हिन्दी पञ्चांग
गुरुवार, 8 नवम्बर 2018 – नई दिल्ली
विरोधकृत विक्रम सम्वत 2075 / दक्षिणायन
गोवर्धन पूजा और अन्नकूट सभी के लिए मंगलमय हों
सूर्योदय
: 06:38 पर तुला में / विशाखा नक्षत्र
सूर्यास्त
: 17:31 पर
चन्द्र राशि : तुला 13:41
तत्पश्चात वृश्चिक
चन्द्र नक्षत्र : विशाखा 19:47 तक, तत्पश्चात अनुराधा
तिथि : कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा 21:07 तक, तत्पश्चात कार्तिक शुक्ल द्वितीया / गोवर्धन
पूजा / अन्नकूट / बलि प्रतिपदा
करण : किन्स्तुघ्न 09:15 तक,
तत्पश्चात बव 21:07 तक, तत्पश्चात बालव
योग : सौभाग्य 16:23 तक,
तत्पश्चात शोभन
राहुकाल : 13:25 से 14:47
यमगंड : 06:42 से 08:04
गुलिका : 09:23 से 10:45
अभिजित मुहूर्त : 11:43 से 12:26
अन्य : शुक्र तुला में वक्री
विशेष
: पाँच पर्वों की श्रृंखला
दीपावली का चतुर्थ पर्व गोवर्धन पूजा – जो दीपावली से दूसरे दिन भगवान श्री कृष्ण
की इन्द्र पर विजय प्राप्ति के उपलक्ष्य में मनाया जाता है | मान्यता है कि यह
प्रथा अपने समाज, प्रकृति, पशुधन तथा
उत्पन्न होने वाले अन्न शाकादि को महत्त्व दिलाने के निमित्त स्वयं भगवान श्री
कृष्ण ने ही आरम्भ की थी | इस दिन सभी प्रकार के अन्न तथा सब्ज़ियों आदि के द्वारा
भोजन तैयार करके गोवर्धन पर्वत की पूजा अर्चना की जाती है और प्रसाद ग्रहण किया
जाता है | प्रायः घरों में इस दिन गोवर्धन पर्वत का आकार बनाकर उसकी पूजा की जाती
है | देश के कुछ भागों, विशेषकर महाराष्ट्र में इसे बलि
प्रतिपदा के नाम से मनाते हैं | मान्यता है कि भगवान् विष्णु ने वामनावतार में
राजा बलि को परास्त करके पाताल लोक भेज दिया था, किन्तु जाते
जाते उसने विष्णु से वरदान ले लिया था कि कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को वह एक दिन के
लिए पृथिवी पर वापस लौटेगा | इसलिए माना जाता है कि प्रत्येक वर्ष वह इस दिन
पृथिवी लोक पर विचरण करता है और उसे शान्त करने के निमित्त उसकी पूजा अर्चना की
जाती है | कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को ही गुजराती नव वर्ष का भी आरम्भ होता है |
अस्तु, मान्यताएँ और कथाएँ जो भी हों,
इतना अवश्य है कि समस्त हिन्दू पर्वों के माध्यम से समाज को सदाचरण करने, प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा करने तथा व्यर्थ के आडम्बरों से दूर रहने
की ही शिक्षा दी जाती है |