दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ
प्रिय मित्रों, प्रकाश पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ |
दीपमालिका में प्रज्वलित प्रत्येक दीप की प्रत्येक किरण आपके जीवन
में सुख, समृद्धि, स्नेह और सौभाग्य की
स्वर्णिम आभा प्रसारित करे…. दिवाली पर्व है प्रकाश का – केवल दीयों का प्रकाश
नहीं, मानव हृदय आलोकित हो जिससे ऐसे स्नेहरस में पगे दीप को
प्रज्वलित करने का पर्व है यह… तो आइये परम्परा का अनुसरण करते हुए गणेश-लक्ष्मी
के आह्वाहन के साथ ही दीप प्रज्वलित करें आशा का – ताकि हरेक मन से निराशा का
अन्धकार दूर हो… दीप प्रज्वलित करें प्रेम का, अपनेपन का –
ताकि नफरत और क्रोध का तमस कहीं जा तिरोहित हो….
है प्रकाश का पर्व, धरा पर जगमग जगमग दीप जलाएँ |
और दीप की स्वर्ण ज्योति से हर घर आँगन को नहलाएँ ||
हरेक नयन में स्वप्न ख़ुशी का, और कंठ में राग दीप का |
नयी रोशनी लेकर आये अरुणोदय हर नयी भोर का ||
नए सुरों से सजे दिवाली, और स्नेह में पगे दिवाली |
दीन हीन सबके जीवन में स्नेहसरस हो जगे दिवाली ||
माटी के ये दीप, व्यर्थ है इनको यों दाहकता देना |
आओ मिलकर इनमें पहले स्नेह बढ़ाएँ, फिर दहकाएँ ||
दीन हीन और निर्बल जितने भी प्राणी हैं इस धरती पर |
उन सबके जीवन में स्नेहपगी बाती की लौ उकसाएँ ||
होती है दीवाली भू पर, जगर मगर दीपक जलते हैं |
जैसे इस नीले अम्बर में झिलमिल तारकदल खिलते हैं ||
ऐसे ही आओ हम मिलकर भू पर आशादीप जलाएँ |
मावस की इस कलुष निशा को, पूनम सी धवलित कर जाएँ ||