कई वर्ष पहले मैं एक कवि सम्मेलन में भाग लेने अपने घर से पैदल माल रोड़ शिमला की ओर कुछ सोचता हुआ चला जा रहा था कि मुझे सहसा आभासित हुआ कि मेरे पीछे एक विदेशी मैनचेस्टर का युवक पर्यटक आ रहा है जो बीमारी से पीड़ित दहीं खाने के लिये तलाश कर रहा है। किसी जगह उसे दहीं नहीं मिला। मैं एक क्षण रास्ते में कैनेडी हाउस प्रसिद्ध भवन के पास रूका और उस पीड़ित से पूछा कि आप क्या दहीं तलाश कर रहे हैं। वह पहले तो शक की नजर से देख कर कुछ रूक कर बोला हां मैं पेट की बीमारी से पीड़ित हो गया हूं। मैं दहीं खाने के लिये ढूंढ रहा हूं। दहीं मुझे आराम देगा।
मैं साधारण बातें करते मालरोड़ के परिचित दो प्रसिद्ध रेस्तरां अल्फा और फिर बालजीज में न मिलने पर रिज पर सरकारी रेस्तरां आशियाना के नीचे गुफा रेस्तरां गया जहां मेरा एक परिचित मैनेजर था। साथ उस विदेशी की समस्या बताई। उसने एक दहीं की प्लेट उपलब्ध करवा दी। वह विदेशी चकित था कि कैसे मैंने उसकी समस्या बिना बताये जानकर उसकी सहायता की। वह बार- बार मेरे बारे में जिज्ञासावत पूछता रहा।
वहीं रिज पर आशियाना के समीप मेरे द्वारा प्रसिद्ध रहस्यमयी मूर्ति स्थापित है, उसे देख वह विदेशी पर्यटक बोला कि यह आपकी बनाई है। मैंने कल कुल्लू मनाली से लौट कर इसके फोटो खींचे हैं। और मुझे छोड़ने कालीबाड़ी मंदिर तक साथ आया और कुछ पूछने लगा। वहां तब दीवार की जगह लोहे की रेलिंग की बाउंडरी लगी थी। मैंने राह में रूक उसे बताया कि मैनचेस्टर में उसके घर भी ऐसी ही आयरन की रेलिंग लगी है। वह हैरान था क्योंकि न मैं पहले कभी उसे मिला था और न मैनचेस्टर शहर देखा था। वह मित्रता का भाव दर्शाते हुये अपना एक पासपोर्ट साइज फोटो और अपना पता लिखकर दे गया।
यह घटना पूर्वाभास, भविष्यवाणी, फोरकास्ट और चलते फिरते मन द्वारा उसमें मैनचेस्टर के निवास पहुंच कर देखी हुई बताने की परा-मनोवैज्ञानिक अनोखी घटना है।