सूर्य का तुला में गोचर
रविवार 17 अक्तूबर आश्विन शुक्ल द्वादशी को दिन में एक बजकर तेरह मिनट के लगभग बालव करण और वृद्धि योग में भगवान भास्कर कन्या राशि से निकल कर शत्रु ग्रह शुक्र की तुला राशि में प्रविष्ट हो जाएँगे | तुला राशि आत्मकारक सूर्य की नीच राशि भी होती है | यहाँ पर मकर राशि से एक अन्य शत्रु ग्रह शनि की दशम दृष्टि भी इन पर रहेगी | सूर्यदेव इस समय चित्रा नक्षत्र पर भ्रमण कर रहे हैं जहाँ से चौबीस अक्तूबर को स्वाति तथा छह नवम्बर को विशाखा नक्षत्र पर भ्रमण करते हुए अन्त में सोलह नवम्बर को दिन में एक बजकर तीन मिनट के लगभग मित्र ग्रह मंगल की वृश्चिक राशि में प्रविष्ट हो जाएँगे | तुला राशि में रहते हुए बाईस अक्तूबर से इन्हें अपने मित्र मंगल का साहचर्य भी प्राप्त हो जाएगा | तुला राशि के लिए सूर्य लाभेश भी बन जाता है |
इस बीच 19/20 अक्तूबर को शरद पूर्णिमा, चौबीस अक्तूबर को करक चतुर्थी, अट्ठाईस अक्तूबर को अहोई अष्टमी, दो से छह नवम्बर तक पाँच पर्वों की श्रृंखला दीपावली, दस को छठ पूजा तथा चौदह नवम्बर को देव प्रबोधिनी एकादशी के पर्व भी हैं... सर्वप्रथम सभी को इन समस्त पर्वों की हार्दिक शुभकामनाएँ...
अब जानने का प्रयास करते हैं कि तुला राशि में सूर्य के संक्रमण के जनसाधारण पर क्या सम्भावित प्रभाव हो सकते हैं... किन्तु ध्यान रहे, ये परिणाम सामान्य हैं | किसी कुण्डली के विस्तृत फलादेश के लिए केवल एक ही ग्रह के गोचर को नहीं देखा जाता अपितु उस कुण्डली का विभिन्न सूत्रों के आधार पर विस्तृत अध्ययन आवश्यक है |
मेष : आपकी राशि से पंचमेश आपके सप्तम भाव में गोचर कर रहा है | अकारण ही आपके स्वभाव में चिडचिडापन आ सकता है जो सम्बन्धों के लिए उचित नहीं होगा, अतः सावधान रहने की आवश्यकता है | विशेष रूप से दाम्पत्य जीवन में तथा प्रेम सम्बन्धों में किसी प्रकार की तनाव की सम्भावना हो सकती है | पार्टनरशिप में कोई कार्य है तो वहाँ भी कुछ समस्या उत्पन्न हो सकती है | अच्छा रहेगा अपने स्वभाव को ठीक रखने के लिए ध्यान का सहारा लें | किन्तु साथ ही यदि आप अविवाहित हैं तो इस अवधि में आपका कहीं विवाह भी सम्भव है | सूर्य की उपासना तथा सूर्य के मन्त्र का जाप आपको
बहुत सी समस्याओं से बचा सकता है | आपकी सन्तान का स्वभाव भी कुछ उग्र हो सकता है, किन्तु उसका सहयोग आपको प्राप्त होता रहेगा | कार्य क्षेत्र में उन्नति की सम्भावना इस अवधि में की जा सकती है |
वृषभ : आपकी राशि से चतुर्थेश छठे भाव में गोचर कर रहा है | यदि आपने अपने Temperament पर नियन्त्रण नहीं रखा तो प्रेम सम्बन्धों अथवा पारिवारिक सम्बन्धों में दरार की भी सम्भावना है | सम्पत्ति विषयक कोई विवाद आपके लिए समस्या
उत्पन्न कर सकता है | कार्य की दृष्टि से यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | आप लक्ष्य के प्रति एकाग्रचित्त होकर कार्य करेंगे तथा उसमें सफलता प्राप्ति सम्भव है | यदि कोई कोर्ट केस चल रहा है तो उसका निर्णय आपके पक्ष में आ सकता है | स्वास्थ्य की ओर से सावधान रहने की आवश्यकता है | सरकारी नौकरी अथवा पॉलिटिक्स में हैं तो आपके लिए यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | यदि आप गर्भवती महिला हैं तो आपके लिए विशेष रूप से सावधान रहने की आवश्यकता है |
मिथुन : आपकी राशि से तृतीयेश का गोचर आपके पञ्चम भाव में हो रहा है | आपके उत्साह में वृद्धि की सम्भावना है | जिसके कारण आप अपने कार्य समय पर पूर्ण करने में सक्षम हो सकते हैं | आपका प्रदर्शन अच्छा रहेगा जिसके कारण आपको सम्मान अथवा पुरूस्कार आदि भी प्राप्त होने की सम्भावना है | नौकरी में यदि आप हैं तो आपके लिए पदोन्नति के
साथ ही आय में वृद्धि की भी सम्भावना है | किन्तु विद्यार्थियों के लिए कठिन परिश्रम की आवश्यकता होगी | सन्तान की ओर से किसी प्रकार की चिन्ता हो सकती है | अविवाहित हैं तो जीवन साथी की खोज भी इस अवधि में पूर्ण हो सकती है | यदि कहीं पैसा Invest करना चाहते हैं तो उसके लिए यह गोचर अनुकूल नहीं प्रतीत होता | आपके भाई बहनों के लिए भी यह गोचर यों तो अनुकूल प्रतीत होता है, किन्तु उनके अपने स्वभाव के कारण उन्हें मानसिक और शारीरिक कष्ट का सामना करना पड़ सकता है |
कर्क : आपकी राशि से द्वितीयेश का गोचर आपके चतुर्थ भाव में हो रहा है | भाई बहनों के साथ सम्बन्धों में सुधार की सम्भावना की जा सकती है | आर्थिक दृष्टि से यह गोचर आपके लिए अनुकूल प्रतीत होता है | आपके पिता तथा सहकर्मियों का सहयोग भी आपको प्राप्त रहेगा | आपका यदि स्वयं का व्यवसाय है अथवा मीडिया या आई टी से आपका कोई सम्बन्ध है तो आपके लिए उन्नति का समय प्रतीत होता है | प्रॉपर्टी की खरीद फरोख्त में लाभ की सम्भावना की जा सकती है | लेकिन माता जी के स्वास्थ्य की ओर से सावधान रहने की आवश्यकता होगी | साथ ही जीवन साथी के साथ किसी प्रकार का विवाद आपके पारिवारिक जीवन में अशान्ति का कारण भी बन सकता है, अतः इस ओर से सावधान रहने की आवश्यकता है | साथ ही अपनी वाणी पर संयम रखने की आवश्यकता है |
सिंह : आपके लिए आपके राश्यधिपति का अपनी राशि से तीसरे भाव में गोचर हो रहा है | आपकी प्रतियोगी तथा निर्णायक क्षमता में वृद्धि के साथ ही रचनात्मकता में भी वृद्धि के संकेत हैं | कार्य में प्रगति के साथ आर्थिक स्थिति में भी दृढ़ता की सम्भावना की जा सकती है | आपको किसी घनिष्ठ मित्र के माध्यम से कुछ नवीन प्रोजेक्ट्स इस अवधि में प्राप्त हो सकते हैं | किसी पुराने मित्र से भी इस अवधि में भेंट हो सकती है और उसके माध्यम से भी आपके कार्य में उन्नति की सम्भावना की जा सकती है | किसी प्रकार के पुरूस्कार, सम्मान अथवा पदोन्नति की सम्भावना इस अवधि में की जा सकती है | आवश्यकता है
आलस्य से मुक्ति प्राप्त करने की | साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि कार्य की अधिकता के कारण आपके स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव न पड़ने पाए | पिता के साथ बहस आपके लिए हित में नहीं रहेगी | इसके लिए योग ध्यान आदि के अभ्यास की आवश्यकता है |
कन्या : आपके लिए आपके द्वादशेश का गोचर आपके दूसरे भाव में हो रहा है | आपको अपने कार्य के सिलसिले में किसी विदेशी मित्र के माध्यम से सहायता प्राप्त हो सकती है | यदि आप किसी सरकारी नौकरी में हैं तो आपका ट्रांसफर किसी ऐसे स्थान पर हो सकता है जो आपके मन के अनुकूल न हो | आपका कार्य विदेश से सम्बन्धित है तो आपकी आय में वृद्धि की सम्भावना भी की जा सकती है | किन्तु खर्चों में भी वृद्धि हो सकती है | अतः बजट बनाकर चलना उचित रहेगा | आपको
अपनी वाणी पर नियन्त्रण रखने की आवश्यकता है अन्यथा पारस्परिक सम्बन्धों में कड़वाहट आते देर नहीं लगेगी | जब तक आपका कार्य पूर्ण न हो जाए तब तक उसे सार्वजनिक न करें | साथ ही खान पान पर भी नियन्त्रण रखने की आवश्यकता है | आँखों से सम्बन्धित भी कोई समस्या हो सकती है अतः इस ओर से सावधान रहने की आवश्यकता है |
तुला : आपकी लग्न में ही आपके एकादशेश का गोचर आय में वृद्धि के संकेत दे रहा है | आपके लिए यह गोचर कार्य की दृष्टि से भाग्यवर्द्धक प्रतीत होता है | अपना स्वयं का कार्य है कार्य में प्रगति के साथ ही आर्थिक स्थिति में दृष्ट की भी
सम्भावना की जा सकती है | नौकरी में हैं तो पदोन्नति के साथ आय में वृद्धि की सम्भावना है | किन्तु साथ ही किसी घनिष्ठ मित्र अथवा बड़े भाई के विरोध का भी सामना करना पड़ सकता है | जीवन साथी के साथ किसी प्रकार का विवाद भी
सम्भव है | आवश्यक है कि आप अपने स्वभाव को नियन्त्रण में रखें | प्राणायाम और ध्यान का अभ्यास आपके लिए सहायक हो सकते हैं | स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है | जीवन साथी के साथ व्यर्थ के विवाद से बचने का प्रयास करें | पार्टनरशिप में कोई कार्य करना चाहते हैं तो अभी उसे स्थगित कर दें |
वृश्चिक : आपकी राशि से दशमेश का गोचर आपके द्वादश में हो रहा है | कार्य से सम्बन्धित विदेश यात्राओं में वृद्धि की सम्भावना है | किन्तु इन यात्राओं के दौरान आपको किसी प्रकार की समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है | दूसरी ओर
यात्राओं के दौरान कुछ नवीन सम्पर्क भी स्थापित हो सकते हैं जिनके कारण आपको अपने कार्य में लाभ प्राप्त हो सकता है | ड्राइविंग करते समय सावधान रहने की आवश्यकता है | साथ ही स्वास्थ्य का ध्यान रखने की भी आवश्यकता है | कार्य स्थल पर किसी समस्या के कारण मानसिक तनाव हो सकता है | अच्छा यही रहेगा कि इस समय सहकर्मियों अथवा अधीनस्थ लोगों के प्रस्तावों पर विचार करें | साथ ही अपनी समस्याएँ पिता के साथ डिस्कस करें और उनके सुझावों का पालन करें |
व्यर्थ की भावनाओं में बहना आपके लिए उचित नहीं रहेगा |
धनु : आपकी राशि के लिए आपका भाग्येश आपके एकादश भाव में गोचर कर रहा है | आपके लिए वास्तव में यह गोचर भाग्यवर्धक प्रतीत होता है | नौकरी में हैं तो पदोन्नति के अवसर प्रतीत होते हैं | अपना स्वयं का कार्य है तो उसमें भी लाभ की सम्भावना है | रुकी हुई पेमेण्ट भी इस अवधि में प्राप्त हो सकती है | आपके लिए पराक्रम और मान सम्मान में वृद्धि के संकेत प्रतीत होते हैं | किसी प्रकार का अवार्ड या सम्मान आदि भी आपको इस अवधि में प्राप्त हो सकता है | धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों में रुचि बढ़ सकती है | पिता तथा बड़े भाई और मित्रों का सहयोग आपको प्राप्त रहेगा, किन्तु इन
लोगों के साथ व्यर्थ की बहस से बचने की आवश्यकता है | सोच समझ कर कार्य करेंगे तो बहुत से कष्टों से बचे रह सकते हैं | किसी रोग से मुक्ति भी इस अवधि में प्राप्त हो सकती है | आप सपरिवार किसी तीर्थयात्रा पर भी जा सकते हैं |
मकर : आपकी राशि से अष्टमेश का गोचर आपके दशम भाव में हो रहा है | आपके लिए मिश्रित फल देने वाला गोचर प्रतीत होता है | एक ओर अचानक ही किसी ऐसे स्थान से लाभ हो सकता है जहाँ के विषय में आपने सोचा भी नहीं होगा, तो वहीं दूसरी ओर कार्यक्षेत्र में किसी प्रकार के विरोध का भी सामना करना पड़ सकता है | अपने स्वयं के व्यवसाय में उन्नति, नौकरी में पदोन्नति तथा मान सम्मान में वृद्धि के संकेत हैं | वक़ीलों और डॉक्टर्स के लिये यह गोचर भाग्यवर्द्धक प्रतीत होता है | किसी कारणवश आपको निराशा का अनुभव भी हो सकता है | गुप्त शत्रुओं की ओर से भी सावधान रहने की आवश्यकता है | आपके अपने स्वभाव एक कारण परिवार में किसी प्रकार का क्लेश भी सम्भव है, अतः इस ओर से भी सावधान रहने की आवश्यकता है |
कुम्भ : आपका सप्तमेश आपके भाग्य स्थान में गोचर कर रहा है | पार्टनरशिप में जिन लोगों का कार्य है उनके लिए यह गोचर भाग्यवर्धक प्रतीत होता है | साथ ही पॉलिटिक्स से जो लोग सम्बन्ध रखते हैं उन लोगों के लिए भी यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | उन्हें किसी पद की प्राप्ति भी हो सकती है | लेकिन किसी महिला सहकर्मी के विरोध का सामना भी करना पड़ सकता है | आप जीवन साथी के साथ कहीं तीर्थ यात्रा अथवा विदेश यात्रा के लिए भी जा सकते हैं | धर्म कर्म सम्बन्धित कार्यों में अधिक धन व्यय हो सकता है, अतः पोंगा पंडितों के जाल से बचने की आवश्यकता है | उत्साह में वृद्धि का समय प्रतीत होता है, किन्तु आवश्यकता से अधिक उत्साह तथा अत्यधिक आत्मविश्वास कभी कभी घातक भी हो सकता है अतः सावधान रहने की आवश्यकता है |
मीन : आपका षष्ठेश होकर सूर्य का गोचर आपके अष्टम भाव में हो रहा है | आपके लिए यह गोचर अनुकूल नहीं प्रतीत होता | एक ओर आपके यश और मान सम्मान में वृद्धि की सम्भावना की जा सकती है, तो दूसरी ओर ऐसे लोगों की ओर से
सावधान रहने की भी आवश्यकता है जो आपके विरुद्ध किसी प्रकार का षड्यन्त्र करके आपके कार्य में व्यवधान उत्पन्न कर सकते हैं | किसी कोर्ट केस के कारण भी आपको समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है | नौकरी में हैं तो किसी विरोध के कारण उसमें भी समस्या उत्पन्न हो सकती है | तनाव के कारण स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है | दवाओं के रिएक्शन से बचने की भी आवश्यकता है | दुर्घटना से बचने के लिए सावधानीपूर्वक ड्राइव करें | सूर्य की उपासना आपके लिए आवश्यक प्रतीत होती है |
साथ ही, ग्रहों के गोचर अपने नियत समय पर होते ही रहते हैं | सबसे प्रमुख तो व्यक्ति का अपना कर्म होता है | तो, कर्मशील रहते हुए अपने
लक्ष्य की ओर हम सभी अग्रसर रहें यही कामना है...