सभी के लिए 23 मार्च से 29
मार्च तक का साप्ताहिक राशिफल
इन दिनों सारा विश्व कोरोना जैसी
महामारी से जूझ रहा है, ऐसे में सभी का सारे काम रुके हुए हैं | सबसे पहली
आवश्यकता है इस महामारी से मुक्ति प्राप्त करने की, न कि अपने कार्य अथवा किसी
अन्य विषय में सोचने विचारने की | हम सभी आत्म संयम का परिचय दें और घर से बाहर
तभी निकलें जब कोई आवश्यक कार्य हो | “सोशल डिस्टेंसिंग” यानी समाज में एक दूसरे
से परस्पर यथा सम्भव दूरी बनाए रखना तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिए गए निर्देशों
का पालन करना अत्यन्त आवश्यक है | सम्भव है आपको इस अवधि में कोई नवीन प्रोजेक्ट
प्राप्त हो भी जाए, लेकिन कार्य तो
मनुष्य जीवन भर करता रहता है और अर्थ प्राप्ति भी जीवन भर चलती रहती है, अतः अभी यदि कोई नवीन प्रोजेक्ट प्राप्त हो भी रहे हों तो उन पर ध्यान
देने की अपेक्षा उचित यही रहेगा कि आपके घरों में बैठकर इस बीमारी को फैलने से
रोकने का प्रयास करें |
ज्योतिष के विद्वान इस महामारी के
विषय में बहुत सी भविष्यवाणियाँ कर रहे हैं,
बहुत से प्राचीन ग्रन्थों के सन्दर्भ प्रस्तुत कर रहे हैं | हमारा प्रश्न केवल
मात्र यही है कि जिन प्राचीन ग्रन्थों से उद्धरण प्रस्तुत किये जा रहे हैं वो समय
रहते क्यों नहीं प्रस्तुत किये गए ? यदि पहले से ये सब देख लिया होता तो इस प्रकार
से ये वायरस इतना अधिक भयावह रूप न ले पाता |
कुछ लोग कहेंगे कि अभी तक गुरुदेव
राहु-केतु के बीच फँसे हुए थे और शनिदेव अभी कुछ समय पहले वहाँ से निकल कर अपनी
स्वयं की राशि में आए हैं | यहाँ आते ही उनके प्रकोप का सामना करना पड़ा | कुछ लोग
ऐसा भी बोल सकते हैं कि गुरु का प्रवेश नीच की राशि मकर में हो गया है और तीस जून
तक जब तक कि वक्री होकर वापस से धनु में नहीं पहुँच जाता तब तक इस आपत्ति से
मुक्ति सम्भव नहीं क्योंकि अभी अंगारक मंगल भी अपनी उच्च राशि में जाकर बल प्राप्त
कर रहा है तथा गुरु और शनि के साथ युति कर रहा है, और चार मई को जब मंगल यहाँ से
निकल जाएगा तब इस बीमारी में कमी आनी आरम्भ होगी, इसकी कोई औषधि उस समय तक प्राप्त
हो जाएगी और तीस जून आते आते सब कुछ धीरे धीरे सामान्य होना आरम्भ हो जाएगा | धीरे
धीरे इसलिए कि शनि का समय भी चल रहा है | इस प्रकार की बहुत सी सम्भावनाओं पर
हमारे ज्योतिषी कार्य कर रहे हैं | किन्तु जब तक कोई परिणाम नहीं प्राप्त हो जाते
तब तक सब कुछ केवल अनुमान मात्र ही हैं | वैसे भी हम सदा बोलते आए हैं कि ज्योतिष
सम्भावनाओं का विज्ञान है |
इसीलिए हमारा मानना है कि इस समय
व्यक्तिगत राशिफल की ओर ध्यान दिए बिना और किसी भी प्रकार के अन्धविश्वास का शिकार
हुए बिना मिलकर स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों का पालन करते हुए कुछ समय के लिए
शान्त बैठकर इस वायरस को हराने का प्रयास करें | इसे आप इस प्रकार समझिये कि कोई
जहाज़ समुद्र में डूब जाता है तो क्या ये मान लिया जाए कि उस दिन सारे के सारे
यात्रियों का मारक योग था ? या फिर ऐसा कि आपकी राशि के लिए ग्रहों का गोचर कार्य
की दृष्टि से भी, अर्थ की दृष्टि से भी
और स्वास्थ्य की दृष्टि से भी बहुत अनुकूल चल रहा हो, किन्तु
वायरस को फैलने से रोकने के लिए आप कहीं आ जा नहीं सकें तो ग्रहों के गोचर आपके
लिए अनुकूल होते हुए भी कोई फल कैसे दे पाएँगे ?
सत्य तो यही है कि प्राकृतिक आपदाओं
के समक्ष सारे राशिफल व्यर्थ हो जाते हैं | इसलिए यह समय है आत्मावलोकन का और आत्म
संयम का | किसी भी वायरस के प्रकोप से भयभीत हुए बिना संयम के साथ अपने मन में इस
प्रकार का संकल्प लें कि इस महामारी को दूर भगाएँगे और इस प्रकार की कल्पना करें
कि विश्व इससे मुक्त हो चुका है – वास्तव में इस सामूहिक संकल्प और सामूहिक कल्पना
का प्रभाव पड़ेगा | क्योंकि हमारे दृढ़ता के साथ लिए गए संकल्प और हमारी पूर्ण
मनोयोग से की गई कामनाएँ और कल्पनाएँ ही मूर्त रूप लेती हैं | वैसे भी, जब लगभग सारा विश्व ही इस आपदा से जूझ रहा है तो किसी भी व्यक्ति की
व्यक्तिगत राशि और उसके सम्भावित परिणामों का कोई महत्त्व नहीं रह जाता |
चैत्र नवरात्र के साथ उत्सव का समय आरम्भ होने जा रहे हैं - 23/24 मार्च को अमावस्या है और उसके बाद 25 मार्च से साम्वत्सरिक चैत्र नवरात्रों तथा गुडी पर्व और उगडी के साथ भारतीय हिन्दू नव वर्ष प्रमादी नामक विक्रम सम्वत 2077 का आरम्भ होने जा रहा है | 25 को भगवती के शैलपुत्री रूप की, 26 को ब्रह्मचारिणी रूप की, 27 को चन्द्रघंटा रूप की, 28 को कूष्माण्डा रूप की और 29 को स्कन्दमाता रूप की उपासना की जाएगी | माँ भगवती को नमन करते हुए हम सभी मिलकर संकल्प लें कि इस महामारी को हराएँगे और पूर्ण मनोयोग से कल्पना करें कि हरा दिया है – सामूहिक स्तर पर ऐसा होगा तो माँ भगवती सभी कल्याण करेंगी और समस्त विश्व कोरोना जैसे महामारी पर विजय प्राप्त करने में सफल होगा – आज के साप्ताहिक राशिफल में केवल इतना ही...