होलिया में धुलिया उड़ाई रे
ये रंगों भरी होली आई रे...
ये रंग बिरंगे चेहरे
ये छोटे छोटे छोरे
पिचकारी लेकर दौरे
भर भर पिचकारी रंग मारे रे मारे रे मारे रे
होलिया में धुलिया उड़ाई रे
ये रंगों भरी होली आई रे...
ये मौसम में परिवर्तन
ये तापमान में वर्धन
सूखे पत्तों का नर्तन
टेसू के फूल खिले अंगारे जैसे रे
होलिया में धुलिया उड़ाई रे
ये रंगों भरी होली आई रे...
सरसों का खेत में कटना
गेहूँ की बाल का पकना
फाग की महफ़िल जमना
अमवा में बौर आए रे आए रे आए रे
होलिया में धुलिया उड़ाई रे
ये रंगों भरी होली आई रे...
ठंडाई का घोंटा जाना
फिर उसमें भंग मिलाना
गट गट कर पी जाना
भाँग की मस्ती छाई रे छाई रे छाई रे
होलिया में धुलिया उड़ाई रे
ये रंगों भरी होली आई रे ...
माथे पर अबीर का सजना
गुलाल का गाल पर लगना
हुल्लड़ संग रंग बरसना
घर से गुझियों की खुशबू आई रे आई रे आई रे
होलिया में धुलिया उड़ाई रे
ये रंगों भरी होली आई रे.....
©प्रदीप त्रिपाठी "दीप"
ग्वालियर(म.प्र.)