स्नेह बिना जीवन वास्तव में सूना है...
स्नेह चाहे मित्र का हो... जीवन साथी का हो... ईश्वर के प्रति हो... स्नेहदान से
ही जीवन ज्योति प्रज्वलित रहती है... तथा जीवन का पथ प्रकाशमान बना रहता है... कुछ
इसी प्रकार के उलझे सुलझे से भावों के साथ प्रस्तुत है हमारी आज की रचना,,, सोने से पहले कुछ गा दो...
कात्यायनी...