डॉ दिनेश शर्मा के मन की आवाज़ – उन्हीं के
लेख में – कि किस तरह मन में सकारात्मक विचारों को स्थान दिया जाए...
डंडा लेकर बैठिये – दिनेश डॉक्टर
अपने मन के भावों को पकड़े और उन्हें कागज
पर लिखें । परवाह न करें कि वो अच्छे हैं या बुरे । अच्छे बुरे भाव सबके मन में ही
चलते है । अपने मन के द्वार पर एक डंडा लेकर बैठ जाइये। जैसे ही कोई बुरा विचार
अंदर प्रवेश करने की कोशिश करे, उसे डंडा मार कर बाहर ही भगा दो । जब कोई बुरा विचार अंदर
प्रवेश कर जाता है तो वह बीज बनकर बहुत जल्दी पेड़ की तरह उगना शुरू हो जाता है और
जल्दी से निकाले नही निकलता । इसलिए बेहतर यही है कि उसे अंदर घुसने ही मत दो ।
चौबीसों घंटे सावधान रह कर , अपने मन के दरवाजे पर बैठ कर चौकीदारी करते रहिये । यही सही
मायने में तप है । जब हम बुरे विचारों को अंदर आने से रोक देते है तो फिर खुद ही
अंदर से सकारात्मक, सृजनात्मक और अच्छे विचार जो कि हमारे मूल और सहज स्वभाव में
रहते है, उठने शुरू हो जाते
है और जीवन में बड़ा परिवर्तन आना शुरू हो जाता है । बुरे विचार अकेले अंदर नही
घुसते बल्कि बहुत सारी मानसिक और शारीरिक बीमारियां लेकर आते हैं । तो डंडा संभाल
लो और चौकस होकर बैठ जाओ अपने मन के दरवाजे पर । 🙏🙏
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