अमेरिका के एक फिल्म निर्देशक व प्राॅडयूसर जो एशिया में विशेष व्यक्तियों धर्म तथा अन्य विषयों पर शोधकर्ता एक ऐसे व्यक्ति पर फिल्म बनाना चाहते हैं जो एक से अधिक दो विषयों में दक्ष यानि महारत रखते हैं। मैंने कहा कि मेरी जानकारी वाले विषय कला एवं परा-मनोविज्ञान से जुड़े हैं। जब तक उस प्रवृति को नहीं समझेंगे तब तक मुझसे सम्बंधित फिल्म बनाना सम्भव नहीं है। मैंने उनसे कहा कि आप केवल मुझसे एक कलाकार व साहित्यकार के रूप में मिलने आये है। किन्तु मैं अपनी बात सिद्ध करने के लिये प्रत्यक्ष रूप में बता रहा हूं कि जिस लेडी फोटोग्राफर को आप के साथ दिल्ली से आना चाहिये था वह वहां बीमार हो गई है। वह कल आयेगी तथा आपको मैं अमेरीका से सम्बधित कुछ बता रहा हूं।
यह जान कर और सुनकर फिल्म बनाने के लिये आये श्री एलमोर प्रोडयूसर निर्देशक आश्चर्य चकित रह गये। मैंने उस नारी फोटोग्राफर के बारे में यह भी बताया कि वह अगले दिन आकर मुझसे क्या बात करेगी तथा उसकी सूरत व कद कैसा है। यह सब सच था अतः वह दूसरे दिन से मेरी जीवनी तथा कला पर फिल्म की शूटिंग के लिए मेरे कला कक्ष पर आए तथा शिमला में जिन स्थलों पर कला कृतियां स्थापित है, की फिल्म शूटिंग से पहले एक प्रेस नोट जारी किया। जिसमें मेरे बारे में ‘लिविंग लिजेंड आफ इंडिया‘ नाम से उस फिल्म का नाम रखा। न्यूयार्क में यह इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में प्रसारित की गई।
एक वर्ष बाद मैं रास्ते में जिस स्थान पर जाते हुये सोच रहा था कि वह फिल्म प्राॅडयूसर फिर मिलेंगे। इस बीच कोई संपर्क नहीं रहा, वैसे ही देखा वह कुछ दूरी पर सामने से चले आ रहे हैं। वह मुस्कराये और बोले... मैं मिलना ही चाहता था और मिल गये ।
यह घटना असाधारण एवं विजुअलाइजेशन पर काया प्रवेश में समान कोसों दूर के दृश्य को देखने सम्बंधी या आभासित होने के समान हैं। ऐसी अनेकों घटनायें हैं।