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बनारस में संस्कृत विभागाध्यक्ष ‘कृष्णा नन्द जी‘

23 मार्च 2022

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लगभग तीस वर्ष पूर्व शिमला के प्रसिद्ध गेयटी थियेटर के सामने (एक ड्राई क्लिनिंग) अब कपड़ों के शोरूम में एक प्रसिद्ध वृंदावन आश्रम के महात्मा खड़े थे। मुझे मेरे मित्र श्री सोहन लाल गुप्ता जी माल रोड़ पर दूसरी ओर से आते हुये मिल गये। मुझसे बोले कि कुछ कदम दूर उस ड्राई क्लिनिंग शाॅप पर श्री ओपी सूद के अतिथि एक उच्च कोटि के महात्मा पधारे हैं। चलो आपको उनके दर्शन करायें । देखा महात्मा जी सड़क की ओर मुंह किये खड़े थे। 

श्री सोहन लाल गुप्ता जी ने उनके पैर छूंकर प्रणाम किया और मैं मानसिक रूप से प्रणाम कर आदर भाव से आगे बढ़ गया। 

दूसरे दिन श्री सोहन लाल गुप्ता जी का फोन आया कि वह महात्मा स्वामी कृष्णा नंद जी मुझसे मिलकर शिमला के प्रसिद्ध प्राचीन मंदिर कामना देवी जिसे ‘प्रोसपेक्ट‘ हिल वाला मन्दिर भी कहते है, वहां मिलना चाहते हैं। इसलिये मैं अपने विद्यालय से अवकाश ले लूं। कहा- महात्मा जी और वह स्वयं मेरे निवास की ओर अपनी गाड़ी से मुझे ले कर चलेंगे और मेरे लिये आम तथा दूध श्री गुप्ता जी स्वयं लेकर आयेंगे, केवल मैं तैयार रहूं। 

कुछ देर बाद मैं महात्मा जी के साथ चल पड़ा। वह पास के पैट्रोल पम्प पर गाड़ी में पैट्रोल भरवाकर मुझे लेकर चलने वाले थे। मैं महात्मा जी के पास पिछली सीट पर बैठा। उनके वस्त्र चप्पल गाड़ी सब ही पीले गेहुंआ रंग में रंगे थे। उन्होंने नोटों से भरे पर्स से पैसे निकाल कर पैट्रोल वाले को दिये। 

कुछ क्षण मौन रहने के पश्चात मेरे मन में महात्मा ‘कृष्णा नन्द जी‘ का बीता जीवन स्पष्ट दिखाई देने लगा। सदा की तरह मैंने पूछा महात्मा जी आप बुरा न माने मैं आपसे कुछ व्यक्तिगत जीवन के बारे में पूछना चाहता हूं। उन्होंने सहर्ष अनुमति दे दी। मैंने कहा कि आप सन्यास लेने से पूर्व बनारस काशी विश्वविद्यालय में संस्कृत विभाग में अध्यक्ष रहे हैं। उन्होंने अतीत में जाते हुये कहा हां, किन्तु मुझे यह जानकारी कैसे है। मैंने कहा कि मुझे ऐसा आभास हो रहा है। फिर मैंने विश्व प्रसिद्ध दार्शनिक ‘जे. कृष्णा मूर्ति‘ उनके सम्बध में तथा अन्य विस्तार पूर्वक बात की। इस मिलन के पश्चात कई वर्षो बाद शिमला में सेठों की मीटिंग में मुझे निमन्त्रण दिया गया। सारे सेठ व्यापारी राम मन्दिर में उनके आसन के सामने नीचे फर्श पर बैठे थे। सभी मुझसे एक कलाकार नागरिक के रूप में परिचित थे। 

मैं कुछ क्षण बाद पहुंच कर फर्श पर बैठने लगा तो श्री कृष्णा नंद जी ने मेरा हाथ पकड़कर अपने पास ऊंचे आसन पर बिठा लिया। भक्त उनके लिये सूखे मेवे एक प्लेट में लाये। श्री कृष्णा नन्द जी बोले... पहले वह मुझे दें। सेठों को संकोच में देखकर महात्मा जी ने मुठ्ठी भर मेवा मेरी जेब में जबरन डाल दिये। 

एक या दो वर्षा बाद मैं उन्हें माल पर प्रसिद्ध स्केंडल प्वाइंट पर मिल गया। वह कहीं जल्दी में जा रहे थे। मुझे देखकर वह रूककर बोले... एक भव्य मन्दिर बनाने की योजना है। मैं उन्हें कोई राय दूं । मैंने दूसरे क्षण ही खड़े-खडे़ बताया कि सामने घाटी में या कहीं एक ऐसा (Revolving ) घूमने वाला मन्दिर बनायें। जिसमें 365 दिन एक देव प्रतिमा प्रतिदिन भक्तों के सामने आये। मैं भी व्यस्त था। वह वहां से विचार मुद्रा में चले गये। 

कुछ समय बीतने पर मैं चंडीगढ़ एक मन्दिर में यूं ही चला गया। मैं सोच रहा था इस समय स्वामी कृष्णा नन्द जी कहां होंगे। जब मन्दिर से लौट रहा था तो वह भाक्तों के साथ कुछ दूरी पर ही मेरी ओर पैदल आते हुए वह मिले। वह बोले कि वह मुझे याद कर मेरे सम्बंध में भक्तों से बात कर रहे थे। 

यह घटना असाधारण परा-मनोवैज्ञानिक है। उन महात्मा से मेरा संबंध पत्र व्यवहार या फोन इत्यादि कुछ भी नहीं था। 

इस घटना के पश्चात् कई वर्ष बीत गये, कोई संपर्क नहीं था। एक कृष्ण जन्म अष्टमी के अनोखे विशाल समारोह मनाने के लिये पड़ोस में रहने वाले पंडित ‘बिहारी लाल वशिष्ट जी’ के आग्रह पर मैंने श्री कृष्ण जी की मिट्टी की एक ऐसी मूर्ति बनाई, जिसमें श्री कृष्ण जो कि सुन्दर, सौम्य, आकर्षक बाल रूप के साथ कुटनीतिज्ञ योगी महाभारत के कृष्ण का भाव का मिश्रण था। यह कार्य असम्भव था, किन्तु बिना धन के या किसी संस्था के मैंने वशिष्ट जी की निष्ठा देखकर कहा- मैं केवल ऐसी कृष्ण प्रतिमा बनाउंगा, जिसके कारण उसके आकर्षण के लिये सब कुछ जन्म अष्टमी समारोह के उपलब्ध हो जायेगा। शेष आप पड़ोस के सदस्य सब लोग संभालेंगे। एक दीवार के सहारे सुबह से शाम तक खड़ा धूप में गर्मी, भूख, प्यास की परवाह किये मेरे द्वारा श्री कृष्ण मूर्ति रूप लेती रही। 

एक दिन इस मूर्ति निर्माण के बीच सामने पास की कोठी से साधु प्रवृति के सेठ ‘मेला राम सूद‘ मूर्ति स्थल पर हाथ जोड़कर पीछे आकर खड़े हो गये। बोले मुझे भी कुछ सेवा का अवसर दें। आपको मैं कई सप्ताह से दिन रात तन्मय खड़ा मूर्ति बनाते देख रहा हूं। 

मैंने पड़ोसी वशिष्ट जी से कहा जो चाहिये उनसे बात करें। उन्होंने एक बड़ा नया शामियाना, काफी मात्रा में प्रसाद अपने कर्मचारियों द्वारा भेज दिया। एक शामियाना पुलिस के किसी पड़ोसी द्वारा आ गया। चालीस बिजली की रोशनी के लिये किसी शहर के भक्त ने लगा दी। कृष्ण लीला की झांकियां बनने लगी। कई किलो फूलों का प्रबंध होने लगा। स्वतः ही स्त्रियों व बच्चों ने झांकी के लिये मालाये बनानी आरम्भ कर दी। 

इसके पश्चात् एक उत्सव या शादी जैसा भव्य सुखद दैविक माहौल बनने लगा। गाने वाली कीर्तन मंडलियों वाले बिना मूल्य कीर्तन के लिये अपने योग दान का आग्रह करने लगे। प्रांगण फर्श के लिये दरियां उपलब्ध हो गई। मैं सब कुछ देखकर मूर्ति बनाने में व्यस्त रहा। अंत में मुझे लगा कि सब पड़ोसी, स्त्री, पुरूष, बच्चों व राहगिरों की इतनी निष्काम श्रद्धा है तो एक अस्थायी केवल जन्म अष्टमी के लिये प्लाईवुड का मन्दिर, मूर्ति के लिये वास्तविक मन्दिर; वास्तु के अनुरूपद्ध भी होना चाहिये। मेरा सोचना व कहना ही था कि पड़ोसी आईटीआई के शिक्षक वहां के प्रधानाचार्य तथा काष्ठ कला के अध्यक्ष द्वार मन्दिर का निर्माण मेरी कल्पना द्वारा रात भर में तैयार करवा दिया गया। 

कई फरलांग से मन्दिर दृष्टिगोचर होने लगा। राह चलते लोग कृष्ण जन्म अष्टमी का इन्तजार करने लगे। प्रांगण खचाखच भर गया। एक प्रसिद्ध पत्रकार ‘श्री प्रकाश लोहमी‘, शिक्षा मंत्री ‘श्री दौलत राम चैहान‘, वहां भाषण के लिये उतावले मेरे कला कक्ष पर सांय लगभग छह बजे पधारे। कुछ क्षण पश्चात वही वृन्दावन वाले स्वामी कृष्णा नंद जी तथा श्री सोहन लाल गुप्त जी सीधे आकर सोफे पर शिक्षा मंत्री के साथ शोभायमान हो गये। जिसकी मुझे पूर्व सूचना नहीं थी। 

मुझे लग रहा था कि जैसे शिमला के किसी मन्दिर से अधिक साक्षात मथुरा या वृन्दावन, चमत्कारिक शोभा इस कोठी में हो रही हो। जैसे किसी दैविक वर्षगांठ पर देवता मेरे कला कक्ष पर श्री कृष्ण के इस युग में दर्शन करने के लिये आतुर हों। 

श्री कृष्णा नन्द जी ने उस श्री कृष्णमूर्ति को उत्सव के बाद वृंदावन अपने आश्रम में स्थापित करने के लिये मुझसे प्रतिमा मांगी। मैंने बताया यह अस्थायी रूप से केवल जन्म अष्टमी के लिये है, स्थापना वाली प्रतिमा अन्य माध्यम में बनती हैं। वह अदभुत मूर्ति कई महीनों तक मेरे पास रही। उस पर चढ़े चढ़ावे से कई उत्सव कई वर्ष तक होते रहे। 

इस आश्चर्य चकित करने वाली घटना को वैज्ञानिक या मनोवैज्ञानिक कुछ भी कहें, मैं इस सबको परा-मनोवैज्ञानिक असाधारण अपूर्व केवल मन की शक्ति का जीता जागता उदाहरण ही मानूंगा जो ना कभी शिमला या हिमाचल में पहले घटी और न ही उस जन्म अष्टमी के बाद में। 

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                                                           श्री सोहन लाल गुप्ता 

 

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रचनाएँ
त्रिकालदर्शी परामनोवैज्ञानिक सत्य अंतरराष्ट्रीय घटनाएं
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भारत में वैदिक चिंतन या दर्शन के अनुसार इस गहन व जटिल रहस्य को समझने के लिए परा तथा अपरा विद्या का नाम कहा गया। परा ब्रम्ह को जानने व साक्षात्कार करने की विद्या कहा गया और अपरा विद्या को जीवन के अन्य अनेक पक्षों को जीने की विद्या माना गया। भारत में आत्मा, मन, शरीर के सूक्ष्म रूपों व क्रियाकलापों पर गहन चिंतन हुआ है। यहां अध्यात्म को भौतिक ज्ञान से श्रेष्ठ माना गया क्योंकि भौतिक को नाशवान कहा गया है।
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आभार

21 मार्च 2022
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मेरे अनेक मित्रों ने मुझ से आग्रह किया कि मैं अपने परामनोवैज्ञानिक अनुभवों को एक पुस्तक के रूप में लिखूं । ऐसे अनुभव अर्थात् घटनायें साधारण व्यकितयों के साथ नहीं घटती हैं। पौराणिक कथाओं, सिद्ध साधु म

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प्रस्तावना

21 मार्च 2022
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भारत में वैदिक चिंतन या दर्शन के अनुसार इस गहन व जटिल रहस्य को समझने के लिए परा तथा अपरा विद्या का नाम कहा गया। परा ब्रम्ह को जानने व साक्षात्कार करने की विद्या कहा गया और अपरा विद्या को जीवन के अन्य

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सिटी मैजिस्ट्रेट के घर चपटी नाक वाली वो औरत आखिर कौन थी

21 मार्च 2022
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मेरे लखनऊ विश्वविद्यालय के एक चिकित्सा मनोविज्ञाान के सहपाठी श्री आर के मिश्रा मेरे घर आये। कुछ देर परा-मनोविज्ञान सम्बन्धी बातें करने के बाद मैंने उनसे कहा कि उस रात वह अमुक स्वप्न देखेंगे। मैं यह पह

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अब सच हुई 50 साल पहले की भविष्यवाणी

21 मार्च 2022
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सन् 1963 में मैं अपने पुनर जागरण के कला गुरु लखनऊ राजकीय कला महाविद्यालय के मूर्तिकार प्रो. श्रीधर महापात्र जी तथा अपने गुरु भाई मूर्तिकार प्रो. दिनेश प्रताप सिंह के साथ हिमाचल में राजकीय कला व शिल्प

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कलयुग में भी संभव है श्राप

21 मार्च 2022
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जब हम दो कला प्राध्यापक शिमला में किराये का घर तलाश कर रहे थे तो कई महीनों तक कहीं घर नहीं मिला। दूसरी ओर कला महाविद्यालय के छात्रावास में दो तीन कमरे की कुछ दिन के लिये अनुमति मिल गई। शिमला मालरोड़ प

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पेड़ भी संकेत देते हैं

21 मार्च 2022
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मैं और कई प्राध्यापक शिमला में रहने के लिये हिमाचल की राजधानी में किराये का घर ढूंढ़ने लगे। मैं और श्री जवाहर लाल शर्मा पूरा नगर ढूंढकर तंग आ गये। मैं जहां अब रहता हूं वह अंग्रेज शासनकाल का प्रसिद्ध ता

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शिमला के इस पार्क में कैसे लगी हिमबाला

21 मार्च 2022
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शिमला के इस पार्क में कैसे लगी हिमबाला शिमला हिमाचल प्रदेश की राजधानी में 1963 में होली वाले दिन मैं हिमाचल राजकीय कला महाविद्यालय में प्राध्यापक के इंटरव्यू के लिये आया तो एक लखनऊ कला महाविद्यालय के

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जब जर्मनी के युवक का शिमला में पशु योनि में हुआ पिता से मिलन

22 मार्च 2022
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जर्मनी का गुलनाउ नाम का एक युवक अपने बचपन में देखे हुये स्वप्न कि उसके स्वर्गवासी पिता भारत में एक पशु रूप में मिलेंगे। वह भारत आना चाहता था। उसने अपनी मां से बार-बार यह स्वप्न आने पर भारत आने की तीव्

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दहीं के बहाने मैनचेस्टर दर्शन

22 मार्च 2022
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कई वर्ष पहले मैं एक कवि सम्मेलन में भाग लेने अपने घर से पैदल माल रोड़ शिमला की ओर कुछ सोचता हुआ चला जा रहा था कि मुझे सहसा आभासित हुआ कि मेरे पीछे एक विदेशी मैनचेस्टर का युवक पर्यटक आ रहा है जो बीमारी

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देश की सीमा लांघता सूक्ष्म मन

22 मार्च 2022
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ऐसी ही एक साहित्यिक गोष्ठी के लिये मैं अपने निवास से चढ़ाई पर धीरे धीरे चल रहा था। आगे एक युवा पर्यटक चितिंत सा जा रहा था। मैंने उसके समीप जाकर पूछ लिया... क्या आप ‘लार्ड ग्रे होटल’ ढूंढ़ रहे हैं। जबकि

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अमेरिका

22 मार्च 2022
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एक युवा लेखक के रूप में मैं उस संस्थान के लिये भारत के प्रथम अन्तर्राष्ट्रीय लेखन मास कम्युनिकेशन एंड सिंपल राइटिंग के लिये अमेरीकन छात्रवृति पर कार्यरत हो गया। तब तक मैं चिकित्सा मनोविज्ञान कलाओं और

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अफगानिस्तान

22 मार्च 2022
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इसी संस्थान में बगदाद अफगानिस्तान की निर्देशक फंडामेंटल एजूकेशन तथा फिलीपाइन की महिला भी अन्य शिक्षार्थियों के साथ थी। मैं कई सहकर्मियों और अफगानिस्तान की शिक्षाविद्ध निर्देशक को वहां का हाल परा-मनोवि

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उड़ीसा की घटना

22 मार्च 2022
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मैं लखनऊ राजकीय कला शिल्प महाविद्यालय में मनोचिकित्सक की नौकरी लखनऊ विश्वविद्यालय से छोड़कर उन परम आदरणीय गुरु श्री श्रीधर महापात्र, उड़ीसा के सूर्य मंदिर के रचनाकार परिवार से संबधित थे, परस्पर कला सीखन

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आकाशवाणी शिमला

22 मार्च 2022
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मैं रेडियो शिमला के लिये ड्रामे वास्तुकला व मूर्ति शिल्प पर लिखता रहा। वहां के निदेशक श्री स्वामी ने मेरे द्वारा लिखित वार्ता परा-मनोविज्ञान पर प्रसारण के लिये पहली बार परामनोविज्ञान पर मेरी वार्ता रख

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भारत के पूर्व राष्ट्रपति वेंकटरमन से अनायास मिलन

22 मार्च 2022
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कई वर्ष पूर्व संभवतः 1992 में भारत के पूर्व राष्ट्रपति माननीय स्व. वेंकटरमन को मैंने दूरदर्शन पर इटली की किसी कला दीर्घा में कला कृतियों को बड़े ध्यान से देखते हुये देखा। मुझे उनके चलचित्र देखकर लगा कि

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शिमला सचिवालय के प्रांगण में मूर्ति म्यूराल का उद्घाटन

22 मार्च 2022
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उद्घाटन से एक दिन पूर्व शिमला सचिवालय के प्रांगण में काफी सुरक्षा थी। बिना प्रमाण पत्र के उस स्थल पर, जहां दीवार पर लगे मूर्ति म्यूराल का उद्घाटन होना था, प्रवेश वर्जित था। कुछ सरकारी वास्तुकार इंजीनि

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ईरान के फ्ररहाद की अदभुत कहानी

23 मार्च 2022
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ईरान का एक परिवार वहां के शासक खुमैनी के कठोर व्यवहार से तंग होकर अपना देश छोड़ किसी देश में पलायन कर जाना चाहते थे। ईरान में 18 से 20 /25 वर्ष के युवकों को सेना में भर्ती होने का आदेश दिया गया। जो आदे

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सोलन की गुफा में रहने वालेे चंबाघाट व जटोली वाले बाबा

23 मार्च 2022
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सोलन में चंबाघाट की गुफा में एक ऐसे सन्यासी से मेरी मिलने की तीव्र इच्छा हुई। उनसे मिलना कठिन था। वह हड्डियों वाला एक साधारण गांव वाला जैसा व्यक्ति था। हम दोनों कृतज्ञता के भाव से फिर कुछ क्षण अन्दर ध

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जहां हमें मिली धूने की अग्नि में बनी चमत्कारी चाय

23 मार्च 2022
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कई वर्ष पहले चम्बाघाट सोलन की गुफा में एक महान साधक महात्मा रहते थे गुफा के बारे में यह माना जाता था कि जो गुफा महाभारत काल में पांडवों के निष्कासन पर हरियाणा, पिंजौर से हिमाचल तक बनाई गई थी, वही है। 

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बनारस में संस्कृत विभागाध्यक्ष ‘कृष्णा नन्द जी‘

23 मार्च 2022
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लगभग तीस वर्ष पूर्व शिमला के प्रसिद्ध गेयटी थियेटर के सामने (एक ड्राई क्लिनिंग) अब कपड़ों के शोरूम में एक प्रसिद्ध वृंदावन आश्रम के महात्मा खड़े थे। मुझे मेरे मित्र श्री सोहन लाल गुप्ता जी माल रोड़ पर दू

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सिद्ध श्री देवड़ा बाबा

23 मार्च 2022
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परम पूज्य लगभग 400 वर्ष के देवरिया 30 प्रदेश के देवड़ा बाबा के बारे में सुना कि वह लगभग 400 वर्ष या अधिक आयु वाले मचान पर रहने वाले अल्पाहारी संत हैं । भारत के पहले राष्ट्रपति विदेशी और अनेकों भारत की

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हरिद्वार से नागा साधु और नरवदेश्वर शिवलिंग

23 मार्च 2022
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लगभग पांच छह वर्ष पहले एक अधेड़ आयु के एक नागा साधु मेरे द्वार पर आये। मैं उस समय अकेला टीवी पर अर्ध कुंभ हरिद्वार मेले का दृश्य देख रहा था। साधु की आवाज़ सुनकर कुछ दक्षिणा देकर लौटने लगा तो वह साधू बोल

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शिवदर्शन यतीश

23 मार्च 2022
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एक दिन मेरे निवास पर पड़ोस में रहने वाले शिमला के धर्म परायण प्रसिद्ध सेठ मेला राम सूद के पौत्र श्री यतीश सूद जी आये। वह बोले कि मैं एक चित्र या मूर्ति बनवाने के लिए आया हूं। आप मना मत करें क्योंकि उन्

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‘लिविंग लिजेंड आफ इंडिया‘ की तलाश

23 मार्च 2022
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अमेरिका के एक फिल्म निर्देशक व प्राॅडयूसर जो एशिया में विशेष व्यक्तियों धर्म तथा अन्य विषयों पर शोधकर्ता एक ऐसे व्यक्ति पर फिल्म बनाना चाहते हैं जो एक से अधिक दो विषयों में दक्ष यानि महारत रखते हैं। म

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विचित्र घटना - मंदिर स्थापना और रहस्यमयी कछुआ

23 मार्च 2022
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शाहजहांपूर नगर के अशोक अग्रवाल  उत्तर प्रदेश के शाहजहांपूर नगर के अशोक अग्रवाल का उनके परिवार से कोई झगड़ा एक मोटर बाईक के प्रसिद्ध शोरूम पर चल रहा था। आमने-सामने दोनों भाई पिस्टल लिये गोली चलाने के

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श्री श्याम बाबा का एक मन्दिर

23 मार्च 2022
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कुछ वर्षो पश्चात श्री अशोक अग्रवाल जी ने मुझे उत्तर प्रदेश में श्री श्याम बाबा का एक मन्दिर बनवाने के लिये जो स्थान नहीं मिल रहा था, उसके निर्णय के लिये बुलाया। मैं उस स्थल पर पहुंचा। उस स्थान का मालि

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शास्त्री जी आप चुनाव हार जायेंगे

23 मार्च 2022
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 हिमाचल के एक शिक्षा मंत्री तथा विधान सभा अध्यक्ष रहे श्री राधारमण शास्त्री जी के ससुर ने अपने माता - पिता की दो मूर्तियां बनवाई। मैंने पूछा कि कहां स्थापित करनी है, तो उन्होंने बताया... एक बस में वह

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फोटो देखकर कहा चुनाव जीत जाएंगे

23 मार्च 2022
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हिमाचल में शिमला के एक गांव के प्रसिद्ध ठाकुर जिन्हें ज्योतिष तथा राजनीति में काफी रूचि है। वह मुझसे परिचित होने विधानसभा चुनाव से पूर्व ग्राम पंचायत के एक राजसी परिवार के युवा प्रत्याशी ‘अनिरूद्ध सिं

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शब्द हटा दें तो ही मिलेगी मूर्ति

23 मार्च 2022
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कुछ वर्ष पूर्व की बात है कि एक ईसाई चित्रकार सेमुअल मसीह शिमला के चित्रकार मुझे मिले और कहा कि शिमला रिज स्थित उतरी भारत की अंग्रेजी शासन काल की बनी चर्च में पहली बार एक कला प्रदर्शनी ईसाई सोसायटी की

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टेलीपैथी से कला शिक्षा

23 मार्च 2022
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हिमानचल के कला, भाषा संस्कृति तथा स्वास्थ्य मंत्री रहे कुल्लू के प्रसिद्ध सर्वप्रिय शायर ‘श्री लाल चन्द प्रार्थी‘ हिमाचल के पहले मुख्यमंत्री डा. वाई एस परमार की कैबिनेट में थे। मैं यहां के राजकीय महाव

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वह मुस्कराता बच्चा कौन था

24 मार्च 2022
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शिमला में लगभग 25 वर्ष पूर्व सेंट एडवर्ड स्कूल का बच्चा जब मेरे घर के सामने से अपने स्कूल से लौटता हुआ गुजरता था तो मुझे सड़क के किनारे पर खड़े घर के पास देखकर मुस्कराता हुआ निकलता था। मुझे लगता कि यह श

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शिमला में उसी घर में हुआ पुनर्जन्म

24 मार्च 2022
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लगभग दस वर्ष पूर्व मैं सर्दियों में गिरी हुई बर्फ की संध्या समय शिमला मालरोड़ से अपने निवास की ओर आ रहा था। रास्ते में सामने से दो विद्यार्थी चले आ रहे थे। सफेद बर्फ के कारण काफी रोशनी फैली हुई थी। दो

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सोचने मात्र से मिला दक्षिणावर्ती शंख

24 मार्च 2022
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लगभग चालीस वर्ष पूर्व मैं उतर प्रदेश अपने पैतृक आवास में शिमला से गया हुआ था। मेरे डाक्टर चाचा जी की पूजा की अलमारी में एक अदभुत दक्षिणावर्ती शंख रखा था। वह इतना आकर्षक था कि मैंने अपने चाचा जी से पूछ

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शिमला के एक स्टेट ऑफिसर को बताया

24 मार्च 2022
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शिमला नगर निगम से सेवानिवृत मेरे परिचित एक स्टेट ऑफिसर रेस्तरां में मेरी ओर पीठ किये कुछ दूर बैठे कई लोगों से कुछ बात कर रहे थे। मैं कुछ दूर बैठा सोच रहा था कि यह सामने बैठे लोग कुछ विशेष बात कर रहे ह

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शिमला में डयूटी विद लव मूर्ति

24 मार्च 2022
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सन् 1972 में इंडो-पाक समझौता शिमला में हुआ। जिसके लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और भारत की प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी शिमला आई थी। उस समय मुझे हिमाचल के आईजी पुलिस ठाकुर गंगबीर सिंह के द्वारा ए

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गंगा के उपासक विचित्र स्वामी मोरगानन्द जी

24 मार्च 2022
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 एक नागा साधू ‘स्वामी मोरगानन्द जी‘, भारत भ्रमण कर जहां गंगा पूजा होती थी कुछ दिन ठहर कर गंगा की पूजा अर्चना कर गंगा किनारे ही रहते थे जहां शिव स्थान हो।  मेरी रूचि के अनुरूप जहां मैं जाता हूं ऐसे रह

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योगी मन द्वारा ही होते है त्रिकालदर्शी

24 मार्च 2022
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मैं जब लखनऊ विश्वविद्यालय में पढ़ता था तो कुछ सालों के लिये अपने एक सम्बधी के परिचित परिवार में रहा। उनके मकान मालिक के स्वर्गवास के पश्चात वह घर छोड़कर सब अन्य स्थान पर कुछ दिनों के लिये चले गये।  मैं

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नैम शरणी तीर्थ स्थल पर मिला मनचाहा फूल

24 मार्च 2022
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मैं सपरिवार धर्म कथाओं में वर्णित नैम शरणी तीर्थ स्थान पर दूसरी या तीसरी बार गया। वहां किसी ने बताया कि यहां की प्रसिद्ध श्री ब्यास गद्दी वाला मन्दिर दर्शनीय तथा अति प्राचीन है। मैं परिवार के सदस्यों

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ज्वाला जी मन्दिर

24 मार्च 2022
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हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा का माता ज्वाला जी मन्दिर भी अति प्राचीन काल से शिव शक्ति पौराणिक कथा के कारण पूरे संसार में प्रसिद्ध तथा मान्य है। वहां भी अदभुत दर्शन की घटना बताता हूं कि खचाखच लाखों की

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‘स्वामी योगा नंद जी’ का मंच पर सजा वह चित्र

24 मार्च 2022
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कुछ साल पहले देश तथा विदेश के सुप्रसिद्ध अध्यात्मवादी योगी, ‘स्वामी योगा नन्द जी’ की संस्था का शिमला के प्रसिद्ध ‘गेयटी थियेटर’ मालरोड़ पर कोई कार्यक्रम था। उनका प्रोग्राम बाहर लिखा देखकर मैं अपनी जिज्

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क्यों पाश्चात्य चित्र कला से भिन्न है भारतीय कला

24 मार्च 2022
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सन 1980 के दशक में नौ लोगों का एक खोजी समूह इंग्लैंड तथा हाॅलैंड से भारत आया। इस समूह में डाॅक्टर इंजीनियरों के साथ एक चित्रकार था। वह सारे सदस्य वापस विदेश लौट गये। किन्तु हाॅलैंड के चित्रकार को हिमा

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मदर बराॅडा के लिए स्काॅटलैंड से आ रहे हैं जूते

24 मार्च 2022
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अंग्रेज़ी शासनकाल का शिमला में उत्तरी भारत का एक प्रसिद्ध लाॅरेटो कान्वेंट ताराहाल स्कूल विशेषकर लड़कियों के लिये प्रसिद्ध है। जहां कई फिल्मी, राजनैतिक तथा शिक्षा के क्षेत्र की प्रसिद्ध छात्राएं है। यह

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बनारस की अदभुत व असंभव घटना

24 मार्च 2022
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मैं 1970 के दशक में विचित्र मन्दिरों तथा घाटों के स्वप्न देखता था। वैसे मंदिर को प्रत्यक्ष मैंने कभी नहीं देखा था। एक दिन बनारस विश्वविद्यालय के मूर्तिकला विभाग में मेरे पास टेलीग्राम आया कि मुझे बना

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जम्मू में फकीर द्वारा दिया गया हीरे के समान पत्थर का टुकड़ा

24 मार्च 2022
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शिमला के श्री सोहन लाल गुप्ता मेरे पारिवारिक मित्र अपने आॅडिट विभाग से किसी ट्रेनिंग के लिये जम्मू भेजे गये। वह अपनी धार्मिक आस्था के कारण जम्मू के प्रसिद्ध राजसी रघुनाथ मंदिर में दर्शन कर प्रसाद चढ़ान

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नौ नगों के शोरूम में वह नीलम

24 मार्च 2022
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ऐसी एक अति विचित्र असंभव परा-मनोवैज्ञानिक पूर्वाभास तथा भविष्यवाणी तथा भूत व भविष्य दर्शन को मैं यहां लिख रहा हूं। कई साल पहले सम्भतयः 1990 के समीप मैं सपरिवार आगरा ताजमहल देखने गया था। मेरे पास के कै

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समाप्त हुआ नगों का व्यापार

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हिमाचल में बिलासपुर और शिमला के बीच दाड़लाघाट एक स्थान है। वहां एक ज्योतिषी ब्राम्हण परिवार के स्व. पंडित चंद्रमणी जी का परिचय एक मित्र जो शिमला पंजाब बैंक के एकाउंटेट पद पर थे, उनके हाथ की उंगली में

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क्षण भर में आया फोन और बदल गई तकदीर

24 मार्च 2022
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.कुछ साल पहले अंग्रेजी स्कूल लाॅरेटो कान्वेंट तारा हाल के किसी शिक्षक के कोई सम्बधी वन अधिकारी आस्ट्रेलिया जाने के सिलसिले में मुझसे मिलने की चाह में इंग्लैंड से शिमला आए। मैंने फोन पर बात कर रिज स्थि

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आकाश बेल पुस्तक का विमोचन

24 मार्च 2022
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13 मई 2017 को अभी तक का एक बड़ा राजकीय सम्मान चित्रकला मूर्तिकला एवं साहित्यक गतिविधियों के लिये हिमाचल ललित कला, अकादमी का यहां मुख्यमंत्री राजा वीरभद्र सिंह जी द्वारा प्रदान किया गया। इसके पश्चात कई

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वह नोट किसका था

24 मार्च 2022
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जब लखनऊ विश्वविद्यालय की एक चिकित्सा मनोवैज्ञानिक के रूप में नौकरी त्याग कर लखनऊ के राजकीय कला महाविद्यालय में मूर्तिकला का छात्र बना तो प्रायः अपने दो अन्य परिपक्व कलाकार मित्रों से यदा कदा वहां की

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वह बिना राशि क्या करें...

24 मार्च 2022
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मेरी जम्मू वाली घटना से संबंधित श्री सोहन लाल गुप्ता जी से वस्तुओं के मैटिरियलाइज होने अर्थात मनुष्य के समान वस्तुओं के अनायास मन की एकाग्रता द्वारा प्रकट होने की घटनाओं तथा संभावनाओं पर विचार विमर्श

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