*22 दि. राष्ट्रीय गणित दिवस*
हर व्यक्ति में गणित समाया
बिना गणित जीवन बेकार
पढ़ा-लिखा या बिना पढ़ा हो
यह जीवन जीने का आधार।
पल-पल गणित प्रयोग में आता
पैसा गिनना सभी को भाता
प्रत्यक्ष परोक्ष सभी अपनाते
कृषक,मजदूर या हों वणिक के खाते।
अपना अतीत हम भूल हैं बैठे
पास्कल,पायथागोरस हम पढ़ते
उनसे पहले हमें था ज्ञान
न मिल पाया उनको सम्मान।
शून्य,दशमलव हमने खोजा
और बताया पाई(π) का मान
सूर्य से पृथ्वी की दूरी का
हमने लगाया सटीक अनुमान।
ज्या, कोज्या को हमने खोजा
था क्रमचय, संचय का ज्ञान
अंकों से थे हम खेल खेलते
बहुत समृद्ध था गणित विज्ञान।
आर्यभट्ट से रामानुजन तक
भारत में हुये गणितज्ञ महान
ऐसे विद्वानों को करता
मैं हूँ बारम्बार प्रणाम।
जय हिंद!
©प्रदीप त्रिपाठी "दीप"
ग्वालियर