मंगलवार,
25 सितम्बर 2018 – नई दिल्ली
विरोधकृत
विक्रम सम्वत 2075 / दक्षिणायन
सूर्योदय : 06:10 पर कन्या
में / उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र
सूर्यास्त : 18:14 पर
चन्द्र राशि : मीन
चन्द्र नक्षत्र : उत्तर भाद्रपद 25:00 (अर्द्धरात्र्योत्तर
01:00) तक,
तत्पश्चात रेवती / पंचक
तिथि : भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा 08:21 तक, तत्पश्चात आश्विन कृष्ण प्रतिपदा / महालयारम्भ / प्रतिपदा
का श्राद्ध
करण : बव 08:21 तक, तत्पश्चात बालव 20:42 तक, तत्पश्चात कौलव
योग : वृद्धि 27:31 (अर्द्धरात्र्योत्तर 03:31) तक, तत्पश्चात ध्रुव
राहुकाल : 15:12 से 16:41
यमगंड : 09:14 से 10:43
गुलिका : 12:13 से 13:42
अभिजित मुहूर्त : 11:49 से 12:36
अन्य : बुधास्त
विशेष : कुछ लोगों ने पूर्णिमा के दिन दिवंगत हुए अपने प्रियजनों का
श्राद्ध पूर्णिमा को ही किया होगा, किन्तु अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धा व्यक्त
करने के पर्व “महालया” अथवा “श्राद्ध पक्ष – पितृपक्ष” का आरम्भ आश्विन कृष्ण
प्रतिपदा से माना जाता है | भारतीय
संस्कृति की नींव सदाचरण, सद्विचार, योग व भक्तिपरक उपासना, पुनर्जन्म में विश्वास
तथा देव और पितृ लोकों में आस्था आदि पर आधारित है जिसका अन्तिम लक्ष्य है मोक्ष
प्राप्ति अर्थात आत्मतत्व का ज्ञान | पितृगणों के प्रति श्राद्ध कर्म भी इसी
प्रकार के सदाचरणों में से एक है | एक
पारम्परिक मान्यता यह भी है कि
हर पीढ़ी में मनुष्य में अपने मातृकुल तथा पितृकुल के गुणसूत्र अर्थात वैज्ञानिक
रूप से कहें तो जीन्स उपस्थित रहते हैं | इस प्रकार यह पिण्डदान का प्रतीकात्मक
अनुष्ठान उनकी तृप्ति के लिये होता है जिन जिन लोगों के गुणसूत्र श्राद्ध करने
वाले की अपनी देह में विद्यमान होते हैं | तो आइये श्रद्धापूर्वक अपने पूर्वजों का स्मरण करते हुए उनके प्रति
श्रद्धा-सुमन समर्पित करें...
4 जुलाई 1955 को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में जन्म | शिक्षा दीक्षा उत्तर प्रदेश के ही जिला बिजनौर के नजीबाबाद में सम्पन्न |
शिक्षा दीक्षा : संस्कृत तथा तबला में पोस्ट ग्रेजुएशन, गायन तथा कत्थक में ग्रेजुएशन, गुरु शिष्य परम्परा में गायन-तबला तथा जयपुर घराने के कत्थक की शिक्षा, भारतीय दर्शन में पी एच डी |
आकाशवाणी नजीबाबाद से उदघोषण, संगीत संयोजन, लेखन, संगीत रूपक इत्यादि विधाओं के चलते 7 वर्ष तक जुड़ाव | इस बीच लगभग पाँच वर्ष तक रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय और गढ़वाल विश्वविद्यालयों में संस्कृत अध्यापन |
1983 से विवाह के बाद से आज तक ज्योतिष और योग से सम्बन्धित अनेक पुस्तकों का हिन्दी अनुवाद, साथ ही 35 वर्षों से भी अधिक के अनुभव के साथ एक लब्ध प्रतिष्ठ ज्योतिषी |
कुछ प्रसिद्ध मीडिया कम्पनियों के लिए भी लेखन कार्य | लगभग दस वर्षों तक दूरदर्शन के प्रिव्यू पैनल पर एक्सपर्ट के रूप में कार्य |
प्रकाशित कार्य:
• बचपन से ही लेखन में गहन रूचि के कारण अनेक पत्र पत्रिकाओं में लेख लिखने का सौभाग्य |
• 2006 में अरावली प्रकाशन दिल्ली से देवदासियों के जीवन संघर्षों पर आधारित उपन्यास “नूपुरपाश” प्रकाशित |
• 2006 में ही व्यक्तिगत और सामाजिक अनुभवों पर आधारित प्रथम काव्य संग्रह “मेरी बातें” हिन्दी अकादमी दिल्ली के सौजन्य से अनमोल प्रकाशन दिल्ली से प्रकाशित |
• भारत के मध्यमवर्गीय परिवारों में नारियों के संघर्षमय जीवन की झलक प्रस्तुत करता उपन्यास “सौभाग्यवती भव” नाम से 2008 में भारतीय पुस्तक परिषद दिल्ली से प्रकाशित |
• बयार के समान उन्मुक्त भाव से प्रवाहित होती निरन्तर प्रगति पथ पर अग्रसर रहती महिलाओं पर ही आधारित उपन्यास “बयार” 2015 में एशिया पब्लिशर्स द्वारा प्रकाशित |
सम्प्रति:
• स्त्री-पुरुष के सम्बन्धों पर आधारित उपन्यास “विरक्त” शीघ्र ही प्रकाशित होने वाला है |
• अन्य अनेकों संस्थाओं की महासचिव रहने के बाद सम्प्रति WOW (Well-Being of Women) India नामक राष्ट्रीय स्तर की संस्था की महासचिव के रूप में क्षेत्र की एक प्रमुख समाज सेविका |
संपर्क सूत्र: 302, कानूनगो अपार्टमेंट, 71 इन्द्रप्रस्थ विस्तार, दिल्ली –92,
मोबाइल: 7042321200
वेबसाइट : https://www.astrologerdrpurnimasharma.in/
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