अनन्त चतुर्दशी
अनंन्तसागरमहासमुद्रेमग्नान्समभ्युद्धरवासुदेव ।
अनंतरूपेविनियोजितात्माह्यनन्तरूपायनमोनमस्ते ||
भाद्रपद
मास के शुक्लपक्ष की चतुर्दशी को अनन्त चतुर्दशी कहा जाता है । इस वर्ष सोमवार 31 अगस्त को प्रातः 8:49 के लगभग चतुर्दशी तिथि का आगमन
होगा जो पहली सितम्बर को प्रातः 9:38 तक विद्यमान रहेगी और
उसके बाद पूर्णिमा तिथि आ जाएगी जो दो सितम्बर को प्रातः 10:51 तक रहेगी | उसके बाद प्रतिपदा लग जाएगी | इस प्रकार अनन्त चतुर्दशी का
व्रत और पूर्णिमा का श्राद्ध पहली सितम्बर को ही किया जाएगा | इसी दिन गणेश
विसर्जन भी है | किन्तु दो सितम्बर को प्रतिपदा सूर्योदय काल में न होने के कारण
प्रतिपदा का श्राद्ध तीन सितम्बर को किया जाएगा | सर्वप्रथम सभी को अनन्त चतुर्दशी
और गणेश विसर्जन की अग्रिम हार्दिक शुभकामनाएँ...
पहली
सितम्बर को सूर्योदय 5:59 पर होगा अतः 5:59
से तिथि की समाप्ति यानी प्रातः 9:38 तक अनन्त
चतुर्दशी की पूजा का मुहूर्त है |
कहा
जाता है कि जब पाण्डव द्यूत क्रीड़ा में अपना सर्वस्व हारकर वनों में कष्ट भोग रहे
थे उस समय भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें अनन्त चतुर्दशी का व्रत करने का सुझाव दिया
था | धर्मराज युधिष्ठिर ने अपने भाइयों तथा द्रौपदीके साथ पूरे विधि-विधान से यह
व्रत किया तथा अनन्त सूत्र धारण किया | जिसके कारण उनके सभी संकट समाप्त हो गए |
यह व्रत किसी जलाशय के निकट किया जाने का विधान है | किन्तु यदि ऐसा सम्भव न हो तो
अपने निवास पर भी इस व्रत को किया जा सकता है | इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की
जाती है |
जैन
धर्म में भी अनन्त चतुर्दशी का बहुत महत्त्व है | इस दिन चौदहवें तीर्थंकर
अनन्तनाथ की पूजा :ॐ ह्रीं श्री अनन्तनाथ जिनेंद्राय
अनर्घ्यपदप्राप्तये अर्घ्यं निर्वपामीति स्वाहा” अथवा “ॐ ह्रीं अर्हं हं स: अनन्त केवलिभ्यो नम:” अथवा “ॐ
नमोSर्हते भगवते
अणंताणंतसिज्झधम्मे भगवतो महाविज्जा-महाविज्जा अणंताणंतकेवलिए अणंतकेवलणाणे
अणंतकेवलदंसणेअणुपुज्जवासणे अणंते अणंतागमकेवली स्वाहा” मन्त्र से की जाती है | चौदह वर्षों तक हर वर्ष अनन्त
चतुर्दशी का व्रत करके इसका समापन उद्यापन किया जाता है |
गणेश चतुर्थी और गणेश विसर्जन के सम्बन्ध में मान्यता है कि महर्षि
वेदव्यास ने भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को श्री गणेश को दस दिनों के लिए महाभारत की
कथा सुनानी आरम्भ की थी जिसे गणेश जी साथ साथ लिखते चले गए थे | इसी के प्रतीक
स्वरूप भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को गणेश जी का आह्वाहन और स्थापन किया जाता है और दस
दिनों के बाद यानी भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी को पुनः आगमन की प्रार्थना के साथ
विसर्जन किया जाता है |
कथाएँ और मान्यताएँ चाहे जितनी भी हों, भगवान विष्णु, भगवान अनन्तनाथ
और ऋद्धि सिद्धि दाता भगवान श्री गणेश सभी का कल्याण करें यही कामना है... सभी को अनन्त चतुर्दशी और गणेश विसर्जन की एक बार पुनः अग्रिम हार्दिक
शुभकामनाएँ...