ध्यान
और इसका अभ्यास
ध्यान के लिए स्वयं को तैयार करना :
हम बात कर रहे हैं कि ध्यान के अभ्यास
के लिए स्वयं को किस प्रकार तैयार करना चाहिए | इसी क्रम में आगे : तृतीय चरण…
ध्यान की तैयारी के लिए विश्राम के
अभ्यास (Relaxation Exercises) :
शरीर को खींचने के अभ्यास (Stretch
Exercises) के बाद कुछ देर का विश्राम का अभ्यास लाभदायक होगा |
सुविधाजनक स्थिति में भूमि पर अथवा किसी गद्दे पर कमर के सहारे बिल्कुल सीधे लेट
जाइए | सर के नीचे एक पतला तकिया लगा लीजिये | शरीर को चादर अथवा पतले तौलिये से
ढक लीजिये | आपके हाथ शरीर से कुछ दूरी पर और हथेलियाँ ऊपर की ओर होनी चाहियें |
दोनों पैर सुविधानुसार एक दूसरे से कुछ दूरी पर हों |
निश्चित कर लीजिये कि शरीर का भार सब
अंगों में बराबर बंटा हुआ है और आपका शरीर इधर उधर झूल नहीं रहा है – अर्थात स्थिर
है | सर बिल्कुल बीच में है – इधर उधर को लुढ़का हुआ नहीं है – अन्यथा गर्दन में
खिंचाव आ सकता है | विश्राम के ये आसन “शवासन” कहलाता है, क्योंकि आप पूरी तरह से
स्थिर और शान्त स्थिति में लेटे होते हैं | धीरे से अपनी आँखें बन्द कीजिए और कुछ
देर के लिए अपनी श्वासों के आवागमन पर ध्यान दीजिये | नाक के छिद्रों में बिना
किसी झटके अथवा रुकावट के श्वास के आवागमन (Inhale and
Exhale) को अनुभव कीजिए |
इस आसन में लेटे हुए आप विश्राम के
कुछ अभ्यास कर सकते हैं – जैसे क्रम से अपने शरीर की माँसपेशियों पर ध्यान दीजिये
और ऊपर से नीचे तक सम्पूर्ण शरीर पर भ्रमण कीजिए | इस पर विस्तार से चर्चा आगे
करेंगे |
विश्राम के अभ्यास छोटे होने चाहियें
और दस मिनट से अधिक समय के नहीं होने चाहियें | इस अभ्यास की अवधि में आपको अपने
मन को सावधान रहने का आदेश देना होगा,
क्योंकि बहुत से लोगों की प्रवृत्ति होती है कि इस अभ्यास के दौरान वे निद्रादेवी
की गोद में पहुँच जाते हैं |
चतुर्थ चरण : श्वास के अभ्यासों के
द्वारा मन और स्नायुमण्डल को शान्त करना :
आपकी श्वास प्रक्रिया प्रभावशाली रूप
से परिवर्तित होती रहती है – जिसका व्यापक प्रभाव आपके शारीरिक तनाव पर और मन की
शान्ति तथा स्पष्टता पर पड़ता है | ध्यान के अभ्यास से पहले ध्यान के आसन में बैठकर
कुछ विशेष यौगिक विधि से श्वास के अभ्यास करने चाहियें | इनसे शान्तिपूर्ण मानसिक
स्थिति प्राप्त करने में, भीतर ध्यान केन्द्रित करने में तथा स्थिरता प्राप्त करने
में सहायता प्राप्त होगी | सम्भव है आरम्भ में कुछ अभ्यासी इन अभ्यासों में समय
नष्ट करना उचित न समझें, लेकिन यदि आपने एक
बार ये अभ्यास करने आरम्भ कर दिए तो आप आश्चर्यजनक रूप से अपने ध्यान में दृढ़ता और
गहनता का अनुभव करेंगे | भावनात्मक सन्तुलन और मन की स्पष्टता (Clarity of
Mind) में श्वास के इन अभ्यासों का अद्भुत योगदान होता है | अगले
अध्यायों में श्वास के कुछ ऐसे विशेष अभ्यासों का वर्णन किया जाएगा जिनका ध्यान की
प्रक्रिया में विशाल और लाभदायक प्रभाव होता है |
https://www.astrologerdrpurnimasharma.com/2019/11/14/meditation-and-its-practices-15/