मन की वृत्ति :
मन की वृत्ति होती है
पुरानी आदतों की लीक से चिपके रहना और उन अनुभवों के विषय में सोचना जो सम्भवतः
भविष्य में कभी न हों | मन वर्तमान में, यहीं और इसी समय में जीना नहीं जानता | ध्यान
हमें वर्तमान का अनुभव करना सिखाता है | ध्यान की सहायता से जब मन अन्तःचेतना में
केन्द्रित हो जाता है तो वह अपनी आत्मा के गहनतम स्तर में प्रवेश कर जाता है | और
तब मन किसी प्रकार का भेद अथवा बाधा उत्पन्न नहीं करता और पूर्ण रूप से चेतना को
केन्द्रित करने की शक्ति प्राप्त कर लेता है | और यही ध्यान की पहली शर्त है | वे
लोग वास्तव में भाग्यशाली हैं जिन्हें इस सत्य का ज्ञान है और जिन्होंने ध्यान का
अभ्यास आरम्भ कर दिया है | उनसे भी अधिक सौभाग्यशाली वे लोग हैं जो नियमित रूप से
ध्यान का अभ्यास कर रहे हैं | और सबसे अधिक सौभाग्यशाली वे कुछ लोग हैं जिन्होंने
ध्यान को अपने जीवन में प्राथमिकता दी है और नियमित रूप से इसका अभ्यास करते हैं |
ध्यान का अभ्यास आरम्भ
करने से पहले यह समझना आवश्यक है कि ध्यान वास्तव में है क्या | फिर अपने अनुकूल
अभ्यास का चयन करके कुछ समय तक बिना किसी अवकाश के और यदि सम्भव हो तो प्रत्येक
दिन एक निश्चित समय पर इसका अभ्यास करने की आवश्यकता है | कुछ लोगों में धैर्य का
अभाव होने के कारण वे कुछ समय अभ्यास करके छोड़ देते हैं और यह मान बैठते हैं कि यह
पद्धति निरर्थक और अप्रामाणिक है | यह तो ऐसा हुआ कि एक बच्चा ट्यूलिप का पौधा
लगाए और सोचने लगे कि सप्ताह भर में उस पर पुष्प आ जाएँगे – जो कि सम्भव ही नहीं
है – और ऐसा होते न देखकर निराश हो जाए | यदि आप नियमित अभ्यास करेंगे तो निश्चित
रूप से प्रगति होगी | नियमित अभ्यास से सुधार में असफल होने की सम्भावना ही नहीं
है | आरम्भ में आप अनुभव करेंगे कि शरीर का तनाव शान्त हो रहा है और भावनाओं में
स्थिरता आ रही है | धीरे धीरे और गहन अनुभव होने आरम्भ हो जाएँगे | ध्यान के कुछ
विशेष लाभ समय के साथ धीरे धीरे होते हैं – नाटकीय रूप से अथवा सरलता से नहीं हो
जाते | ध्यान का अभ्यास नियमित रूप से किया जाएगा तो ध्यान प्रगाढ़ होता जाएगा |
आगे हम बताएँगे कि इस बात का निश्चय कैसे किया जाए कि ध्यान में कितनी दृढ़ता आई है
और यह भी कि अगले चरण पर कब जाया जाए |
अगले अध्याय में हम बात
करेंगे कुछ दूसरी मानसिक प्रक्रियाओं के विषय में, जिन्हें भ्रमवश ध्यान समझ लिया
जाता है |
https://www.astrologerdrpurnimasharma.com/2019/10/10/meditation-and-its-practices-8/