आस्था और विचारधार का प्रत्येक व्यक्ति का अपना व्यक्तिगत दृष्टिकोण हो सकता है, लेकिन अपनी आस्था और विचारधारा को दूसरे व्यक्ति पर थोपने का प्रयास ग़लत है | इस विषय में डॉ दिनेश शर्मा के लेख. ..
आस्था और विचारधारा
डॉ दिनेश शर्मा
हर आदमी की अपनी धार्मिक और राजनीतिक विचारधारा
है । कोई कट्टर मुसलमान है तो कोई कट्टर हिन्दू , सिख या क्रिश्चियन । कोई नास्तिक है तो कोई आस्तिक । कोई कांग्रेसी है,
भाजपाई है, सपाई है, बसपाई
है, वामपंथी है । सबको ऐसा होने का पूरा पूरा हक़ है । दिक्कत
वहां आती है जहां हम अपनी विचारधारा या आस्था को दूसरों से श्रेष्ठ मानकर बहस खड़ी
करते हैं । आप अपनी विचारधारा और आस्था को अगर बेहतरीन मानते है तो उसमे कोई
परेशानी नही है । आप उस श्रेष्ठता के भाव को अपने अंदर रखिये और खुश रहिये । कई
बार आप खास दोस्तों और रिश्तेदारों से अपनी आस्था या विचारधारा की बेहतरी सिद्ध
करने के चक्कर में आपसी रिश्ते खराब कर लेते है । वो अच्छी बात नही है ।
बदकिस्मती से चाहे समाज हो या देश, उपनिवेश हो या संसार , ऐसी ही वजहों से अलगाववाद पनप
रहा है। हज़ारों साल पहले ये दुनिया छोटे छोटे कबीलों में बंटी हुई थी । हर कबीले
की अपनी परम्पराएं और मान्यताएं थी, छोटा मोटा देवता था,
रीति रिवाज थे । आवाजाही के साधन विकसित नही थे तो लोगों के आपसी
संपर्क भी सीमित ही थे । आज सब कुछ बदल गया है ।
बिखरे कबीले विज्ञान और टेक्नोलोजी के धागे से जब
जुड़ने लगे तो एक दूसरे की भिन्न मान्यताओं , आस्थाओं और विचारधाराओं से रूबरू हुए । सबने एक दूसरे से जहां बहुत कुछ
अलग अलग सीख कर अपने बुद्धिबल को विकसित किया वही भिन्न आस्थाओं की वजह से विरोध
भी पनपे जिनकी वजह से हिंसक संघर्षों में लाखों निरपराध जाने गयी । इस हिंसा की
बड़ी वजहों में दूसरों पर अपनी आस्था आरोपित करना भी था ।
आज फिर दुर्भाग्य से वैसी ही आस्थाओं और
विचारधाराओं को आरोपित करने वाली स्थितियां बनने लगी हैं । इतिहास से सबक न लेने
वाली सभ्यताएं इतिहास की दुखद दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति झेलने को अभिशप्त हो जाती
हैं । इसीलिए मैंने शुरू में कहा कि आप अपनी विचारधारा और आस्था की श्रेष्ठता के
भाव को अपने अंदर रखिये और खुश रहिये । अपने दोस्तों और जानने वालों से अपनी आस्था
या विचारधारा की बेहतरी सिद्ध करने के चक्कर में आपसी रिश्ते मत खराब करिए ।
4 जुलाई 1955 को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में जन्म | शिक्षा दीक्षा उत्तर प्रदेश के ही जिला बिजनौर के नजीबाबाद में सम्पन्न |
शिक्षा दीक्षा : संस्कृत तथा तबला में पोस्ट ग्रेजुएशन, गायन तथा कत्थक में ग्रेजुएशन, गुरु शिष्य परम्परा में गायन-तबला तथा जयपुर घराने के कत्थक की शिक्षा, भारतीय दर्शन में पी एच डी |
आकाशवाणी नजीबाबाद से उदघोषण, संगीत संयोजन, लेखन, संगीत रूपक इत्यादि विधाओं के चलते 7 वर्ष तक जुड़ाव | इस बीच लगभग पाँच वर्ष तक रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय और गढ़वाल विश्वविद्यालयों में संस्कृत अध्यापन |
1983 से विवाह के बाद से आज तक ज्योतिष और योग से सम्बन्धित अनेक पुस्तकों का हिन्दी अनुवाद, साथ ही 35 वर्षों से भी अधिक के अनुभव के साथ एक लब्ध प्रतिष्ठ ज्योतिषी |
कुछ प्रसिद्ध मीडिया कम्पनियों के लिए भी लेखन कार्य | लगभग दस वर्षों तक दूरदर्शन के प्रिव्यू पैनल पर एक्सपर्ट के रूप में कार्य |
प्रकाशित कार्य:
• बचपन से ही लेखन में गहन रूचि के कारण अनेक पत्र पत्रिकाओं में लेख लिखने का सौभाग्य |
• 2006 में अरावली प्रकाशन दिल्ली से देवदासियों के जीवन संघर्षों पर आधारित उपन्यास “नूपुरपाश” प्रकाशित |
• 2006 में ही व्यक्तिगत और सामाजिक अनुभवों पर आधारित प्रथम काव्य संग्रह “मेरी बातें” हिन्दी अकादमी दिल्ली के सौजन्य से अनमोल प्रकाशन दिल्ली से प्रकाशित |
• भारत के मध्यमवर्गीय परिवारों में नारियों के संघर्षमय जीवन की झलक प्रस्तुत करता उपन्यास “सौभाग्यवती भव” नाम से 2008 में भारतीय पुस्तक परिषद दिल्ली से प्रकाशित |
• बयार के समान उन्मुक्त भाव से प्रवाहित होती निरन्तर प्रगति पथ पर अग्रसर रहती महिलाओं पर ही आधारित उपन्यास “बयार” 2015 में एशिया पब्लिशर्स द्वारा प्रकाशित |
सम्प्रति:
• स्त्री-पुरुष के सम्बन्धों पर आधारित उपन्यास “विरक्त” शीघ्र ही प्रकाशित होने वाला है |
• अन्य अनेकों संस्थाओं की महासचिव रहने के बाद सम्प्रति WOW (Well-Being of Women) India नामक राष्ट्रीय स्तर की संस्था की महासचिव के रूप में क्षेत्र की एक प्रमुख समाज सेविका |
संपर्क सूत्र: 302, कानूनगो अपार्टमेंट, 71 इन्द्रप्रस्थ विस्तार, दिल्ली –92,
मोबाइल: 7042321200
वेबसाइट : https://www.astrologerdrpurnimasharma.in/
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