Meaning of शासन-योग्य in Hindi
Meaning of शासन-योग्य in English
English usage of शासन-योग्य
Articles Related to ‘शासन-योग्य’
- कायरा का इंसाफ-66
- कायरा का इंसाफ-65
- वर्टिकल गार्डन और पेड़-पौधे चोर
- भारत में मुसलमानों के 800 वर्ष के शासन काल का झूठ-
- सम्पन्नता
- धर्म और दर्शन
- bhukh se maut.
- ईश्वरीय प्रवाह
- “ऑड-ईवन” ब्रांड
- ऐसे भिड़े दो नागराज नागिन को पाने के लिए
- शब्द-सामर्थ्य बढ़ाईए-2
- पंजाब केसरी
- क्या आप शादी कर रहे है तो एक बार ये भी सोचे- If you are married even once thought
- बिछिया: एक रुकी हुई माफ़ी
- गुरुदेव रबिन्द्रनाथ टैगोर की एक रचना का अंश
- बस राजनीति के लिए है लोकपाल मुद्दा!
- क्या भारतीय दार्शनिक राजा का मॉडल स्वीकारेंगे ?
- बिहार सरकार ने हटाईं पंक्तियां, इंदिरा शासन को बताया था ब्रिटिश काल से भी बुरा
- भाषा एकमात्र अनन्त है
- प्राप्त करने योग्य गुण ईश्वर के
- समर्पण
- शिक्षक दिवस,
- हमास का आतंकवाद
- प्रशासनिक शब्दावली-6
- वीडियो - जाट आरक्षण में हिंसा पर इस हरियाणवी खिलाड़ी ने कही प्रशंसा योग्य बात
- शतरंज के खिलाड़ी
- हरितालिका तीज
- उपदेश कुछ नहीं कर पायेगें जब तक योग्य ग्रहीता न हो। यदि जनक हो, तो अष्टावक्र जी का उपदेश सफल। यदि राम हो तो वशिष्ठ जी का उपदेश सफल। निवेदन यह है
- मुक्तक
- शिक्षक दिवस
- बढ़ती हुई आपराधिक घटनाओं के लिये क्या सिर्फ शासन ही जिम्मेदार हैं?
- दीपावली महोत्सव,,,,,
- समीक्षा
- यूपी में सीएम योगी आदित्य नाथ जनता के सेवक ही नहीं बल्कि खतरों के खिलाडी भी हैं
- प्रयास !
- आत्मचिंतन करने योग्य पोस्ट है
- गौमाता
- सत्य की महत्ता
- सरकारी स्कूलों का कायाकल्प संभव
- मुक्तक
- आज की राजनीति व राजनीतिज्ञ
- उत्तराखंड मामला बना 'गले की हड्डी' - Uttrakhand President Rule, Hindi Article, Congress, BJP, High Court, Supreme Court
- वृक्ष
- हिन्दी उदास है मन में
- बुरे की पहचान
- राजा भोज का गौरवशाली इतिहास
- आजादी के नायक
- बुरा दिन
- 73वां स्वतंत्रता दिवस : क्या है 15 अगस्त का सही महत्व ?
- मूर्ख कौन
- स्वर्गीय श्री राजीव भाई दीक्षित के व्याख्यानों के अंश-
- हमारा संविधान :--+ आचार्य अर्जुन तिवारी
- ‘‘ वैकल्पिक राजनीतिक व्यवस्था’’ की ‘‘ध्वस्त’’ होती अवस्था के लिये क्या केजरीवाल दोषी नहीं ?
- अनूठी औषधि
- दंडधारी चौकीदार दरोगा से 'पुुलिस तक का सफर कितना सफल?
- जीवन में किसी भी समस्या को हैंडल करने की तकनीकी योग्य मनोवैज्ञनिको से बिना शुल्क पूछें |
- महाभारत
- मिलिए 12 साल के 'साबरी' से जो न देख सकते हैं न सुन सकते हैं, लेकिन कई हस्तियों के दिल जीत चुके हैं !
- जो जीवन की धूल चाट कर बड़ा हुआ है
- जिज्ञासा :-- आचार्य अर्जुन तिवारी
- मौसेरा भाई हूं
- इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की अद्भुत क्षमता
- सोवियत संघ-मिखाईल गोर्बाचेव
- भारत की 8 अजीबोग़रीब बातें-घटनाएं !!!
- मुखिया :--- आचार्य अर्जुन तिवारी
- बच्चों का पूर्ण विकास
- सत्य की शक्ति
- भाषा एकमात्र अनन्त है
- युवा जंगल
- गुलाम भारत
- सरकारी आयोजन मात्र नहीं हैं राष्ट्रीय त्यौहार
- प्रभु के योग्य स्वयं बनें
- मुक्तक
- महान समाज सुधारक ईश्वरचंद्र विद्यासागर की कुछ विशेष बातें
- दयसंकर और नशुमिदिन शिदीक दोनों ने जो बोला वो किसी भी तरीके से जायज नहीं है
- अंधकार से न घबराएॅ
- राम जग के राम हैं l
- समी-द मिरेकल ऑफ सोसाइटी
- रोहित शर्मा की जगह हार्दिक पंड्या मुंबई इंडियंस के कप्तान बने।
- अमरपुरा और इतिहास
- बदलेंगे अंग्रेजों के ज़माने के कानून
- जालोर की रानी जैतल दे का जौहर : भाग 1
- स्टिंगबाज बन रहे हैं नेताओं के हथियार, उत्तराखंड मामले पर सुप्रीम कोर्ट पूछेगा सवाल
- मेरा घर
- मेरा घर
- गीता ज्ञान
- स्वर्गीय श्री राजीव भाई दीक्षित के व्याख्यानों के अंश-
- जिसकी लाठी उसकी भैंस
- "गरीब किसान की भूमि पर ISP कंपनी का अवैध कब्ज़ा" "प्रशाशनिक अधिकारियों की मिली भगत" कृषि योग्य भूमि पर मिट्टी का अवैध उत्खनन"
- गीता ज्ञान
- बहुत पहले की बात है। एक नगर मे भिखु नाम का मजदुर रहता था। दिन भर मेहनत करके अपना और परिवार का पेट पालता था। लेकिन भिखु के बारे मे एक अफवाह तेजी से नगर मे फैल रही थी। कुछ लोगो का मानना था की सुबह-सुबह भिखु का मुख देख लेने मात्र से उनका सारा काम बिगड़ जाता है तो कुछ लोगो का मानना था कि उनके साथ कुछ-न-कुछ अशुभ जरूर होता है। सभी अपने अनुसार तर्क देने लगे। अफवाह अब सच्चाई का रूप लेने लगी थी। भिखु को नगर से बाहर निकालने की बाते होने लगी। नगर के राजा को इन सभी बातो का पता लगा। उसने सोचा ऐसा भी कही होता है क्या ! भिखु को राजदरबार मे पेश किया गया। राजा ने सच्चाई जानने के लिए भिखु को अपने साथ सुलाने का फैसला किया ताकि सुबह-सुबह सबसे पहले भिखु का मुख देख सके। अगले सुबह राजा ने सबसे पहले भिखु का मुख देखा और अपने शासन-व्यवस्था मे लग गए। संयोगवश उसी दिन पड़ोसी देश ने आक्रमण का घोषणा कर दिया। राजा को विश्वास हो गया कि भिखु का मुख वास्तव मे अशुभ है। राजा ने भिखु को फाँसी कि सजा सुनाई। भिखु को फाँसी देने से पहले उसकी आखरी इच्छा पूछी गयी। भिखु ने राजा से एक प्रश्न करने कि इजाजत माँगी। रा
- स्वतंत्रता -क्या आज़ादी ब्रिटिश हुकूमत से मिली या मुग़ल शासन से भी !
- प्रशासन पर शासन ( कविता )
- हाईकोर्ट के फैसले से गदगद दिखे हरीश रावत, केंद्र से साथ मिलकर काम करने की अपील की
- बहुत पहले की बात है। एक नगर मे भिखु नाम का मजदुर रहता था। दिन भर मेहनत करके अपना और परिवार का पेट पालता था। लेकिन भिखु के बारे मे एक अफवाह तेजी से नगर मे फैल रही थी। कुछ लोगो का मानना था की सुबह-सुबह भिखु का मुख देख लेने मात्र से उनका सारा काम बिगड़ जाता है तो कुछ लोगो का मानना था कि उनके साथ कुछ-न-कुछ अशुभ जरूर होता है। सभी अपने अनुसार तर्क देने लगे। अफवाह अब सच्चाई का रूप लेने लगी थी। भिखु को नगर से बाहर निकालने की बाते होने लगी। नगर के राजा को इन सभी बातो का पता लगा। उसने सोचा ऐसा भी कही होता है क्या ! भिखु को राजदरबार मे पेश किया गया। राजा ने सच्चाई जानने के लिए भिखु को अपने साथ सुलाने का फैसला किया ताकि सुबह-सुबह सबसे पहले भिखु का मुख देख सके। अगले सुबह राजा ने सबसे पहले भिखु का मुख देखा और अपने शासन-व्यवस्था मे लग गए। संयोगवश उसी दिन पड़ोसी देश ने आक्रमण का घोषणा कर दिया। राजा को विश्वास हो गया कि भिखु का मुख वास्तव मे अशुभ है। राजा ने भिखु को फाँसी कि सजा सुनाई। भिखु को फाँसी देने से पहले उसकी आखरी इच्छा पूछी गयी। भिखु ने राजा से एक प्रश्न करने कि इजाजत माँगी। रा
- उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन, विधानसभा भंग नही की गई है
- शासन वनाम कुशासन
- अरुणाचल में राष्ट्रपति शासन लागू, कांग्रेस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई
- ...शासन के कुछ बिरले है
- बेसिक शिक्षा विभाग का नया फरमान, यूपी में प्राथमिक विघालय के बच्चों की होगी परीक्षा
अक्षरों पर क्लिक करके अन्य शब्द देखें