आज कोरोना से आतंकित है हर कोई...
ऐसे में एकमात्र अवलम्ब है तो वह है हमारा साहस... समझदारी... एक दूसरे का साथ
सहयोग... सकारात्मकता... और एक ख़ास बात... हमें उम्मीद का दामन नहीं छोड़ना है...
मन में दृढ़ आशा और विश्वास बनाए रखना है कि बहुत शीघ्र इस आपत्ति से मुक्ति
प्राप्त होगी... ये वक़्त भी गुज़र जाएगा... नहीं भूलना चाहिए कि दुःख ऐसी कसौटी है जिस
पर घिसकर मनुष्य हीरे जैसा दमक उठता है...
जीवन, न
अतीत है न भविष्य
वह तो है वर्तमान
इसलिए जीना है हमें साथ आज के
कल क्या था / पता नहीं
कल कैसा होगा ? भान नहीं
तो फिर भय किस बात का
रखना होगा साहस हर परिस्थिति में
करने को साक्षात्कार स्वयं के साथ /
पहचानने के लिए स्वयं को ही
क्योंकि जीवन वास्तव में है बड़ी मोहक
संरचना प्रकृति की
हाँ ये सत्य है / पड़ भी जाते हैं
निशान इस आकर्षक संरचना पर
समय के प्रहार के / संघर्षों के /
उथल पुथल के
देनी पड़ जाती हैं न जाने कितनी अग्नि
परीक्षाएँ
और वो कठोर परीक्षक छिपा हुआ कहीं
देता है दण्ड हमारी भूलों का /
असफलताओं का
जिनसे मिलती है सीख / होता है मार्ग
दर्शन
इसलिए जो जीत गया इन सभी चुनौतियों
से
और आत्मसात कर ली सारी सीख उस कठोर परीक्षक
की
होता है वही भाग्यवान
जीवन में न हो कोई संघर्ष / न हो कोई
कष्ट
तो हो जाएगा जीवन एकरस
इसलिए हारना नहीं है इन संघर्षों से
कष्टों से
गिरेंगे यदि हम / तो कोई हाथ आगे
बढ़ाकर उठा भी लेगा
हार और जीत तो निर्भर करती है हमारी
सोच पर
लेना है आनन्द जीवन का / जो जीना
होगा हर पल को
बिना डरे / आनन्द के साथ / हर
परिस्थिति में
कितना लम्बा जी लिए / नहीं है कोई
अर्थ इसका
कितना पूर्ण रूप से जिए / महत्त्व है
इसी का
इसलिए गँवाने नहीं हैं जीवन के
अमूल्य पल
किसी भय के साए में
घबराना नहीं है संघर्षों से /
इम्तहानों से
क्योंकि इन्हीं से तो पता चलता है /
सामर्थ्य का अपनी
दुःख है वो कसौटी
किस पर घिसा जाकर दमक उठता है मनुष्य
/ हीरे जैसा
रखना है ध्यान कि सुख जाता है / तो
रिक्त हो जाता है स्थान दुखों के लिए
लेकिन जाता है दुःख / तो सुखों के
लिए होता है अवकाश
यही है नियम प्रकृति का / शाश्वत...
सत्य... चिरन्तन...
तो आइये, आज में जी लें... आज को सुधार लें... जो अस्वस्थ
हैं... हाथ आगे बढ़ा दें उनकी सहायता के लिए... जिस प्रकार भी सम्भव हो... जिनके
प्रियजन चले गए हैं दूर सदा सदा के लिए... कन्धा आगे कर दें उन्हें सर टिकाने के
लिए... लेकिन सबसे पहले रखें ध्यान अपना स्वयं का... क्योंकि हम होंगे स्वस्थ तभी
तो बन सकेंगे दूसरों का भी सहारा... और इसके लिए मास्क, उचित दूरी और सेनिटायिजेशन
के नियम का पालन करें पूर्ण निष्ठा के साथ... सभी स्वस्थ रहे... सुखी रहे...
नमस्कार...