झुक जाता है पेड़ अगर तूफ़ानों में,
तो टूटने से बच जाता है।
अड़ा खड़ा रहने वाला पेड़,
जड़ से उखड़ जाता है।।
जो झुक जाता है,
वो जीत जाता है।
जो ग़लती को सुधार लेता है,
वह आगे बढ़ जाता है।।
ग़लतियाँ सभी से होती हैं "दीप",
ग़लतियों से सबक लेते रहिये।
ये ज़िन्दगी है साहब,
इसके मज़े लेते रहिये।।
कोई ऐसा नहीं दुनियाँ में,
जिसने ग़लतियाँ न की हों।
ग़लतियाँ हमेशा ग़लत नहीं होती हैं,
ग़लतियाँ अविष्कार भी करवाती हैं।।
सबक लेने से ग़लतियाँ व्यक्ति को महान बनाती हैं,
एडिसन दस हजार बार ग़लतियाँ करने के बाद,
बिजली के बल्ब का अविष्कार कर पाता है,
लेकिन एक ग़लती को दोबारा कभी नहीं दोहराता है।।
ग़लतियों को बनाते हैं वो सीढ़ी,
और उसी पर चढ़ते जाते हैं।
करके सारे जहान को रोशन,
एडिसन अमर हो जाते हैं।।
महान व्यक्ति ग़लतियों से सबक लेते हैं,
मूर्ख ग़लतियों को दोहराते जाते हैं।
अगर ले लो ग़लतियों से सबक,
तो इतिहास बनते जाते हैं।।
ग़लती सिर्फ़ वही नहीं करता है,
जो कभी आगे नहीं बढ़ता है।
सोचता रहता है ज़ीवन में कुछ करने के लिए,
मगर ज़ीवन में कभी कुछ नहीं करता है।।
ज़ीवन में आगे बढ़ने के लिए,
ग़लतियाँ ज़रूरी हैं।
क्योंकि ग़लतियों में छिपे होते हैं सबक,
जिन्हें पहचानना ज़रूरी हैं।।
©प्रदीप त्रिपाठी "दीप"
ग्वालियर