मैं और कई प्राध्यापक शिमला में रहने के लिये हिमाचल की राजधानी में किराये का घर ढूंढ़ने लगे। मैं और श्री जवाहर लाल शर्मा पूरा नगर ढूंढकर तंग आ गये। मैं जहां अब रहता हूं वह अंग्रेज शासनकाल का प्रसिद्ध ताराहाल लाॅरेटो कान्वेंट स्कूल के पास का क्षेत्र है। हम यहां के प्रसिद्ध कालीबाड़ी मंदिर की ओर चढ़ाई चढ़ रहे थे, कि पास की अंग्रेजी शासन की विशाल भवन में लगे सड़क के किनारे कई विशाल वृक्षों में एक वृक्ष देखकर मुझे नीचे सड़क से लगा यहां ही मुझे किराये का घर मिलेगा।
कुछ वर्ष बाद यह सच हो गया। मकान मालिक स्वयं ही बिना बताये वहां आया जहां विश्व की अनेकों हस्तियां मुझसे मिलने आती है। जिसमें संत, विदेशी, राज्यपाल, फिल्मी हस्तियां, कई कुलपति, मंत्री इत्यादि शामिल है। यह पूर्वाभास मुझे उस परिसर में एक विशाल वृक्ष देख कर हुआ।