किसी भी व्यक्ति के लिए अपने विचारों और भावनाओं पर नियन्त्रण रखना अत्यन्त आवश्यक है | सकारात्मक विचार वाले व्यक्ति के हृदय में प्रेम, उल्लास और उत्साह की ऐसी सरिता प्रवाहित होती है कि उसे समस्त संसार ही प्रेममय-उल्लासमय तथा उत्साहयुक्त प्रतीत होने लगता है | हर जड़ चेतन में वह केवल प्रेम का, उत्साह का और सकारात्मकता का ही अनुभव करता है और इसीलिए उसे हर ओर – समस्त प्रकृति में – मानव मात्र में – जीवमात्र में – केवल उल्लास ही उल्लास दीख पड़ता है |
जिस व्यक्ति के मन में भय, क्रोध, ईर्ष्या, लालच, घृणा जैसे नकारात्मक विचार होंगे वह क्या किसी से प्रेम करेगा ? और जो प्रेम नहीं कर सकता वह कैसे उल्लासमय तथा उत्साह से पूर्ण जीवन व्यतीत कर सकता है ?
इसलिए हमें अपने विचार सदा सकारात्मक रखने चाहियें और अपनी भावनाओं को दूषित होने से बचाना चाहिए |
• कवियित्री, लेख िका, ज्योतिषी | ज्योतिष और योग से सम्बन्धित अनेक पुस्तकों का अंग्रेज़ी से हिन्दी में अनुवाद | कुछ प्रसिद्ध मीडिया कम्पनीज़ के लिये भी लेखन | प्रकाशित उपन्यासों में अरावली प्रकाशन दिल्ली से देवदासियों के जीवन संघर्षों पर आधारित उपन्यास “नूपरपाश”, भारत के मध्यमवर्गीय परिवारों में नारियों के संघर्षमय जीवन की झलक प्रस्तुत करता भारतीय पुस्तक परिषद् दिल्ली से प्रकाशित उपन्यास “सौभाग्यवती भव” और एशिया प्रकाशन दिल्ली से स्त्री पुरुष सम्बन्धों पर आधारित उपन्यास का प्रथम भाग “बयार” विशेष रूप से जाने जाते हैं | साथ ही हिन्दी अकादमी दिल्ली के सौजन्य से अनमोल प्रकाशन दिल्ली से प्रकाशित “मेरी बातें” नामक काव्य संग्रह भी पाठकों द्वारा काफी पसन्द किया गया | • WOW (Well-Being of Women) India नामक रास्ट्रीय स्तर की संस्था की महासचिव के रूप में क्षेत्र की एक प्रमुख समाज सेविका | • सम्पर्क सूत्र: E-mail: katyayanpurnima@gmail.com
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