साथ भी सम्बन्ध मधुर बने रह सकते हैं |
विद्यार्थियों तथा इन्टरव्यू की तैयारी कर रहे लोगों के लिए गोचर अनुकूल प्रतीत
होता है | लेखकों तथा बुद्धिजीवियों को अपने कार्य के लिए
कोई पुरूस्कार अथवा सम्मान भी प्राप्त हो सकता है |
अन्त
में, ग्रहों के गोचर अपने नियत समय पर होते ही रहते हैं – यह एक ऐसी
खगोलीय घटना है जिसका प्रभाव मानव सहित समस्त प्रकृति पर पड़ता है | वास्तव में सबसे
प्रमुख तो व्यक्ति का अपना कर्म होता है | तो, कर्मशील रहते हुए अपने लक्ष्य की ओर हम सभी
अग्रसर रहें यही कामना है...
https://www.astrologerdrpurnimasharma.com/2019/06/20/mercury-transit-in-cancer-2/