वर्तमान में राजनीतिक उठा पटक पर डॉ दिनेश शर्मा
का खरा व्यंग्य...
भेडें और भेड़िये
*डॉ दिनेश शर्मा
फाइव स्टार होटल की लाबी में भेड़ों के बड़े झुंड
में , दो भेडें जो एक दूसरे को अच्छी तरह पहचानती थी,
अचानक आमने सामने पड़ गयी ।
पहली भेड़ ; तुम यहां क्या कर रही हो ?
दूसरी भेड़ ; जो तुम कर रही हो ।
पहली भेड़ ; मुझे तो पार्टी यहां उठा कर लायी है
।
दूसरी भेड़ ; मुझे भी यहां पार्टी लायी है ।
पहली भेड़ ; तुम्हे क्या मिल रहा है ?
दूसरी भेड़ ; निगम की चेयरमेन शिप, लाल बत्ती वाली गाड़ी और
अमेरिका में मेरी बेटी के लिए दो मिलियन का घर । और तुम्हे ?
पहली भेड़ ; मैं तुम्हारी तरह बेवकूफ नही हूँ । मैंने
मिनिस्ट्री, पांच खोखे और बेटे के लिए सेंटर में आयोग
की मेम्बरशिप की बात पक्की की है ।
तभी शराब के नशे में झूलती एक तीसरी अधेड़ और मोटी
भेड़ जो दरअसल भेड़ की खाल में भेड़िया थी, और उन दोनों की पुरानी लीडर थी, उन्हें बतियाते देख
उनके पास आकर सोफे पर धंस गयी। पहली और दूसरी भेड़ ने दुआ सलाम कर अपने किस्से
तीसरी भेड़ बनाम भेड़िये से शेयर किये ।
तीसरी भेड़ ; पर अभी तुम कौन सी पार्टी में हो ?
पहली भेड़ ; मैंने दो महीने पहले ही एसजीसी
छोड़कर पीसीपी जॉइन की है ।
दूसरी भेड़ ; मैंने परसों ही पीसीपी छोड़कर एसजीसी
जॉइन की है ।
तीसरी भेड़ ; तुम दोनो बहुत चीप किस्म की बुड़बक हो । हम तुम्हे इतना सिखाये पर तुम
स्साले रहे चू* के चू* ही । अबे घोंचूओ
एसएसयू की नई सरकार बन रही है । भड़वों हम डिप्टी सी एम की शपथ ले चुके है । वैसे
तो हमारे पास नम्बर पूरे है पर अध्यक्ष जी ने कहा है अपने खास खास बंदों को ले आओ
। हमरी बात कान खोल कर सुन लेओ । दोनों को दस दस खोखा और मंत्री पद तो है ही बाकी
मलाई तो तुम्हे पता ही है। अब बोलो हाँ ।
पहली भेड़ ; हाँ गुरु जी हाँ । हम तो आपका बच्चा हूँ
।
दूसरी भेड़ ; गुरु जी ए कोई पूछने की बात है । हाथी के पैर में सबका पैर । हम आप से
कौनो बाहर है ।
तीसरी भेड़ यानी भेड़िया मुस्करा कर उठा और लड़खड़ाता
लाबी से बाहर वाले गेट की तरफ जहाँ लंबी काली मर्सिडीज खड़ी थी, आश्वस्त होकर चल पड़ा ।
पहली और दूसरी भेड़ भी कंधे झुकाए लंबे कानों में
मुंह छुपाए पीछे पीछे हो ली ।