*राष्ट्रीय युवा दिवस*(स्वामी विवेकानन्द जयंती)
ऐ!भारत के युवा दोस्तों
विश्व में परचम फहराना है
स्वामी जी जो डगर दे गए
उसी पर अब आगे जाना है।
उठो,जागो और चलते जाना
मंजिल के पहले मत रुक जाना
स्वामी जी ने यह मंत्र दिया है
इसी को गहरे से अपनाना है।
शिकागो की धर्मसभा में भारत की
सार्वभौमिक सहनशीलता का वो परिचय करवाते हैं
भाइयो और बहनों के उद्बोधन से वो
अपनी संस्कृति की झलक दिखलाते हैं।
विश्व-बंधुत्व और वसुधैव-कुटुम्बकम को
भारत का आदर्श बतलाते हैं
पश्चिम को अपनी ओजस्वी वाणी से वो
भारत का परिचय करवाते हैं।
नहीं सपेरों का देश है अब यह
मंगलयान अब छोड़े जाते हैं
वैश्विक त्रासदी में अब हम
दुनियाँ को राह दिखाते हैं।
©प्रदीप त्रिपाठी "दीप"
ग्वालियर