Muhurta – मुहूर्त
लोग प्रायः कोई भी महत्त्वपूर्ण कार्य करने से पूर्व उस कार्य के लिए एक अच्छा और शुभ मुहूर्त निकलवाने के लिए Vedic Astrologer के पास जाते हैं | ये मुहूर्त आखिर होता क्या है ? मुहूर्त कहते किसे हैं ?
किसी भी कार्य के लिए जब पञ्चांगशुद्धि द्वारा एक विशेष समय को निश्चित किया जाता है तो वह मुहूर्त कहलाता है | Vedic Astrology के अनुसार इस समयविशेष के निर्णय के लिए पञ्चांग के जिन अवयवों का प्रयोग किया जाता है उनमें मुख्य हैं तिथि, वार, नक्षत्र, करण एवं योग | इन्हीं के आधार पर शुभ मुहूर्त का निश्चय किया जाता है | पंचांगों का शुद्ध होना भी उतना ही आवश्यक है जितना लग्न का शुद्ध होना | दैनिक व नित्य कर्म अपने समयानुसार होते रहते हैं और उनके लिए कोई मुहूर्त नहीं खोजा जाता | किन्तु जब कोई विशिष्ट कर्म करने जाते हैं तो उसके लिए शुभ घड़ी का विचार प्रायः किया जाता है | यदि कोई शुभ मुहूर्त नहीं भी मिल पाता है और उस विशिष्ट कार्य को किया जाना आवश्यक होता है तो अभिजित मुहूर्त अथवा गोधूलि वेला में उस कार्य को किया जा सकता है | और यह सब प्रक्रिया केवल एक अन्धविश्वास भर ही नहीं है |
प्रत्येक कार्य के लिए मुहूर्त विचार करने की प्रणाली भी भिन्न है | कुछ मुहूर्त किसी एक कार्य के शुभ हो सकते हैं तो किसी अन्य कार्य के लिए अशुभ भी हो सकते हैं | जैसे विशेष रूप से विवाह संस्कार के लिए आवश्यक माना जाता है कि गुरु और शुक्र अस्त नहीं होने चाहियें | किन्तु आपको कोई व्यवसाय आरम्भ करना है तो उसके लिए इस सब पर विचार करने की आवश्यकता नहीं होती | इस प्रकार मुहूर्त शास्त्र एक वृहद् शास्त्र है तथा इसके अनुसार प्रत्येक घड़ी का अपना महत्त्व होता है – क्योंकि समय बहुत मूल्यवान होता है और उसे व्यर्थ नहीं गँवाया जा सकता | यही कारण है कि कार्य की प्रकृति के अनुसार मुहूर्त का चयन किया जाता है | उदाहरण के लिए प्रतिदिन लगभग एक घंटा तीस मिनट की अवधि को राहुकाल माना जाता है और यह समय किसी भी शुभ कार्य अथवा यात्रा के लिए अनुकूल नहीं माना जाता | किन्तु यदि कोई आवश्यक कार्य ऐसा आ पड़े कि अचानक यात्रा करनी पड़ जाए, और यदि वह यात्रा न की जाए तो उसके कारण व्यवसाय में या अन्य किसी कार्य में कुछ हानि हो सकती है – तो क्या राहुकाल के भय से यात्रा स्थगित कर देंगे ? नहीं, ऐसा बिल्कुल नहीं करेंगे | ऐसे में ज्योतिषी होरा मुहूर्त का सहारा लेते हैं जो दिन में चौबीस घंटों में कार्य सिद्धि के अनेक सुअवसर प्रदान करते हैं |
यह भी सत्य है कि शुभ मुहूर्त में कार्य करके बहुत सी बाधाओं से बचा जा सकता है, किन्तु साथ ही यह भी उतना ही सत्य है कि शुभ मुहूर्त में कार्य करके किसी का भाग्य तो नहीं बदला जा सकता, लेकिन यदि कुछ दोष प्रतीत होता है तो उसे कम अवश्य किया जा सकता है | भाग्य तो व्यक्ति द्वारा किये गए उचित प्रयासों पर ही निर्भर करता है | यदि मुहूर्त शुभ है तब भी उसका सुफल भी तभी प्राप्त होगा जब व्यक्ति के संचित कर्म शुभ होंगे तथा लक्ष्य की प्राप्ति के लिए उचित दिशा में प्रयास किये जाएँगे…
अतः किसी अन्धविश्वास का शिकार हुए बिना श्रमशील रहते हुए उचित दिशा में प्रयासरत रहकर शुभ मुहूर्त में कार्य का आरम्भ करें और लक्ष्यप्राप्ति में सफलता प्राप्त करें…