मेष,
वृषभ और मिथुन राशि के जातकों के लिए गुरु का मकर में गोचर
सोमवार 29 मार्च 2020, चैत्र शुक्ल षष्ठी को 27:55 (अर्द्धरात्र्योत्तर
तीन बजकर पचपन मिनट) के लगभग आयुष्मान योग और कौलव करण में गुरुदेव का गोचर मकर
राशि में हुआ था | लेकिन 14 मई 2020 को
रात्रि 7:47 के लगभग वक्री होते हुए गुरु तीस जून 2020
को सूर्योदय से पूर्व पाँच इक्कीस के लगभग वापस अपनी राशि धनु में
पहुँच गए थे | तेरह सितम्बर 2020 को
प्रातः 6:35 के लगभग धनु राशि में ही मार्गी होना आरम्भ किया
था और अब 20 नवम्बर 2020 को दिन में 13:24
के लगभग पुनः मकर राशि में आ जाएगा | इस समय
गुरुदेव उत्तराषाढ़ नक्षत्र पर होंगे | जहाँ से सात जनवरी 2021 से श्रवण नक्षत्र पर तथा पाँच मार्च 2021 से धनिष्ठा
नक्षत्र पर भ्रमण करते हुए अन्त में 5/6 अप्रैल 2021 को अर्द्धरात्रि में 00:25 के लगभग शनि की दूसरी
राशि कुम्भ में प्रविष्ट हो जाएँगे | ग्यारह जनवरी 2021 से 12
फरवरी 2021 तक गुरुदेव अस्त भी रहेंगे | गुरुदेव के लिए मकर राशि नीच राशि है और गुरु तथा शनि के परस्पर
सम्बन्धों की बात करें तो न तो दोनों में मित्रता है न ही शत्रुता – दोनों परस्पर
सम ग्रह हैं | गुरु की राशि धनु से मकर राशि द्वितीय भाव तथा मीन से एकादश भाव
बनती है | जबकि मकर राशि के लिए गुरु तृतीयेश और द्वादशेश बन जाता है | मकर राशि
से नीच के गुरु की दृष्टियाँ वृषभ, कर्क तथा कन्या राशियों
पर रहेंगी | अतः इन राशियों के जातकों को विशेष रूप से सावधान रहने की आवश्यकता
होगी | कर्क गुरु की उच्च राशि भी है | इन्हीं समस्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए
जानने का प्रयास करते हैं कि उपरोक्त तीनों राशियों के लिए गुरुदेव के मकर राशि
में गोचर के क्या सम्भावित परिणाम हो सकते हैं...
किन्तु
ध्यान रहे, किसी एक ही ग्रह के गोचर के आधार पर
स्पष्ट फलादेश करना अनुचित होगा | उसके लिए योग्य Astrologer
द्वारा व्यक्ति की कुण्डली का विविध सूत्रों के आधार पर व्यापक
अध्ययन आवश्यक है | साथ ही, कोरोना का आतंक अभी समाप्त नहीं हुआ है | ऐसे में यह समय है
परिवार के साथ परस्पर घुल मिलकर बैठने का तथा सावधानी बरतने का और कोरोना से बचाव
के सम्बन्ध में सरकार द्वारा दिए गए दिशानिर्देशों का पालन करने का |
मेष राशि के
लिए गुरु आपका नवमेश और द्वादशेश है और आपके नवम भाव से दशम भाव – जो की कर्म
स्थान होता है – में प्रवेश करने जा रहा है | दशम भाव
से गुरु की दृष्टियाँ आपके दूसरे भाव – जो कि धन का भाव होता है, चतुर्थ भाव – जो की घर परिवार वाहन आदि का भाव कहलाता है तथा आपके छठे
भाव - जो कि स्वास्थ्य आदि के लिए देखा जाता है - पर इसकी दृष्टियाँ होंगी |
यद्यपि गुरु नीच का हो रहा है और अपने राश्यधिपति के साथ ही गोचर भी कर रहा है, किन्तु फिर भी आपके कार्य की दृष्टि से यह गोचर अत्यन्त महत्त्वपूर्ण
प्रतीत होता है | कार्य में प्रगति का समय प्रतीत होता है जिसके कारण आपकी आर्थिक
स्थिति में भी सुधार की सम्भावना की जा सकती है | कोई नया कार्य भी आप आरम्भ कर
सकते हैं जिसके कारण दीर्घकाल तक व्यस्त रहते हुए धनलाभ कर सकते हैं | पारिवारिक
सुख में भी वृद्धि की सम्भावना इस अवधि में की जा सकती है | परिवार में किसी मंगल
कार्य की सम्भावना भी की जा सकती है |
आपका व्यय और भाग्य स्थानों का स्वामी होकर गुरु आपके कर्म स्थान से आपके
धन भाव को देख रहा है | यदि आपने कहीं पैसा किया हुआ है तो उसमें धनलाभ की
सम्भावना की जा सकती है | पैसा कहीं Invest किया हुआ है तो वहाँ से भी धनलाभ की
सम्भावना की जा सकती है | किन्तु इसके साथ ही कार्य से सम्बन्धित ट्रेवल आदि के
कारण आपके खर्चों में भी वृद्धि की सम्भावना है | ध्यान दें कि ऐसा क्या कर सकते
हैं कि कार्य भी समय पर सम्पन्न होते रहे और ट्रेवल में खर्चे भी अधिक न हों –
क्योंकि इस वर्ष आपको कार्य की अधिकता रह सकती है | आपके चतुर्थ भाव पर भी कर्म
भाव से गुरु की दृष्टि आ रही है | ऐसा भी सम्भव है आप कोई ऐसा कार्य करने का मन
बना लें जो अपने घर से ही कर सकते हों | आप किसी प्रॉपर्टी पर पैसा खर्च कर सकते
हैं | किन्तु अभी नई प्रॉपर्टी खरीदना आपके लिए अनुकूल नहीं रहेगा | पैसे के लेन
देन में सावधानी रखने की आवश्यकता है | साथ ही ऐसे लोगों को पहचान कर उनसे दूर
रहने की आवश्यकता है जो आपके लिए किसी प्रकार भी नकारात्मक हो सकते हैं | यदि आप
कोई शोध कार्य कर रहे हैं तो उसमें प्रगति की तथा सफलता प्राप्त होने की सम्भावना
की जा सकती है | यदि आप अध्ययन अध्यापन का अथवा किसी प्रकार की Alternative
Healing जैसे होमेयोपेथी या किसी प्रकार की Counselling आदि के क्षेत्र से सम्बद्ध हैं तो आपके कार्य में प्रगति की सम्भावना है |
स्वास्थ्य की दृष्टि से यह
गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | किसी पुरानी बीमारी से भी इस अवधि में मुक्ति
प्राप्त हो सकती है | मानसिक शान्ति इस अवधि में बनी रहेगी |
अविवाहित हैं तो किसी
सहकर्मी के साथ प्रेम सम्बन्ध स्थापित हो सकता है, किन्तु विवाह में अभी समय लग सकता है | विवाहित हैं तो
दाम्पत्य जीवन में माधुर्य बना रहेगा | आप वंशवृद्धि की योजना भी बना सकते हैं |
वृषभ राशि से अष्टमेश और
एकादशेश होकर गुरु का गोचर इस राशि से नवम भाव में हो रहा है | जहाँ से गुरु की
दृष्टियाँ आपके लग्न, तृतीय भाव तथा पञ्चम भावों पर आ रही हैं | आपके लिए यह गोचर
मिश्रित फल देने वाला प्रतीत होता है | एक ओर आपका कार्य सुचारु रूप से चलता
रहेगा, किन्तु शारीरिक स्वास्थ्य कार्य में बाधा भी उत्पन्न कर सकता है | साथ ही
गुप्त शत्रुओं की ओर से भी सावधान रहने की आवश्यकता है | किसी नौकरी में हैं बॉस
से किसी प्रकार का पंगा लेने का प्रयास न करें | यद्यपि आपके अधिकारीगण आपके कार्य
की सराहना करेंगे, अतः यदि आपने समझदारी से काम लिया तो आपके लिए पदोन्नति के अवसर भी हो
सकते हैं | पैसे के लेन देन में सावधानी रखने की आवश्यकता है | ये कहीं पैसा Invest
करना चाहते हैं तो उसके लिए समय अनुकूल नहीं प्रतीत होता | घनिष्ठ
मित्र का सहयोग इस अवधि में आपको प्राप्त रह सकता है | किसी ऐसे स्थान से भी आपके
लिए कार्य का प्रस्ताव आ सकता है जहाँ के विषय में आप बहुत पहले से चाहते रहे
होंगे, किन्तु जो भी निर्णय लेना हो भली भाँति सोच समझकर ही
लें |
किसी मित्र के साथ पार्टनरशिप में कोई
नया कार्य आरम्भ करना चाहते हैं तो उसके लिए यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है |
नौकरी की तलाश है तो वह भी इस अवधि में पूर्ण हो सकती है | नौकरी में पदोन्नति की
भी सम्भावना है | आपका कोई शोध कार्य अथवा कोई नवीन प्रोजेक्ट समय पर पूर्ण हो
सकता है जिसका लाभ आपको अपने कार्य में मिलेगा | छोटे भाई बहनों के साथ सम्बन्ध
सौहार्दपूर्ण बने रह सकते हैं | आपकी सन्तान के लिए भी यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता
है | इसके अतिरिक्त जिन लोगों का पॉलिटिक्स से कोई सम्बन्ध है उनके लिए यह गोचर
अनुकूल प्रतीत होता है, किन्तु उन्हें गुप्त शत्रुओं की ओर से सावधान रहने की भी आवश्यकता होगी |
अविवाहित हैं तो विवाह के लिए प्रयास
कर सकते हैं | वैवाहिक जीवन के लिए यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | दाम्पत्य जीवन
में माधुर्य बना रहने की सम्भावना है | किन्तु जीवन साथी के प्रति ईमानदार रहने की
भी आवश्यकता है | आप इस अवधि में अपने वंश की वृद्धि यानी सन्तानोत्पत्ति की दिशा
में भी प्रयास कर सकते हैं |
स्वास्थ्य का ध्यान रखने की आवश्यकता
है – विशेष रूप से चौदह मई से तेरह सितम्बर तक | विशेष रूप से पेट अथवा लीवर से
सम्बन्धित कोई समस्या इस अवधि में हो सकती है | अतः खान पान में सावधानी बरतने की
आवश्यकता है |
मिथुन राशि से सप्तमेश और
दशमेश होकर गुरु का गोचर इस राशि से अष्टम भाव में हो रहा है | जहाँ से गुरु की
दृष्टियाँ आपके बारहवें भाव, धन स्थान तथा चतुर्थ भाव पर आ रही हैं | एक ओर जहाँ
आपके उत्साह में वृद्धि के संकेत हैं वहीं आपकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार की
सम्भावना है | किन्तु साथ ही अनावश्यक बातों पर पैसा भी अधिक खर्च हो सकता है |
यों आप और आपके जीवन साथी दोनों के लिए यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | यदि आप
पार्टनरशिप में कार्य कर रहे हैं अथवा आरम्भ करना चाहते हैं तो आपके लिए अनुकूल
समय प्रतीत होता है | नौकरी में हैं तो भी आपके लिए पदोन्नति के अवसर प्रतीत होते
हैं | किसी नई नौकरी की खोज में हैं तो वहाँ भी सफलता प्राप्त होने की सम्भावना है
| किन्तु परिश्रम अधिक करना पड़ सकता है | साथ ही विरोधियों की ओर से भी सावधान
रहने की आवश्यकता है | इसके अतिरिक्त परिवार में अकारण ही किसी बात पर क्लेश भी हो
सकता है | पैसे के Investment
के सम्बन्ध में कोई महत्त्वपूर्ण निर्णय लेना हो तो चौदह मई से तेरह
सितम्बर के मध्य लेना उचित रहेगा | किसी वसीयत के माध्यम से अर्थलाभ की सम्भावना
है |
यदि आपका कार्य विदेश से सम्बन्धित है
तो विदेश यात्राओं में वृद्धि की भी सम्भावना है | इन यात्राओं के दौरान आपको कुछ
समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है | किसी प्रकार का विवाद यदि किसी के साथ चल
रहा हो तो उसे समय रहते आपसी बातचीत से सुलझाने का प्रयास करें अन्यथा कोर्ट केस
भी हो सकता है जो लम्बे समय तक आपको परेशान कर सकता है | किसी ऐसे स्थान से कार्य
का प्रस्ताव आ सकता है जहाँ के विषय में आपने सोचा भी नहीं होगा, किन्तु सोच समझकर ही
कोई निर्णय लें | आपकी वाणी इस समय प्रभावशाली रहेगी, उसका
लाभ उठाना आप पर निर्भर करता है | पॉलिटिक्स से जुड़े लोगों के लिए पदलाभ का समय
प्रतीत होता है, किन्तु इस पद में अनेक प्रकार के विरोधों का
भी सामना करना पड़ सकता है |
अविवाहित हैं तो अभी विवाह के लिए समय
उपयुक्त नहीं प्रतीत होता | विवाहित हैं तो भी जीवन साथी के प्रति ईमानदार रहने की
आवश्यकता | ध्यान रहे, कोई पुराना प्रेम सम्बन्ध आपके वैवाहिक जीवन में कटुता उत्पन्न कर सकता
है |
स्वास्थ्य की ओर से भी सावधान रहने की
आवश्यकता है, और इसके लिए खान पान पर संयम रखने की भी आवश्यकता है, अन्यथा कोई विकट
समस्या स्वास्थ्य से सम्बन्धित उत्पन्न हो सकती है | योग और ध्यान को अपनी
दिनचर्या का अंग बना लेंगे तो बहुत सी समस्याओं से बचे रह सकते हैं | यदि आप एक
महिला हैं तो आपको अपने जीवन साथी के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखने की आवश्यकता है |
किन्तु ध्यान रहे, ये परिणाम सामान्य हैं | किसी
कुण्डली के विस्तृत फलादेश के लिए केवल एक ही ग्रह के गोचर को नहीं देखा जाता | साथ ही,
ग्रहों के गोचर अपने निश्चित समय पर होते ही रहते हैं, सबसे प्रमुख तो व्यक्ति का अपना कर्म होता है | हम सभी कर्मशील रहते हुए आगे बढ़ते रहें और कोरोना जैसे
भयानक रोग पर समस्त विश्व को विजय प्राप्त हो, यही कामना है...