मैं तो
हर पल / मस्ती में भर / बस गाए जा रही हूँ मीठे गान
न पता
मुझे किसी छन्द का / रच जाते हैं गीत बस यों ही
न ही
याद कोई सरगम है / बन जाती है कोई धुन बस यों ही
शायद
यही है नियति मेरी / बन जाऊँ ऐसी धुन
गुनगुनाती
रहे जो सदियों तक / हर किसी की यादों में…
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