आपका लग्नेश गुरु योगकारक होकर लाभ स्थान में गोचर कर रहा है | दूसरा योगकारक बुध दूसरे भाव में सूर्य, शुक्र तथा केतु के साथ गोचर कर रहा है | लग्न में शनि का गोचर है | बुध आपका दशमेश भी है और अस्त भी है | यद्यपि आपको अपने कार्यक्षेत्र में कुछ उलझनों का सामना करना पड़ सकता है, किन्तु अपने बुद्धिबल तथा मित्रों और जीवन साथी के सहयोग से आप उन उलझनों को सरलता से पार कर सकते हैं |
उच्च शिक्षा के लिए, सन्तान के किसी कार्य के लिए अथवा अपने स्वयं के व्यवसाय से सम्बन्धित कार्य के लिए आपके दूर पास की यात्रा ओं के योग बन रहे हैं | इन यात्राओं में कुछ नए लोगों से भी भेंट होने की सम्भावना है जिनके कारण आपको वर्तमान में भी और भविष्य में लाभ की सम्भावना प्रतीत होती है | साथ ही इन नए लोगों का साथ आपको आत्मान्वेषण में भी सहायक सिद्ध हो सकता है |
ऐसा भी सम्भव है कोई व्यक्ति दुर्भावनाओं के साथ आपके पारिवारिक मामलों में हस्तक्षेप करने का प्रयास करे अथवा आपके और आपके परिवार के विषय में कुछ जानकारी लेने के प्रयास करे | ऐसे लोगों को पहचान कर उनसे सावधान रहने की आवश्यकता है | साथ ही अपने घर में काम कर रहे लोगों की ओर से भी सावधान अहने की आवश्यकता है | अपने Documents सम्भाल कर रखने की आवश्यकता है |
कुछ ऐसे Documents भी आपको प्राप्त हो सकते हैं जिनकी आपको बहुत समय से प्रतीक्षा भी थी और विशेष रूप से आवश्यकता भी थी | कोई रुका हुआ पैसा भी वापस मिल सकता है | जो लोग Accountancy, कॉमर्स, कम्प्यूटर, अध्यापन, हीलिंग प्रोफेशन आदि के व्यवसाय में हैं उनके लिए समय अधिक अनुकूल प्रतीत होता है |
प्रेम सम्बन्धों में किसी प्रकार का तनाव उत्पन्न हो सकता है अथवा किसी प्रकार की ग़लतफ़हमी का शिकार हो सकते हैं | किसी मित्र की सहायता से आप उस ग़लतफ़हमी को दूर करने का प्रयास कर सकते हैं | विवाहित हैं तो सम्बन्धों में सत्यता बनाए रखने की आवश्यकता है |
विवाहित हैं तो वंशवृद्धि के लिए प्रयत्न कर सकते हैं | किन्तु यदि आप गर्भवती महिला हैं तो आपको अपनी चिकित्सक के परामर्शों का पालन करने की तथा सावधानी रखने की आवश्यकता है | सामाजिक गतिविधियों में खान पान पर नियन्त्रण रखने की भी आवश्यकता है | आपको अपने स्वयं के स्वास्थ्य के कारण अथवा परिवार में किसी बुज़ुर्ग की किसी गम्भीर बीमारी के कारण चिन्ता हो सकती है |