शनि का मकर में गोचर
कल के लेख में शनि के मकर राशि में गोचर के मेष राशि के जातकों पर सम्भावित
प्रभावों के विषय में चर्चा की थी, आज वृषभ राशि के जातकों पर शनि के मकर
में गोचर के सम्भावित प्रभावों पर संक्षेप में दृष्टिपात...
किन्तु ध्यान रहे, ये सभी परिणाम सामान्य हैं | किसी
कुण्डली के विस्तृत फलादेश के लिए केवल एक ही ग्रह के गोचर को नहीं देखा जाता
अपितु उस कुण्डली का विभिन्न सूत्रों के आधार पर विस्तृत अध्ययन आवश्यक है | अस्तु, आज वृषभ राशि...
आपकी अष्टम भाव की ढैया समाप्त हो रही
है जो आपके लिए राहत की बात हो सकती है | बहुत
सी समस्याओं के समाप्त होने की सम्भावना की जा सकती है | आपके लिए नवम और दशम भाव का स्वामी होकर शनि योगकारक
बन जाता है और इस समय आपके नवम भाव यानी भाग्य स्थान में ही गोचर करेगा जहाँ से
आपके एकादश भाव, तृतीय स्थान तथा छठे भावों पर शनि की दृष्टियाँ रहेंगी | नवम भाव पिता का
स्थान भी माना जाता है | सम्भव है आरम्भ में पिता के साथ किसी प्रकार का मतभेद हो
किसी बात पर, किन्तु धीरे धीरे अनुकूलता की सम्भावना भी की
जा सकती है, क्योंकि शनि आपके लिए योगकारक है | आपके लिए कार्य की दृष्टि से यह
गोचर भाग्यवर्द्धक माना जा सकता है | यदि किसी नई नौकरी की तलाश में हैं तो वह भी
आपको प्राप्त हो सकती है, लेकिन उसके लिए भाग दौड़ अधिक करनी
पड़ेगी | कार्य में पदोन्नति तथा आय में वृद्धि की भी सम्भावना है | आलस्य को त्याग
कर कार्य करते रहे तो भाग्योदय का समय है, अन्यथा हाथ में
आया कार्य भी आपसे दूर जा सकता है |
यदि आप अनुकूल दिशा
में प्रयास करते रहे तो आपके रुके हुए कार्य भी इस अवधि में पूर्ण होने की
सम्भावना है | सहकर्मियों का सहयोग आपको उपलब्ध रहेगा | कार्यस्थल पर सौहार्द का
वातावरण बने रहने की सम्भावना है जिसके कारण आप अपने कार्य समय पर पूर्ण करने में
सक्षम होंगे | किन्तु इस अवधि में भाई बहनों के साथ किसी प्रकार का विवाद भी सम्भव
है | विवाद से बचने का एक ही उपाय है – अपनी वाणी पर नियन्त्रण रखें | साथ ही, ध्यान रखें कि जो भी वादा आपने
किया है उसे पूर्ण करने का प्रयास करें, अन्यथा आपके सम्मान
को ही ठेस पहुँचेगी | बॉस का सहयोग प्राप्त रहेगा, किन्तु
उसके साथ किसी प्रकार का पंगा आपके हित में नहीं रहेगा | धार्मिक गतिविधियों में
वृद्धि की सम्भावना है | आप सपरिवार किसी धार्मिक स्थल पर तीर्थ यात्रा के लिए भी
जा सकते हैं |
स्वास्थ्य का जहाँ
तक प्रश्न है तो एक ओर तो किसी पुरानी बीमारी से मुक्ति की सम्भावना की जा सकती है, किन्तु वहीं दूसरी ओर यदि अपना Temperament
सही नहीं रखा तो तनाव के कारण नींद में कमी तथा उससे जुड़ी अन्य समस्याएँ
भी हो सकती हैं | आलस्य का त्याग कर योग और प्राणायाम पर ध्यान दें |
अविवाहित हैं तो
किसी के साथ प्रेम सम्बन्ध बन सकता है, किन्तु विवाह में अभी समय लग सकता है | विवाहित
हैं तो दाम्पत्य जीवन में मधुरता बने रहने की सम्भावना की जा सकती है |
अन्त में बस इतना ही कि यदि कर्म करते हुए भी सफलता नहीं प्राप्त हो
रही हो तो किसी अच्छे ज्योतिषी के पास दिशानिर्देश के लिए अवश्य जाइए, किन्तु अपने कर्म और
प्रयासों के प्रति निष्ठावान रहिये - क्योंकि ग्रहों के गोचर तो अपने नियत समय पर
होते ही रहते हैं, केवल
आपके कर्म और उचित प्रयास ही आपको जीवन में सफल बना सकते हैं...
आगे मिथुन राशि पर शनि के मकर में गोचर के सम्भावित प्रभावों पर बात करेंगे...