शुक्र का मेष में गोचर
शनिवार 29 फरवरी यानी फाल्गुन शुक्ल
पञ्चमी 25:33 (अर्द्धरात्रि में एक बजकर तैंतीस मिनट) के
लगभग बालव करण और ब्रह्म योग में समस्त सांसारिक सुख, समृद्धि,
विवाह, परिवार सुख, कला,
शिल्प, सौन्दर्य, बौद्धिकता,
राजनीति तथा समाज में मान प्रतिष्ठा में वृद्धि आदि का कारक शुक्र मीन राशि से निकल कर मेष
राशि और अश्विनी नक्षत्र पर प्रस्थान कर जाएगा, जहाँ लगातार गुरु की दृष्टि उस पर
रहेगी | मेष राशि में भ्रमण करते हुए बारह मार्च को भरणी और पच्चीस
मार्च को कृत्तिका नक्षत्र पर विचरण करते हुए अन्त में 28 मार्च
को अपनी स्वयं की वृषभ राशि में चला जाएगा | मेष राशि के लिए शुक्र द्वितीयेश और
सप्तमेश होता है तथा शुक्र की अपनी वृषभ राशि से मेष राशि बारहवाँ भाव तथा शुक्र
की दूसरी राशि तुला – जो कि शुक्र के लिए मूल त्रिकोण भी है – से मेष राशि सप्तम
भाव बनता है | जानने का प्रयास करते हैं कि शुक्र के मेष राशि में गोचर के समस्त
राशियों पर सम्भावित परिणाम क्या रह सकते हैं...
किन्तु ध्यान रहे, ये समस्त फल सामान्य हैं | व्यक्ति विशेष की कुण्डली का व्यापक अध्ययन
करके ही किसी निश्चित परिणाम पर पहुँचा जा सकता है | अतः
कुण्डली का विविध सूत्रों के आधार पर व्यापक अध्ययन कराने के लिए किसी Astrologer के पास ही
जाना उचित रहेगा |
मेष : आपका द्वितीयेश और
सप्तमेश होकर शुक्र का गोचर आपकी लग्न में ही गोचर कर रहा है | आपके लिए यह गोचर अनुकूल
प्रतीत होता है | आपके आकर्षक व्यक्तित्व तथा वाणी से लोग प्रभावित होंगे और उसका
लाभ आपको अपने कार्य तथा पारस्परिक सम्बन्धों में प्राप्त हो सकता है | आर्थिक
स्थिति में इस अवधि में दृढ़ता की सम्भावना प्रतीत होती है | Alternative Healing
अथवा रहस्य विद्याओं में आपकी रूचि बढ़ सकती है | किसी मनोनुकूल व्यक्ति से आपका सम्पर्क
इस अवधि में हो सकता है जिसके साथ आप Romantically यदि कहीं Involve हो सकते हैं और यह सम्बन्ध विवाह में भी परिणत हो सकता है | जीवन साथी की तलाश में हैं तो वह भी इस अवधि में पूर्ण हो सकती है | विवाहित
हैं तो दाम्पत्य जीवन में भी माधुर्य तथा अन्तरंगता बने रहने के संकेत हैं | महिलाओं को अधिक रक्तस्राव की समस्या हो सकती है अतः अपनी Gynaecologist से नियमित चेकअप अवश्य कराती रहें |
वृषभ
: आपका राश्यधिपति तथा षष्ठेश होकर शुक्र का गोचर आपकी
राशि से बारहवें भाव में हो रहा है |
आपके लिए यह गोचर मिश्रित फल देने वाला प्रतीत होता है | एक ओर तो सम्भव है आपको
अपने कार्य के सिलसिले में यात्राओं में वृद्धि हो जाए और इन यात्राओं के माध्यम
से आपको धन लाभ की सम्भावना की जा सकती है | वहीं दूसरी और इन यात्राओं में पैसा
भी अधिक खर्च हो सकता है | यदि कहीं पेमेण्ट रुकी हुई है तो उसकी प्राप्ति इस अवधि
में हो सकती है, किन्तु नए Investment के लिए यह गोचर अनुकूल
नहीं प्रतीत होता | आपकी रूचि किसी प्रकार की रहस्य विद्याओं अथवा Alternative
Healing की ओर बढ़ सकती है, जो आपके लिए लाभदायक सिद्ध हो
सकती है | अपनी वाणी पर संयम रखने की भी आवश्यकता है | परिवार में आनन्दपूर्ण
वातावरण बना रहने की सम्भावना है | अपने तथा सन्तान के स्वास्थ्य का ध्यान रखने की
आवश्यकता है |
मिथुन
: आपका
पंचमेश और द्वादशेश होकर शुक्र का गोचर आपके लाभ स्थान में हो रहा है और आपके
योगकारक की दृष्टि में है | आपके लिए यह गोचर
अत्यन्त महत्त्वपूर्ण प्रतीत होता है | कार्य तथा आय में वृद्धि की सम्भावना है | कार्य
से सम्बन्धित छोटी छोटी विदेश यात्राओं की सम्भावना है | रुके हुए कार्य पूर्ण
होने की सम्भावना है | जो लोग अभी तक आपकी बात नहीं समझ पा रहे थे वे अब आपके
सुझावों का अनुमोदन कर सकते हैं, जिसका लाभ आपको अपने कार्य
में निश्चित रूप से प्राप्त हो सकता है | मित्रों तथा सहकर्मियों का सहयोग उपलब्ध
रहेगा | छोटे भाई बहनों के लिए यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | स्वास्थ्य की
दृष्टि से भी यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | नौकरी की तलाश
में हैं तो वह भी इस अवधि में पूर्ण हो सकती है, किन्तु सम्भव है आपको घर से कहीं
दूर जाना पड़े |
कर्क
:
आपका चतुर्थेश और एकादशेश होकर शुक्र का गोचर आपकी राशि से कर्म स्थान में हो रहा है
|
कार्य की दृष्टि से तथा आर्थिक दृष्टि से आपके लिए उत्साह में वृद्धि के संकेत हैं
जिसके कारण आप अपना कार्य समय पर पूर्ण करने में सक्षम रहेंगे | आप कलाकार हैं, कवि हैं, डेंटिस्ट हैं,
केमिस्ट हैं, ब्यूटीशियन हैं अथवा किसी प्रकार के सौन्दर्य
प्रसाधनों के व्यवसाय से सम्बन्ध रखते हैं, टूर और ट्रेवल से
सम्बन्धित व्यवसाय में, वक्ता हैं तो आपके लिए विशेष रूप से
कार्य में उन्नति तथा अर्थ लाभ की सम्भावना की जा सकती है | नया घर अथवा वाहन भी
इस अवधि में खरीद सकते हैं अथवा खरीदने की योजना बना सकते हैं | सम्भव है आप अपने वर्तमान
निवास को ही Renovate करा लें | परिवार में किसी कन्या का विवाह भी इस अवधि में
सम्भव है |
सिंह
: आपका तृतीयेश और दशमेश होकर शुक्र का गोचर आपकी
राशि से नवम भाव में हो रहा है | आपके लिए यह गोचर
अत्यन्त भाग्यवर्द्धक प्रतीत होता है | आपके पराक्रम में वृद्धि
का समय प्रतीत होता है | कुछ नया कार्य आप इस अवधि में आरम्भ कर सकते हैं, यह
कार्य आपको बहुत समय तक व्यस्त रख सकता है | कार्य तथा आय में वृद्धि के भी संकेत
प्रतीत होते हैं | सम्बन्धियों तथा मित्रों के साथ आमोद प्रमोद का समय भी प्रतीत
होता है | सपरिवार कहीं तीर्थ यात्रा अथवा देशाटन का कार्यक्रम भी बना सकते हैं |
धार्मिक तथा आध्यात्मिक गतिविधियों में रूचि में भी वृद्धि हो सकती है | अविवाहित
हैं तो जीवन साथी की खोज भी इस अवधि में पूर्ण हो सकती है |
कन्या
: आपका
द्वितीयेश और भाग्येश होकर शुक्र का गोचर आपकी राशि से अष्टम भाव में हो रहा है तथा
आपकी राशि के योगकारक की दृष्टि उस पर है |
इस अवधि में एक ओर जहाँ आपके लिए कार्य में प्रगति तथा उसके माध्यम से अप्रत्याशित
लाभ की सम्भावना की जा सकती है, किसी ऐसे स्थान से प्रॉपर्टी
के लाभ की सम्भावना की जा सकती है जहाँ की आपने कल्पना भी नहीं की होगी, वहीं दूसरी ओर परिवार की किसी महिला की ओर से कुछ विरोध के स्वर भी मुखर
हो सकते हैं, किन्तु आप स्वयं ही उस विरोध को शान्त करने में
सक्षम होंगे | आपकी वाणी इस समय प्रभावशाली बनी रहेगी, अपने कार्य में इसका लाभ
उठाने की आवश्यकता है | यदि कहीं पैसा इन्वेस्ट करना चाहते हैं तो उसके लिए अभी
समय अनुकूल नहीं प्रतीत होता | यदि आप महिला हैं तो आपको विशेष रूप से स्वास्थ्य
के प्रति सावधान रहने की आवश्यकता है |
तुला
: लग्नेश और अष्टमेश होकर शुक्र का गोचर आपकी राशि
से सप्तम भाव में होने जा रहा है |
आपके और आपके जीवन साथी के लिए कार्य तथा अर्थलाभ की दृष्टि से भाग्यवर्द्धक समय
प्रतीत होता है | यदि आप कलाकार हैं तो आपको अपनी कला के प्रदर्शन के अनेकों अवसर
इस अवधि में उपलब्ध हो सकते हैं, जिनके कारण आपके मान सम्मान में वृद्धि तथा आपको
किसी प्रकार का पुरूस्कार आदि भी प्राप्त हो सकता है |
Cosmetic और Medicine के क्षेत्र में कार्यरत लोगों के लिए भी यह समय अत्यन्त
लाभप्रद प्रतीत होता है | आय के नवीन स्रोत आपके तथा आपके जीवन साथी के समक्ष
उपस्थित हो सकते हैं | अविवाहित हैं तो आपका कोई घनिष्ठ
मित्र अथवा आपका कोई सहकर्मी आपकी ओर आकर्षित हो सकता है और आप उसके साथ विवाह
बन्धन में बंध सकते हैं | किन्तु साथ ही प्रेम सम्बन्धों में तथा दाम्पत्य जीवन
में तनाव की सम्भावना से भी इन्कार नहीं किया जा सकता |
वृश्चिक
: आपके लिए आपका सप्तमेश और द्वादशेश होकर शुक्र का
गोचर आपकी राशि से छठे भाव में हो रहा है | आपके लिए उत्साह में वृद्धि के योग
प्रतीत होते हैं जिसके कारण आप अपने कार्य समय पर पूर्ण करने में समर्थ होंगे | आप
इस समय कार्य से सम्बन्धित नवीन चुनौतियाँ भी स्वीकार करने का साहस रखते हैं, जो आपके कार्य की दृष्टि से हित में ही रहेगा | किन्तु साथ ही उन मित्रों
को पहचानकर उनसे दूर होने की आवश्यकता है जो आपसे प्रेम दिखाते हैं लेकिन मन में
ईर्ष्या का भाव रखते हैं | कोई कोर्ट केस अथवा कोई बीमारी
आपके लिए चिन्ता का विषय हो सकती है | विशेष रूप से यदि आप महिला हैं तो आपको
स्वास्थ्य की ओर से विशेष रूप से सावधान रहने की आवश्यकता है | विदेश यात्राओं के
भी योग प्रतीत होते हैं | इन यात्राओं के दौरान भी अपने स्वास्थ्य के प्रति विशेष
रूप से सावधान रहने की आवश्यकता है | दाम्पत्य जीवन में कोई विवाद उत्पन्न हो सकता
है | जीवन साथी के स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहने की आवश्यकता है |
धनु : आपके लिए आपका षष्ठेश और एकादशेश होकर शुक्र का गोचर आपकी राशि से पंचम
भाव में होने जा रहा है जहाँ आपकी लग्न से योगकारक की दृष्टि उस पर है | आपके लिए यह गोचर अत्यन्त अनुकूल प्रतीत होता है | सन्तान के साथ यदि कुछ
समय से किसी प्रकार की अनबन चल रही है अथवा उसके कार्य में किसी प्रकार की बाधा आ
रही है तो उसके दूर होने की सम्भावना इस अवधि में की जा सकती है | मान सम्मान तथा आय में वृद्धि के संकेत हैं | नौकरी
के लिए इन्टरव्यू दिया है तो उसमें भी सफलता की सम्भावना है | आप उच्च शिक्षा के लिए भी प्रयास कर सकते हैं | सन्तान प्राप्ति के भी
योग प्रतीत होते हैं | आपकी सन्तान के लिए भी कार्य की दृष्टि से यह गोचर अनुकूल
प्रतीत होता है किन्तु उसके स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता होगी | किसी गम्भीर समस्या के कारण आपकी सन्तान को Hospitalize भी होना पड़ सकता
है, लेकिन बहुत शीघ्र ही स्वास्थ्य में सुधार भी सम्भव है | अविवाहित हैं तो जीवन
साथी की तलाश इस अवधि में पूर्ण हो सकती है |
मकर : आपके लिए आपका पंचमेश और दशमेश होकर शुक्र आपके लिए योगकारक बनता है
और आपकी राशि से चतुर्थ भाव में गोचर रहा है |
आपके लिए कार्य की तथा आर्थिक दृष्टि से निश्चित रूप से यह गोचर अनुकूल प्रतीत
होता है | सम्भव है आप इस अवधि में नया घर अथवा वाहन खरीद लें अथवा खरीदने की
योजना बना लें | मान सम्मान और पुरूस्कार आदि का लाभ भी हो सकता है | सुख सुविधाओं के साधनों में वृद्धि के संकेत हैं | आपकी
सन्तान के लिए भी यह गोचर अत्यन्त भाग्यवर्द्धक प्रतीत होता है | अविवाहित हैं तो
आपके साथ कार्य कर रहे किसी व्यक्ति की ओर से प्रणय निवेदन प्राप्त हो सकता है जो
विवाह में परिणत हो सकता है | पॉलिटिक्स से जिन लोगों का सम्बन्ध है उनके लिए,
कलाकारों के लिए तथा प्रॉपर्टी अथवा टूर एण्ड ट्रेवल से सम्बन्धित व्यवसाय जिन
लोगों का है उनके लिए यह गोचर विशेष रूप से अनुकूल प्रतीत होता है | किन्तु आपको
अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने की आवश्यकता है |
कुम्भ
: आपके लिए भी आपकी राशि से चतुर्थेश और नवमेश
होकर शुक्र आपका योगकारक बनता है और आपकी राशि से तीसरे भाव में गोचर कर रहा है | आपके लिए यह गोचर अत्यन्त अनुकूल प्रतीत होता है | आपके किसी घनिष्ठ
मित्र के माध्यम से आपकी भेंट किसी प्रभावशाली व्यक्ति से हो सकती है और उसके कारण
आपको अपने कार्य में भी लाभ प्राप्त हो सकता है तथा आपके मान सम्मान में भी वृद्धि
के संकेत हैं | रुके हुए कार्य भी इस अवधि में पूर्ण होने की सम्भावना है | कहीं पेमेण्ट
रुकी हुई है तो वह भी वापस प्राप्त हो सकती है | आपकी रूचि धार्मिक गतिविधियों में
बढ़ सकती है तथा आप सपरिवार कहीं तीर्थ यात्रा पर जाने का कार्यक्रम भी बना सकते
हैं | पॉलिटिक्स से यदि आपका सम्बन्ध है तो आपके लिए यह गोचर विशेष रूप से अनुकूल
प्रतीत होता है |
मीन : आपके लिए तृतीयेश और अष्टमेश होकर शुक्र आपके दूसरे भाव में गोचर कर
रहा है जहाँ आपके कर्म स्थान से योगकारक गुरु की दृष्टि भी उस पर है | आपके लिए यह गोचर मिश्रित फल देने वाला प्रतीत होता है | पराक्रम तथा
निर्णायक क्षमता में वृद्धि के संकेत हैं | आर्थिक रूप से स्थिति में दृढ़ता आने के
साथ ही कुछ नवीन प्रोजेक्ट्स इस अवधि में प्राप्त होते रह सकते हैं जिनके कारण आप
बहुत समय तक व्यस्त रहकर अर्थ लाभ भी कर सकते हैं | आपकी
वाणी तथा व्यक्तित्व का प्रभाव दूसरों पर पड़ेगा और जिसके कारण आपकी प्रशंसा भी
होगी तथा आपको किसी प्रकार का पुरूस्कार आदि भी प्राप्त हो सकता है | सामाजिक गतिविधियों में वृद्धि के साथ ही मान सम्मान में वृद्धि के भी
संकेत हैं | किन्तु ऐसा कुछ मत बोलिए जिसके कारण किसी विवाद में फँसने की सम्भावना
हो |
अन्त में, ग्रहों के गोचर अपने नियत समय पर होते ही रहते हैं – यह एक ऐसी खगोलीय घटना है जिसका प्रभाव मानव सहित समस्त प्रकृति पर पड़ता है | वास्तव में सबसे प्रमुख तो व्यक्ति का अपना कर्म होता है | तो, कर्मशील रहते हुए अपने लक्ष्य की ओर हम सभी अग्रसर रहें यही कामना है…