मार्गी बुध का तुला
में गोचर
कल मंगलवार दो नवम्बर
यानी कार्तिक कृष्ण द्वादशी को प्रातः नौ बजकर पचपन मिनट के लगभग तैतिल करण और वृद्धि
योग में मार्गी हुआ बुध अपनी उच्च राशि कन्या से निकल कर मित्र ग्रह शुक्र की तुला
राशि में प्रविष्ट हो जाएगा... जानने का प्रयास करते हैं कि जन साधारण पर बुध के
राशि परिवर्तन के सामान्य और सम्भावित प्रभाव क्या हो सकते हैं... किन्तु, ये
सभी परिणाम सामान्य हैं... किसी कुण्डली के विस्तृत फलादेश के लिए केवल एक ही ग्रह
के गोचर को नहीं देखा जाता अपितु उस कुण्डली का विभिन्न सूत्रों के आधार पर
विस्तृत अध्ययन आवश्यक है... साथ ही, ग्रहों के गोचर अपने नियत समय पर होते ही रहते हैं... सबसे प्रमुख तो
व्यक्ति का अपना कर्म होता है... तो, कर्मशील रहते हुए अपने
लक्ष्य की ओर हम सभी अग्रसर रहें यही कामना है... लेख पढ़ने के लिए नीचे लिंक्स में
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