राहुल ने थोड़ा सा इमोशनल हो कर कहा , " मेरे बिना रह लोगी ? "
तो यहां से शुरू होती है , ये कहानी :
मध्य रात्रि होने को आ गयी है
सारा शहर सो गया है।
गलियां सुनसा
सिमरन की शादी वैभव से तय कर दी गई । सिमरन एक पढी लिखी हँसमुख , सुंदर
मीता के ऑफिस की आज छुट्टी है। रात को सोचकर सोई थी कि साढ़े पांच के बजाय साढ़े छै: बजे उठेगी। घड़ी देखी तो अभी केवल छै: बजे हैं। सासू मां की भी कोई आहट नहीं थी। अंगड़ाई लेकर करवट बदली तो सीधे सवा सात
सुबह जल्दी उठकर सोनम ने राज के साथ योगा और फिर चाय साथ में पीते हुए कहा कि लगता है कि इस महीने का
कभी-कभी दौड़ जीतने के लिए नहीं बल्कि बहुत दूर तक जाने के लिए भी दौड़ि जाती है।