अभी डॉ दिनेश शर्मा का लेख “सब कुछ लुटाके होश
में आए तो क्या किया...” पढ़ा | डॉ शर्मा ने इस लेख में वाक़ई बहुत सही बात लिखी है...
ध्यान से पढ़ेंगे तो बहुत कुछ समझ में आ सकता है... वास्तव में आम आदमी के ज़हन में
नफ़रतों का ज़हर घोलने वाले लोग हिन्दू या मुसलमान या किसी भी दूसरे मज़हब को मानने
वाले लोग तो हो सकते हैं लेकिन भारतीय या हिन्दुस्तानी हरगिज़ नहीं हो सकते... यार समझो ! कुछ लोग हज़ारों मील दूर बैठे
बैठे सारा सोचा समझा नफरतों का सच दिखने वाला बेहद झूठा खतरनाक खेल - खेल रहें है
और हम दिमाग को ताक पर रक्खे इस मजहबी और सियासी साजिश के शिकार हो रहे हैं , उनकी बेसिर पैर की झूठी पोस्ट्स
को बेवकूफ बन कर बिना सोचे समझे फारवर्ड किये जा रहे है… इन नफ़रतों का अंजाम क्या होगा ये आम आदमी को समझना बेहद ज़रूरी है, वरना जो होगा वो अभी से दिखाई दे रहा है...
सब कुछ लुटाके होश में आए तो क्या किया – दिनेश
डॉक्टर
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