लॉक डाउन के दौरान टाइम मैनेजमेंट
हम आज बात कर रहे हैं टाइम मैनेजमेंट की | आज प्रायः लोगों को कहते
सुना जाता है कि हम अमुक कार्य करना चाहते हैं, लेकिन क्या
करें – हमारे पास समय ही नहीं है | कार्य की सफलता और लक्ष्य प्राप्ति की यदि बात
करते हैं तो हमें आज की समस्याओं को भी समझना होगा | आज के
समय में जो लोग Working हैं, यानी कहीं
नौकरी आदि करते हैं, निश्चित रूप से उनके लिए किसी भी दिनचर्या और जीवन शैली का पूर्ण
तत्परता से पालन करना प्रायः असम्भव हो जाता है उनके कार्यभार और समय के अभाव के
कारण | बहुत से लोगों की – महिलाओं की भी और पुरुषों की भी –
कई बार ऐसी नौकरी होती है जहाँ उन्हें शिफ्ट ड्यूटी करनी पड़ती है – कभी दिन की तो
कभी रात की | और आज के समय में लॉक डाउन के चलते तो
कम्पनियों ने अपने यहाँ काम करने वालों पर इतना बोझ लाद दिया है कि न उन्हें दिन
का होश है न रात का, न खाने का होश है न पीने का | प्रश्न यह उत्पन्न होता है कि इस प्रकार की दिनचर्या में एक स्वस्थ जीवन
शैली को कैसे अपनाया जाए ?
यह सही है कि एक आदर्श दिनचर्या और जीवन शैली अपनाकर हम केवल अपने
स्वास्थ्य को ही अच्छा नहीं बनाए रखते, अपितु मानसिक, आध्यात्मिक, शारीरिक, भावनात्मक
और सामाजिक विभिन्न स्तरों पर आवश्यकतानुरूप एक सन्तुलित जीवन जी कर एक सुखद
परिवार और सुखद समाज के निर्माण में भी योगदान दे सकते हैं |
सबसे पहले ये जानना आवश्यक है कि दिनचर्या और जीवन शैली कहते किसे हैं | दिनचर्या मन
और शरीर के सन्तुलन के साथ एक ऐसा दैनिक कार्यक्रम है जो प्रकृति के चक्र को ध्यान
में रखकर किया जाता है | यही कारण है हर व्यक्ति की अपनी एक
विशेष दिनचर्या होती है – यानी दिन प्रतिदिन का रूटीन होता है और वह हमारी जीवन
शैली का मूल होता है | यानी हम कह सकते हैं कि हमारी
दिनचर्या हमारी जीवन शैली का ही एक अभिन्न अंग है | एक आदर्श
दिनचर्या के लिए स्वस्थ जीवन शैली की आवश्यकता है और एक स्वस्थ जीवन शैली के लिए
अनुशासित दिनचर्या की आवश्यकता है |
हमारी दिनचर्या ऐसी होनी चाहिए कि जिससे हमारा स्वास्थ्य बेहतर रहे | और जब
स्वास्थ्य की बात करते हैं तो शारीरिक, मानसिक, सामाजिक सभी प्रकार के स्वास्थ्य के विषय में बात करते हैं | तो, यदि कुछ सरल से उपायों को अनुशासनात्मक रूप से अपना
लिया जाए तो हमारी जीवन शैली भी अपने आप स्वस्थ होती जाती है | और जब हमारी दिनचर्या पूर्णतः अनुशासित होगी तथा स्वस्थ जीवन शैली का पालन
करेंगे तो लक्ष्य प्राप्ति में कोई समस्या नहीं होगी |
इसका सबसे प्रमुख अंग है समय का ध्यान रखना – यदि हमने अपने समय को अच्छी
तरह व्यवस्थित कर लिया – जिसे सरल भाषा में टाइम मैनेजमेंट कहा जाता है – तो किसी
प्रकार की भागमभाग की आवश्यकता ही नहीं होगी और हमारी दिनचर्या सुचारु रूप से चलती
रहेगी | और
इस विश्व संकट की घड़ी में टाइम मैनेज करना सबसे पहली आवश्यकता है | यहीं पर सबसे बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है | जो महिलाएँ होम मेकर
हैं उनके साथ समस्या यह है कि सारा परिवार घर पर है – साथ में बच्चों की ऑन लाइन
क्लासेज़ चल रही हैं तो पति का वर्क फ्रॉम होम चल रहा है | इस स्थिति में उन्हें कई
बार अपने ही लिए समय नहीं मिल पाता है | वहीं दूसरी ओर जिन लोगों का वर्क फ्रॉम
होम चल रहा है उन पर कार्य का इतना अधिक भार आ गया है कि वे लोग भी अपने लिए समय
नहीं निकाल पा रहे हैं | इस स्थिति में किया क्या जाए ?
चाहे वर्किंग हैं या होम मेकर, सबसे पहले हमें अपने दिन
प्रतिदिन के कामों की प्राथमिकताओं के आधार पर एक लिस्ट तैयार करने की आवश्यकता है
| जो कार्य यानी टास्क पूरी होती जाए उसे लिस्ट से काट दिया जाए | फिर इसी तरह आने
वाले दिन के लिए लिस्ट तैयार कर लें | हर दिन इस अभ्यास को करेंगे तो आपका स्वभाव
बन जाएगा ऐसा करना, और फिर आपको कागज़ पर लिखकर लिस्ट नहीं
बनानी पड़ेगी – आपके मस्तिष्क में सब फीड हो जाएगा और स्वतः ही आप उसी के अनुसार
कार्य करना आरम्भ कर देंगे | उस लिस्ट में थोड़ा समय अपने लिए भी लिखकर रखें और
देखें किस समय अपने लिए समय निकाल सकते हैं |
जो समय आपने अपने लिए चुना है उसके लिए आपको Decide करना
है कि आप उस समय का किस प्रकार सदुपयोग करना चाहते हैं | आप उस समय परिवार के साथ
मिलकर बैठ सकते हैं | उस समय में अपना कोई शौक़ पूरा कर सकते हैं – जैसे पढ़ना
लिखना संगीत सुनना इत्यादि, Relaxation exercises कर सकते हैं – पाँच मिनट काफी हैं इसके लिए, शरीर को Stretch करने के अभ्यास कर सकते हैं | कुर्सी पर बैठे बैठे ही प्राणायाम कर सकते
हैं | कुछ समय मिल जाए तो अपनी कोई Hobby पूरी कर सकती हैं |
ऑफिस का कार्य कर रहे हैं तो आप अपने बॉस को भी इस बात को समझाकर कुछ पलों के लिए
उन्हें भी विश्राम की सलाह दे सकते हैं | क्योंकि कोरोना के चलते अभी बहुत समय तक
यही स्थिति रहने वाली है - ऐसा आपको डराने के लिए नहीं – बल्कि ये एक ऐसी कठोर
वास्तविकता है जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता |
सरल और स्वस्थ दिनचर्या से शरीर और मन दोनों शुद्ध होते हैं, दोष सन्तुलित होते हैं, रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है और अनेकों व्यस्तताओं के बाद भी सारा दिन आनन्द से व्यतीत होता है और हम अपने समस्त कर्म भली भाँति सम्पन्न करने में सक्षम हो सकते है – फिर चाहे आज की भाँति लॉक डाउन का समय ही क्यों न हो | किन्तु ध्यान रहे, समय को नियन्त्रित किये बिना – यानी Time management के बिना ऐसा सम्भव नहीं...