13 मई 2017 को अभी तक का एक बड़ा राजकीय सम्मान चित्रकला मूर्तिकला एवं साहित्यक गतिविधियों के लिये हिमाचल ललित कला, अकादमी का यहां मुख्यमंत्री राजा वीरभद्र सिंह जी द्वारा प्रदान किया गया। इसके पश्चात कई सालों से प्रेस में पड़ी मेरी द्वारा लिखित अनोखा ‘तीसरा कहानी संग्रह ‘ ”आकाशबेल” की पुस्तक विमोचन की परिकल्पना मेरे मन में आई। पुस्तक तीसरे दिन एक सब से बड़े शिखर सम्मान में हिमाचल के मुख्य मंत्री द्वारा उसी समारोह भवन में बिना किसी अधिक वांछित प्रयास, अनुमति या भाग दौड़ के हो तो श्रेष्ठ कर रहेगा। संबधित रहस्यमयी घटनाओं वाली पुस्तक कहानी संग्रह ‘आकाश बेल’ महीनों से प्रेस में पड़ी संभवतः विमोचन की शुभ घड़ी का इंतजार कर रही थी।
मैंने दो दिन पूर्व एक सरकारी मीटिंग में सोचा अनेकों अवरोधों के पश्चात जैसे मैंने सोचा था गरिमापूर्ण ढंग से घटित हो गया। प्रेस वाले ने केवल एक फोन पर बताने पर जितनी पुस्तकें आवश्यक थी, विमोचन वाली प्रातः काल समारोह में जाने से पूर्व अकस्मात ही भेज दी। छपाई की त्रुटियां स्वयं ही दूर कर दी जो सम्भव नहीं था। शेष पुस्तकेें एक वर्ष से अधिक बीत जाने पर भी अभी तक पूर्ण छापकर वह मुद्रक नहीं भेज पाया है। उस पुस्तक विमोचन समारोह के फोटो चित्र बिना कहे प्रसिद्ध फोटोग्राफर गूंगा ने मुझे दिये तथा मीडिया में प्रसारण हुआ।
इससे पूर्व कभी पहले मैंने इसकी परिकल्पना भी नहीं की थी कि मेरी पुस्तक का विमोचन एक विशाल समारोह में होगा। यह पुर्वाभास की सत्य घटित होने वाली एक गरिमा पूर्ण परा-मनोवैज्ञानिक घटना है। अन्यथा ऐसे समारोह के लिये एक लम्बी प्रक्रिया से गुज़रना पड़ता है।