नवमं सिद्धिदात्री
आश्विन शुक्ल नवमी – नवम नवरात्र – भगवती के सिद्धिदात्री रूप की उपासना... यों तो देवी के समस्त रूप ही सिद्धिदायक हैं – यदि पूर्ण भक्ति भाव और निष्ठा पूर्वक उपासना की जाए... किन्तु जैसा कि नाम से ही ध्वनित होता है – सिद्धि अर्थात् सफलता प्रदान करने वाली – मोक्षप्रदायिनी देवी... तो आइये, कन्या पूजन के साथ हर्षोल्लासपूर्वक अगले नवरात्रों में आने का निमन्त्रण देते हुए माँ भगवती को विदा करें... इस कामना के साथ कि माँ भगवती अपने सभी रूपों में जगत का कल्याण करें...
यातु देवी त्वां पूजामादाय मामकीयम् |
इष्टकामसमृद्ध्यर्थं पुनरागमनाय च ||
................कात्यायनी....