हिन्दी पञ्चांग
शुक्रवार, 16 नवम्बर 2018 – नई दिल्ली
विरोधकृत विक्रम सम्वत 2075 / दक्षिणायन
सूर्योदय
: 06:44 पर तुला में / 18:32 पर
वृश्चिक में प्रवेश / विशाखा नक्षत्र
सूर्यास्त
: 17:27 पर
चन्द्र राशि : कुम्भ
चन्द्र नक्षत्र : धनिष्ठा 11:45 तक, तत्पश्चात शतभिषज (पंचक)
तिथि : कार्तिक शुक्ल अष्टमी 09:39 तक, तत्पश्चात कार्तिक शुक्ल नवमी / गोपाष्टमी /
वृश्चिक संक्रान्ति
करण : बव 09:39 तक,
तत्पश्चात बालव 22:50 तक, तत्पश्चात कौलव
योग : ध्रुव 18:28 तक,
तत्पश्चात व्याघात
राहुकाल : 10:46 से 12:06
यमगंड : 14:44 से 16:05
गुलिका : 08:07 से 09:28
अभिजित मुहूर्त : 11:45 से 12:28
अन्य : शुक्र तुला में मार्गी 16:22 पर / गुरु वृश्चिक में अस्त
विशेष :
कार्तिक शुक्ल अष्टमी “गोपाष्टमी” के नाम से विशेष रूप से मथुरा, वृन्दावन तथा बृज के क्षेत्र में
मनाया जाने वाला पर्व है | माना जाता है कि बृजवासियों को इन्द्र के कोप से बचाने
के लिए भगवान श्री कृष्ण ने कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा यानी गोकार्धन पूजा के दिन
अपनी कनिष्ठिका अँगुली पर गोवर्धन पर्वत को उठाकर समस्त ग्रामवासियों को उसकी शरण
में लिए था और साथ दिनों तक इसी प्रकार ग्रामवासियों की रक्षा करते रहे | अन्त
कार्तिक शुक्ल अष्टमी को इन्द्र ने अपनी पराजय स्वीकार की | उसी की स्मृति में गाय
और गौवत्स की पूजा अर्चना गोपाष्टमी के दिन की जाती है | इसके साथ ही शुक्रवार को शुक्र
मार्गी हो जाएगा | शुक्रवार को ही वृश्चिक संक्रान्ति भी है – सायं छह बजकर बत्तीस
मिनट पर सूर्य का प्रवेश वृश्चिक राशि में हो रहा है |