
प्रिय मित्रों, सोशल मीडिया से ज्ञात हुआ आज पितृ दिवस यानी Father’s
Day है... तो जैसा कि हम सभी जानते हैं – भारत जैसे देश में - जहाँ सारा
परिवार एक इकाई होता है – इस प्रकार के दिवसों की आवश्यकता नहीं है, किन्तु साथ ही यह भी सत्य है कि इस प्रकार के दिवसों के आयोजन से एक
उत्सव जैसा वातावरण बन जाता है जो वास्तव में आह्लादकारी होता है... हम कहना
चाहेंगे कि हमारे पूज्य पिताजी पण्डित यमुना प्रसाद कात्यायन जी जब तक जीवित रहे
एक आदर्श गुरु और आदर्श मित्र के समान हमारा मार्गदर्शन करते रहे... हमने जो कुछ
सीखा अपने पूज्य पिताजी और माता जी से ही सीखा... पूज्य पिताश्री श्रद्धांजलि
समर्पित करते हुए प्रस्तुत हैं कुछ पंक्तियाँ...
तुम शिवशंकर के आराधक, मस्ती में मस्त सदा रहते |
तुम वर्तमान में जिए
सदा, ना भूत भविष्यत को
तकते ||
तुम ही गुरु और मित्र
भी तुम, ना कोई
तुम्हारे जैसा है |
तव नेह और आशीषों से पथ
मेरा ज्योतित होता है ||
मेरे गीतों के शब्द
शब्द में झलक तुम्हारी ही मिलती |
भावों में तुम भावित
होते, हर सरगम तुमसे ही
सजती ||
जग से परिचय करवा मेरा, तुम कहाँ जा छिपे तात कहो |
दुःख की ये नीरव निशा
अरे कैसे पाए सुप्रभात कहो ||
हो तुम्हीं एक आदर्श
मेरे, तुमसे ही ज्ञान
मिला मुझको |
कर्तव्य मार्ग पर डटी
रहूँ, आशीष मुझे बस इतना
दो ||
4 जुलाई 1955 को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में जन्म | शिक्षा दीक्षा उत्तर प्रदेश के ही जिला बिजनौर के नजीबाबाद में सम्पन्न |
शिक्षा दीक्षा : संस्कृत तथा तबला में पोस्ट ग्रेजुएशन, गायन तथा कत्थक में ग्रेजुएशन, गुरु शिष्य परम्परा में गायन-तबला तथा जयपुर घराने के कत्थक की शिक्षा, भारतीय दर्शन में पी एच डी |
आकाशवाणी नजीबाबाद से उदघोषण, संगीत संयोजन, लेखन, संगीत रूपक इत्यादि विधाओं के चलते 7 वर्ष तक जुड़ाव | इस बीच लगभग पाँच वर्ष तक रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय और गढ़वाल विश्वविद्यालयों में संस्कृत अध्यापन |
1983 से विवाह के बाद से आज तक ज्योतिष और योग से सम्बन्धित अनेक पुस्तकों का हिन्दी अनुवाद, साथ ही 35 वर्षों से भी अधिक के अनुभव के साथ एक लब्ध प्रतिष्ठ ज्योतिषी |
कुछ प्रसिद्ध मीडिया कम्पनियों के लिए भी लेखन कार्य | लगभग दस वर्षों तक दूरदर्शन के प्रिव्यू पैनल पर एक्सपर्ट के रूप में कार्य |
प्रकाशित कार्य:
• बचपन से ही लेखन में गहन रूचि के कारण अनेक पत्र पत्रिकाओं में लेख लिखने का सौभाग्य |
• 2006 में अरावली प्रकाशन दिल्ली से देवदासियों के जीवन संघर्षों पर आधारित उपन्यास “नूपुरपाश” प्रकाशित |
• 2006 में ही व्यक्तिगत और सामाजिक अनुभवों पर आधारित प्रथम काव्य संग्रह “मेरी बातें” हिन्दी अकादमी दिल्ली के सौजन्य से अनमोल प्रकाशन दिल्ली से प्रकाशित |
• भारत के मध्यमवर्गीय परिवारों में नारियों के संघर्षमय जीवन की झलक प्रस्तुत करता उपन्यास “सौभाग्यवती भव” नाम से 2008 में भारतीय पुस्तक परिषद दिल्ली से प्रकाशित |
• बयार के समान उन्मुक्त भाव से प्रवाहित होती निरन्तर प्रगति पथ पर अग्रसर रहती महिलाओं पर ही आधारित उपन्यास “बयार” 2015 में एशिया पब्लिशर्स द्वारा प्रकाशित |
सम्प्रति:
• स्त्री-पुरुष के सम्बन्धों पर आधारित उपन्यास “विरक्त” शीघ्र ही प्रकाशित होने वाला है |
• अन्य अनेकों संस्थाओं की महासचिव रहने के बाद सम्प्रति WOW (Well-Being of Women) India नामक राष्ट्रीय स्तर की संस्था की महासचिव के रूप में क्षेत्र की एक प्रमुख समाज सेविका |
संपर्क सूत्र: 302, कानूनगो अपार्टमेंट, 71 इन्द्रप्रस्थ विस्तार, दिल्ली –92,
मोबाइल: 7042321200
वेबसाइट : https://www.astrologerdrpurnimasharma.in/
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