डॉ दिनेश शर्मा की हलके फुल्के अंदाज़ में गम्भीर बात...
जाओ ! जाकर गोलगप्पे खा आओ !!
डॉ दिनेश शर्मा
देखो मेरी बात सुनो ! कब तक कुढोगे उन बातों की
सोच कर जो कुछ हफ्तों या महीनों या फिर सालों पहले हो चुकी है ? ठीक है ! माना तुम्हे बहुत सदमा लगा ! माना तुम्हारा बहुत अपमान हुआ और
तुम हफ्तों या महीनों सो भी नही पाए क्योंकि तुम्हे उस शख्स से ऐसी उम्मीद नही थी ।
पर क्या उन पुरानी बातों को याद करके कुढ़ना उन जख्मों को फिर से हरा नही कर देता ?
तुम्हे पता है कि डॉक्टरों ने खोज की है -पुरानी टीसें कैंसर भी बन
जाती है । नई रिसर्च कहती है कि जिस तरह गलत खान पान, जीवनचर्या,
कैमिकल्स, फर्टिलाइजरस वगैरा कैंसर पैदा करते
है, वैसे ही नकारात्मक सोच, कुढ़न,
गुस्सा , जलन वगैरा भी कैंसर पैदा कर सकते है
- खास तौर पर ब्रेन या ब्लड कैंसर !
इसलिए कह रहा हूँ ! छोड़ो यार - अब निकलो उस सोच
से । उस बन्दे की सोच ही ऐसी थी । वो सुना है ना 'इंसान
अच्छा बुरा नही होता - वक़्त होता है ।“ वक़्त खराब हो तो अच्छे से अच्छा इंसान
बेवकूफी भरी बात कर देता है और वक़्त अच्छा हो तो अहमकाना बात करने वाला भी एक सौ
पैंतीस करोड़ की आबादी वाले मुल्क का शिक्षा मंत्री बन जाता है ।
अच्छा तुम ये बताओ तुम्हे लगता है कि किसी को,यहाँ तक कि उस शख्स को कोई फ़र्क़ पड़ने वाला है तुम्हारी कुढ़न से । तुम्हे
पता भी है कि जब तुम हर्ट होते हो तो तुम मृत्योन्मुखी होकर शहीदी का भाव चेहरे पर
ओढ़ कर लोगों की सहानुभूति पाने की कवायद में लग जाते हो । तुम चाहते हो लोग तुम से
पूछें कि क्या हुआ है और तुम आँखों में उदासी और चेहरे पर फीकी मुस्कान चस्पा किये
दबी सी आवाज में कहो 'कुछ नही' !
अब काम की बात सुनो ! ये दुनिया तुम्हारे पैदा
होने से हज़ारों बरस पहले भी अपनी मस्ती में अपनी चाल में चल रही थी । हैं ! और
तुम्हारे मरने के हज़ारों साल बाद तक भी बहुत बढ़िया चलेगी । तुम जैसे लाखों आये और
गए । तुम से अच्छे लाखों हैं और आते रहेंगे । खामखाँ खुद को ज्यादा सीरियसली मत लो
! आज में जियो । मजे करो । जाओ ! जाकर
गोलगप्पे खा लो !! आजकल बीस रुपये के पांच य छह मिलते है । हमने एक रुपये के चौसंठ
यानी साठ प्लस चार खाये हैं ।
4 जुलाई 1955 को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में जन्म | शिक्षा दीक्षा उत्तर प्रदेश के ही जिला बिजनौर के नजीबाबाद में सम्पन्न |
शिक्षा दीक्षा : संस्कृत तथा तबला में पोस्ट ग्रेजुएशन, गायन तथा कत्थक में ग्रेजुएशन, गुरु शिष्य परम्परा में गायन-तबला तथा जयपुर घराने के कत्थक की शिक्षा, भारतीय दर्शन में पी एच डी |
आकाशवाणी नजीबाबाद से उदघोषण, संगीत संयोजन, लेखन, संगीत रूपक इत्यादि विधाओं के चलते 7 वर्ष तक जुड़ाव | इस बीच लगभग पाँच वर्ष तक रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय और गढ़वाल विश्वविद्यालयों में संस्कृत अध्यापन |
1983 से विवाह के बाद से आज तक ज्योतिष और योग से सम्बन्धित अनेक पुस्तकों का हिन्दी अनुवाद, साथ ही 35 वर्षों से भी अधिक के अनुभव के साथ एक लब्ध प्रतिष्ठ ज्योतिषी |
कुछ प्रसिद्ध मीडिया कम्पनियों के लिए भी लेखन कार्य | लगभग दस वर्षों तक दूरदर्शन के प्रिव्यू पैनल पर एक्सपर्ट के रूप में कार्य |
प्रकाशित कार्य:
• बचपन से ही लेखन में गहन रूचि के कारण अनेक पत्र पत्रिकाओं में लेख लिखने का सौभाग्य |
• 2006 में अरावली प्रकाशन दिल्ली से देवदासियों के जीवन संघर्षों पर आधारित उपन्यास “नूपुरपाश” प्रकाशित |
• 2006 में ही व्यक्तिगत और सामाजिक अनुभवों पर आधारित प्रथम काव्य संग्रह “मेरी बातें” हिन्दी अकादमी दिल्ली के सौजन्य से अनमोल प्रकाशन दिल्ली से प्रकाशित |
• भारत के मध्यमवर्गीय परिवारों में नारियों के संघर्षमय जीवन की झलक प्रस्तुत करता उपन्यास “सौभाग्यवती भव” नाम से 2008 में भारतीय पुस्तक परिषद दिल्ली से प्रकाशित |
• बयार के समान उन्मुक्त भाव से प्रवाहित होती निरन्तर प्रगति पथ पर अग्रसर रहती महिलाओं पर ही आधारित उपन्यास “बयार” 2015 में एशिया पब्लिशर्स द्वारा प्रकाशित |
सम्प्रति:
• स्त्री-पुरुष के सम्बन्धों पर आधारित उपन्यास “विरक्त” शीघ्र ही प्रकाशित होने वाला है |
• अन्य अनेकों संस्थाओं की महासचिव रहने के बाद सम्प्रति WOW (Well-Being of Women) India नामक राष्ट्रीय स्तर की संस्था की महासचिव के रूप में क्षेत्र की एक प्रमुख समाज सेविका |
संपर्क सूत्र: 302, कानूनगो अपार्टमेंट, 71 इन्द्रप्रस्थ विस्तार, दिल्ली –92,
मोबाइल: 7042321200
वेबसाइट : https://www.astrologerdrpurnimasharma.in/
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