आज हर
कोई डर के साए में जी रहा है | कोरोना
ने हर किसी के जीवन में उथल पुथल मचाई हुई है | जिससे भी बात करें हर दिन यही कहता मिलेगा कि आज उसके अमुक
रिश्तेदार का स्वर्गवास हो गया कोरोना के कारण, आज उसका अमुक मित्र अथवा परिचित कोरोना की भेंट चढ़ गया | पूरे के पूरे परिवार कोरोना की चपेट
में आए हुए हैं | हर ओर
त्राहि त्राहि मची हुई है | इस महामारी के समय सबसे
बड़ी शक्ति यही है कि सभी सकारात्मकता का भाव बनाए रखें... क्योंकि सुख और दुःख एक
ही सिक्के के ऐसे दो पहलू हैं कि दोनों के सह अस्तित्व को नकारा नहीं जा सकता...
तो, हम सभी सुरक्षा नियमों का पालन करें और यदि हलके लक्षण कोरोना के हैं भी तो घर
में रहकर ही डॉक्टर की बताई दवा समय पर लें, अकारण
ही घर से बाहर न जाएँ, मास्क लगाएँ, उचित दूरी बनाकर रखें,
साफ सफाई का ध्यान रखें, एक दूसरे की सहायता के
लिए आगे आएँ, वैक्सीन लें, बीमारी के सम्बन्ध में
नकारात्मक तथा डराने वाले समाचारों को देखने सुनने से बचें… और सबसे बड़ी शक्ति ये
कि घबराएँ नहीं और संकल्प शक्ति दृढ़ बनाए रहें ताकि कोरोना से लड़ाई में जीत
सकें… माना अभी समय कुछ अच्छा नहीं है – लेकिन ये समय भी शीघ्र ही निकल जाएगा...
उसी प्रकार जैसे सन्ध्या को सूर्य छिप जाता है... नवीन भोर के साथ आशाओं के रथ पर सवार
हो पुनः उगने के लिए... इन्हीं भावों के साथ प्रस्तुत है आज की रचना... कृपया
वीडियो पर जाएँ... कात्यायनी...