मुझे पता है तुमने मुझे देख लिया था पर फोन की
स्क्रीन पर आंख जमाये शो ऐसे किया जैसे मै कमरे में हूँ ही नही । फिर खिड़की की तरफ
देखते हुए फोन कान पर लगा कर तुमने बात करनी शुरू कर दी ऐसा दिखा कर जैसे कोई बहुत
ज़रूरी काल है । दरअसल दूसरी तरफ लाइन पर कोई था ही नही बावजूद इसके कि तुमने हैलो
हैलो बोलकर बातचीत ऐसे शुरू की जैसे किसी खास मसले पर बहुत सीरियस बात हो रही थी ।
मुझे कैसे पता लगा ? जब तुम्हारी तथाकथित
गंभीर बात चल रही थी तभी तुम्हारे फोन की घंटी बजने लगी ।
हा हा हा हा हा
!!
दरअसल तुम्हे यह दिखाने में बड़ी परेशानी है कि
तुम एकदम वेल्ले हो यानी एकदम खाली । मुझे पता है कि तुमने ऊंचे लेवल की अफसरी की
है । तुम्हारी नाक पर मक्खी भी बैठने से घबराती थी । दफ्तर के सामने कार रुकते ही
चपरासी तुम्हारी कार का दरवाजा खोल कर तुम्हारा डेढ़ किलो का बैग बड़े एहतियात से
लेकर तुम्हारे पीछे पीछे सीढ़िया चढ़ कर तुम्हारी चमड़े मढ़ी बड़ी कुर्सी की साइड टेबल
पर जमा दिया करता था । दफ्तर के छोटे बड़े बाबू, स्टेनो, सेक्रेटरी बारी बारी से घबराए गुड़ मॉर्निंग
बोलने आते थे और तुम्हारी नज़रे-इनायत के तलबगार बने फाइलें बगल में दबाए अपने वजूद
को भींचे चौकस रहते थे । बड़े बड़े पैसे वाले , करोड़पति
बिजनेसमैन तुम्हारी कलम और कुर्सी की ताकत से थर्राते थे । दरअसल सरकारी ओहदे की
बदौलत तुमने बड़े रौब से राज किया, बच्चों को पढ़ा कर विदेशों
में सेटल किया, इधर उधर बेनामी प्रॉपर्टीज खरीदी, अच्छा खासा काला सफेद बैंक बेलेंस बनाया ।
पर अब तुम अकेले हो । बच्चे विदेशों में है और
अपनी जिंदगी में तुम्हारा दखल साल में बीस दिन से ऊपर बर्दाश्त नही करते । तुम
जानते हो तुम्हारे व्यवहार की वजह से तुम्हे ज्यादा पसंद नही करते । उन्होंने अपनी माँ से कह दिया है कि पापा को
दिल्ली में ही रहने दो । नौकर चाकर है न देखभाल करने के लिए । तुम जीवन भर अफसरी
के गुरुर में ऐसे अकड़े रहे कि तुम्हारा कोई दोस्त ही नही बना । जब तक कुर्सी पर थे
तो काम निकालने के चक्कर जो लोग आगे पीछे घूमते थे, वे तुम्हारे नहीं कुर्सी के इर्द गिर्द घूमते थे । आज भी वैसा ही कर रहे
है । पर अब तुम रिटायर्ड हो चुके हो और कुर्सी पर कोई और है ।
अंदर से तो तुम टूट चुके हो । अकेले पड़ गए हो ।
महंगा घर, बड़ी गाड़ी और अच्छी खासी पेंशन तुम्हारा अकेलापन दूर
नही करती । कलाई में बंधी रोलेक्स की
महंगी घड़ी बार बार देखने से वक़्त नही कटता ।
अब तुम खिसियाये हुए मेरे सामने खड़े हो । तुम
एक्सप्लेन करने की कोशिश कर रहे हो कि बात करते करते फ़ोन की घंटी कैसे और क्यों बज
गयी । रस्सी जल गयी पर अकड़ अब तक नही गयी । ऐसा करो तुम अपने मोबाइल पर वीडियो गेम
खेला करो । मैं चलता हूँ । बहुत काम है । फिर मिलूंगा ।