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ग़लतियों से सबक लीजिये और ज़ीवन में आगे बढिए!

19 जुलाई 2022

37 बार देखा गया 37

झुक जाता है पेड़ अगर तूफ़ानों में,
तो टूटने से बच जाता है।
अड़ा खड़ा रहने वाला पेड़,
जड़ से उखड़ जाता है।।

जो झुक जाता है,
वो जीत जाता है।
जो ग़लती को सुधार लेता है,
वह आगे बढ़ जाता है।।

ग़लतियाँ सभी से होती हैं "दीप",
ग़लतियों से सबक लेते रहिये।
ये ज़िन्दगी है साहब,
इसके मज़े लेते रहिये।।

कोई ऐसा नहीं दुनियाँ में,
जिसने ग़लतियाँ न की हों।
ग़लतियाँ हमेशा ग़लत नहीं होती हैं,
ग़लतियाँ अविष्कार भी करवाती हैं।।

सबक लेने से ग़लतियाँ व्यक्ति को महान बनाती हैं,
एडिसन दस हजार बार ग़लतियाँ करने के बाद,
बिजली के बल्ब का अविष्कार कर पाता है,
लेकिन एक ग़लती को दोबारा कभी नहीं दोहराता है।।

ग़लतियों को बनाते हैं वो सीढ़ी,
और उसी पर चढ़ते जाते हैं।
करके सारे जहान को रोशन,
एडिसन अमर हो जाते हैं।।

महान व्यक्ति ग़लतियों से सबक लेते हैं,
मूर्ख ग़लतियों को दोहराते जाते हैं।
अगर ले लो ग़लतियों से सबक,
तो इतिहास बनते जाते हैं।।

ग़लती सिर्फ़ वही नहीं करता है,
जो कभी आगे नहीं बढ़ता है।
सोचता रहता है ज़ीवन में कुछ करने के लिए,
मगर ज़ीवन में कभी कुछ नहीं करता है।।


ज़ीवन में आगे बढ़ने के लिए,
ग़लतियाँ ज़रूरी हैं।
क्योंकि ग़लतियों में छिपे होते हैं सबक,
जिन्हें पहचानना ज़रूरी हैं।।

        ©प्रदीप त्रिपाठी "दीप"
                    ग्वालियर
Kamini

Kamini

Bahut hi Shandar Kavita hai Jivan mein safalta pane ke liye Galti karna aur Unse sikhana bahut jaruri hai

19 जुलाई 2022

Dr. Pradeep Tripathi

Dr. Pradeep Tripathi

21 जुलाई 2022

🙏🙏

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रचनाएँ
दीप की काव्यांजलि
4.7
यह किताब एक कविता संग्रह है। मैंने अपने अनुभवों को शब्दों में पिरोकर कविता का रुप दिया है।कहते हैं कि साहित्य समाज का दर्पण होता है, तो समाज में होने वाली घटनाएँ तथा ज़िन्दगी के खट्टे मीठे अनुभव यहाँ कविता के रूप में प्रस्तुत हैं।अपनी व्यस्त दिनचर्या में से कुछ समय काव्य लेखन को देने की कोशिश है।उम्मीद है आप सभी को रचनाएँ पसँद आयेंगी।
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जैसा बोओगे वैसा काटोगे!

10 जुलाई 2022
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प्रकृति का ये बड़ा नियम है,जो बोओगे वही उगेगा।चाहे सींचो कितना उसको,काँटों से न फूल खिलेगा।।बोके पेड़ बबूल का प्यारे,आम का फल तो नहीं लगेगा।किये जो कर्म खराब हैं तूने,काँटा बनकर वही चुभेगा।।जो बाँटोगे व

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एक शिक्षक का अपने शिक्षकों को प्रणाम!

12 जुलाई 2022
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गुरु देता है शिष्यों को ज्ञान,शिक्षक करता है शिक्षा प्रदान।आज गुरू पूर्णिमा पर ,दोनों को है मेरा प्रणाम।।विद्यालय में शिक्षक होते हैं,गुरुकुल में गुरु पढ़ाते हैं।दोनों ही शिष्यों के पथ को,अवलोकित करते

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जौरासी घाटी का सौन्दर्य और मान्यता

14 जुलाई 2022
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प्रेरित किया है इस घाटी ने,मुझे कविता लिखने को।आज उठा ली है कलम और डायरी,इसके ही सौन्दर्य को कलमबद्ध करने को।।गुजरता हूँ रोज यहाँ से,और निहारता हूँ सौन्दर्य घाटी का।हरे भरे पेड़ देते हैं सुकून ऑंखों को

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विचारों की शक्ति

16 जुलाई 2022
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विचारों की अपनी एक दुनियाँ होती है,प्रतिपल दिमाग में विचार चलते रहते हैं।इनमें से कुछ अच्छे तो कुछ ख़राब होते हैं,अच्छे विचार धीमे, तो ख़राब बहुत तेज़ दौड़ते हैं।।अच्छे विचारों के घोड़े सरपट दौड़ाइए साहब,पर

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ग़लतियों से सबक लीजिये और ज़ीवन में आगे बढिए!

19 जुलाई 2022
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झुक जाता है पेड़ अगर तूफ़ानों में,तो टूटने से बच जाता है।अड़ा खड़ा रहने वाला पेड़,जड़ से उखड़ जाता है।।जो झुक जाता है,वो जीत जाता है।जो ग़लती को सुधार लेता है,वह आगे बढ़ जाता है।।ग़लतियाँ सभी से होती हैं "दीप",

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ज़िन्दगी में समस्याओं के ऊँट कभी न बिठा पाओगे!

21 जुलाई 2022
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समस्यायें तो आनी हैं,अगर आगे बढ़ने की ठानी है।बैठे हैं लोग लँगड़ी लगाने को,उनसे सहयोग की उम्मीद नादानी है।।अगर समस्यायें न हों ज़ीवन में,तो ज़िन्दगी बेमानी है।समस्याओं से लड़कर आगे बढ़ना,ही असली ज़िन्दगानी ह

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डॉक्टर का फर्ज़ और समाज

22 जुलाई 2022
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डॉक्टर है समाज का गहना,सदा इन्हें आदर ही देना ।बिन इनके सहयोग के मानो,स्वस्थ समाज एक है सपना।।डॉक्टर का जीवन तो देखो,इतना नहीं होता आसान।पूरी ताकत झोंक कर अपनी,बचाते हैं मरीजों की जान।।रख देते हैं ताक

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कारगिल युद्व और भारत का मुँहतोड़ जवाब!

25 जुलाई 2022
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हाथ बढ़ाया था अमन का हमने,मगर वो नादानी कर बैठे।दिल्ली से लाहौर चली थी बस,मगर वो बेईमानी कर बैठे।।लाहौर समझौता करके हमने,शांति का पाठ पढ़ाया था।मगर पीठ पर खंजर भोंका,और 'ना'पाक कारगिल कर बैठे।।घुसपैठि

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सफलता की बुनियाद

31 जुलाई 2022
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सफलता तो सफ़र है,ये कोई मँजिल नहीं है यारो।ज़िन्दगी दो-चार दिन की है,इसे मुस्करा कर गुजारो।।हर सफलता का आधारअसफलता ही होती है।आसमान छूती मँजिलों की बुनियाद,मिट्टी के अंदर ही होती है।।शान्त समुद्र का नाव

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प्यारा तिरँगा और इसका इतिहास

1 अगस्त 2022
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पिंगली वैंकैया ने इसे बनाया,३:२ की पैमाइश पर,खादी कपड़े पर इसे सजाया,२२ जुलाई १९४७ में संविधान सभा ने इसे अपनाया।।तीन रँगों से बना तिरँगा,केसरिया देता साहस और बलिदान।सफेद रँग से रंगी शाँति,हरा रँग है स

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नाग पँचमी

2 अगस्त 2022
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प्रकृति प्रेमी देश में,सर्प हैं शिव के गले का हार।श्रावण शुक्ला पँचमी,मनता नाग पंचमी का त्योहार।।विष्णु की शैय्या हैं ये,पृथ्वी के धारण हार।जमुना में कृष्ण को छाया दिए,जब पानी बरसे मूसलाधार।।परीक्षित

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आजादी का अमृत महोत्सव

4 अगस्त 2022
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आज़ादी के ७५वें साल में,आज़ादी का अमृत महोत्सव मनायेंगे।याद करेंगे बलिदानों को,शहीदों के आगे शीश झुकायेंगे।।लेंगे सीख इन बलिदानों से,उनके आदर्शों को अपनाएंगे।खूब करेंगे मेहनत हम सब,देश को समृद्ध बनायेंग

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काल चक्र

5 अगस्त 2022
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काल चक्र के दो हैं पहिये,रात और दिन कहलाते।चौबीस घंटे बने हैं सारथी,निरन्तर आगे बढ़ते जाते।।समय का पहिया चलता जाता,कभी न रुकता कभी न थकता।कोई आए चाहे कोई जाए,कभी न इसको फर्क है पड़ता।।काल चक्र से कोई न

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गौरैया

8 अगस्त 2022
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मेरे घर आती गौरैया,फुदक फुदक जाती गौरैया।इधर उधर वो दाना खाती,आहट पाकर फुर्र उड़ जाती।।चीं चीं कर वह हमें जगाती,भोर हो गया हमें बताती।हमारे लिए अलार्म बन जाती,हमें देख वो खुश हो जाती।।कुछ खाना दे दो हम

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रक्षा बँधन

11 अगस्त 2022
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राखी नहीं है कच्चा धागा,भाई बहन ने प्यार से पागा।बहन ने बड़े प्यार से देखो,भाई की कलाई पर बाँधा।।भाई करता है इन्तज़ार,कब आएगा राखी का त्योहार।बहना बांधेगी राखी कलाई पर,मैं दूँगा उसको प्रिय उपहार।।बहना अ

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वो सूखा पेड़

11 अगस्त 2022
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कभी था ये भी हरा भरा,होता था ये खेत की शान।देता मधुर मधुर फल था ये,और छाँव में अपनी सबको विश्राम।।बचपन में दादा ने एक बीज था बोया,भोर के साथ एक अँकुर था फूटा।एक पौधे ने था जीवन पाया,जीवन देख था मन हरष

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तपोभूमि(नैमिषारण्य/नीमसार)

12 अगस्त 2022
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तपोभूमि है देवों की यह,नैमिषारण्य कहलाता है।गिरा विष्णु का चक्र यहाँ पर,यह चक्र तीर्थ कहलाता है।।वेदव्यास की तपोस्थली को,नीमसार का भी नाम मिला।गहन तपस्या उन्होंने करके,४ वेद,१८ पुराणों का निर्माण किया

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हर घर तिरँगा और कुर्बानियाँ

14 अगस्त 2022
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हर घर लहराये तिरँगा,मेरा मन भी डोला जाये।कुर्बान हो गए वीर जो इस पर,आज याद बहुत वो आये।।आज उन्हीं कुर्बानी की दम पर,हम स्वतन्त्र कहलाये।शान से खड़ा तिरँगा हमारा,लहर लहर लहराये।।देखो इन्हीं तीन रँगों मे

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आईना जैसा दोस्त

18 अगस्त 2022
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हँसते हुए लोग भी दर्द लिए होते हैं,मुस्करा कर भी लोग ज़ख्म दे जाते हैं।कल तक जो हमदर्दी की कसमें खाते थे,वक़्त आने पर वो भी साथ छोड़ जाते हैं।।किसी की खूबसूरत बातों में मत आना,किसी में बहुत सारी खूबियाँ

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वो ऐसा मुरलीवाला(भजन)

19 अगस्त 2022
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मनमोहक रूप निराला,वो ऐसा मुरलीवाला,मुरली की धुन पर जिसकी,दौड़ी दौड़ी आये बृजवाला,वो ऐसा मुरलीवाला...यशोमति मैया का राज दुलारा,और कहलाये वो नंदलाला,खेल-खेल में उसने,विषधर को नथ डाला,वो ऐसा मुरलीवाला...नि

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मैं सड़क हूँ!

20 अगस्त 2022
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मैं सड़क हूँसबकी तरक्की का रास्ता मैं बनाती हूँसबको मँजिल पर मैं पहुँचाती हूँलेकिन मैं वहीं पड़ी रह जाती हूँमैं सड़क हूँ...दौड़े जाते हैं सब मेरे सीने परकिसी को चिन्ता मेरी नहीं सताती हैसुरक्षित सफ़र हो सब

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युवा भारत की हुँकार

25 अगस्त 2022
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भारत युवा है यहाँ के युवाओं से,युवा भरे हुए हैं असीमित आशाओं से।भारतीय युवाओं का डंका बज रहा है पूरे विश्व में,वो अपना हुनर दिखा रहे हैं हर क्षेत्र में।।विवेकानन्द जी ने जो भाषण दिया था विदेश में,आज़ाद

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मोर की सीख

27 अगस्त 2022
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पक्षियों का वो राजा कहलाता,मुकुट पहन मेरी छत पर आ जाता।कुहू-कुहू की आवाज़ लगाकर,अपनी मोरनी को वो बुलाता।।जब चलती ठण्डी पुरवाई,मन उसका आनन्दित हो जाता।अपने सुन्दर पँख फैलाकर,मस्त मगन वो नाच दिखाता।।थोड़ी

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नदी का संदेश

29 अगस्त 2022
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एक एक है बूँद कीमती,बूँद बूँद से नदी है बनती।शैशव रूप में पहाड़ से चलकर,दीर्घ रूप मैदान में है लेती।।इधर इठलाती उधर बलखाती,कभी न वो एक सीध में चलती।कल कल कर वो बहती जाती,मधुर मधुर संगीत सुनाती।।बहुतेरे

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भारतीय जवानों का शौर्य

30 अगस्त 2022
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भारत माँ के वीर जवानों का,वो शौर्य निराला होता है।थर-थर-थर काँपता दुश्मन है,जयघोष अनोखा होता है।।ऐ दुश्मन तुम अब सुधर जाओ,कश्मीर की अब न रटन लगाओ।कश्मीर तो तुम ना पाओगे,तुम सिंध भी अपना गँवाओगे।।कारगि

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शिक्षक और समाज

5 सितम्बर 2022
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शिक्षक तो है बहता पानी,उसका नहीं है कोई सानी,उसके ज्ञान की गंगा में बहकर,अज्ञानी बन जाते हैं ज्ञानी।शिक्षक सड़क हैं एक समान,दोनों के हैं कर्तव्य महान,इन दोनों की राह पर चलकर,मँजिल हो जाती है आसान।गुरु

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रेल यात्रा!

9 सितम्बर 2022
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सिग्नल जब हरा हो जाता,तब ड्राइवर है हॉर्न बजाता,चल देती है गाड़ी अपनी,जब गॉर्ड हरी झण्डी दिखलाता।कोई समूह में कोई अकेले,कोई मस्त है अपनी धुन में,यात्रा सब हैं करते जाते,कोई ले परिवार संग में।कोई सैर-सप

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पितृ-पक्ष

16 सितम्बर 2022
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हे पितरों! स्वीकारो नमन हमारा,तुमसे ही है ये अस्तित्व हमारा,देना सदा आशीष हमें तुम,हम हैं छोटा सा अंश तुम्हारा।वैसे तो हर दिन हैं आप,सूक्ष्म रूप में साथ हमारे,पितृ- पक्ष में स्वागत आपका,मिलकर करते हम

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प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी और युवाओं का संघर्ष

18 सितम्बर 2022
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मैंने देखा है युवाओं को तैयारी करते,स्वर्णिम सपने लिए गाँव से शहर जाते,अपने भविष्य निर्माण के लिए ,अपनों और घर से दूर हो जाते।दिन रात पढ़ते हैं,खूब मेहनत करते हैं,रात रात भर किताबों में सर खपाते हैं,और

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मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम

5 अक्टूबर 2022
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*मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम*राम तो हैं आदर्श हमारे,कौशल्या के राजदुलारे,वो अयोध्या धाम में पधारे,भारतीय जनमानस के प्यारे।आदर्श पति,आदर्श भाई हैं,आदर्श पुत्र के मानक न्यारे,पिता वचन न जाये खाली,इसीलिए

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अलबेले सपने

16 अक्टूबर 2022
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सपने बड़े सलोने होते हैं,सपने बड़े अलबेले होते हैं,सपने कभी रुलाते हैं,तो सपने कभी हँसाते हैं,नींद खुलने पर कुछ गायब,तो कुछ याद रह जाते हैं।सपने में चढ़ता हूँ कभी पहाड़ पर,तो चढ़ तो जाता हूँ,पर उतर नहीं पा

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ऐसा भी एक दीप जलाएं!

24 अक्टूबर 2022
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आई दिवाली खुशियों वाली,खुशियों के सब दीप जलाएं,कोई दुःखी न हो इस जग में,ऐसा प्रभु से आशीष हम पाएं।आई अमावश की काली रात है देखो,मिलजुल कर सब दीप जलाएं,एक से मिलकर एक दीप जलाकर,हम जग को रौशन कर जाएं।न स

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ये है अच्छी बात नहीं!

25 अक्टूबर 2022
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दीवाली के पावन पर्व को,क्यों करते हो बदनाम,खेले जाते हैं जुए,और टकराते हैं जाम।ये है अच्छी बात नहीं!कुछ पीते मधु मधुशाला में,कुछ पीकर पड़े हैं नाली में,कुछ घर में बैठकर पीते हैं,फिर व्यस्त हुए हैं गाली

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गोवर्धन पूजा:एक संस्कृति

26 अक्टूबर 2022
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याद आये वो बचपन के दिन,जब गोबर से आँगन लिपते थे,घर के बीच के आँगन में,गोबर के गोवर्धन रखते थे।दिवाली की मिठाई के बाद,कढ़ी-भात जब बनते थे,पहली थाली गोवर्धन की थी,सब बाद में भोजन करते थे।माँ अपने हाथों स

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भारत का युवा

5 दिसम्बर 2022
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मैंने देखा है युवाओं को तैयारी करते,स्वर्णिम सपने लिए गाँव से शहर जाते,अपने भविष्य निर्माण के लिए ,अपनों और घर से दूर हो जाते।दिन रात पढ़ते हैं,खूब मेहनत करते हैं,रात रात भर किताबों में सर खपाते हैं,और

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गाँव की एक सुबह

12 दिसम्बर 2022
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भोर हुआ चिड़ियाँ चहचाईंपशुओं ने भी ली अंगड़ाई,आसमान में लाली छाई,खेतों में फसल लहलाई।सर्दी का मौसम है भाई,हवा चली ठिठुरन है आई,बाबा बैठे ओढ़ रजाई,बच्चों ने है दौड़ लगाई।सूरज की किरणें हैं आती,थोड़ी थोड़ी गर

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राष्ट्रीय गणित दिवस

22 दिसम्बर 2022
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*22 दि. राष्ट्रीय गणित दिवस* हर व्यक्ति में गणित समायाबिना गणित जीवन बेकारपढ़ा-लिखा या बिना पढ़ा होयह जीवन जीने का आधार।पल-पल गणित प्रयोग में आतापैसा गिनना सभी को भाताप्रत्यक्ष परोक्ष सभी अपनातेकृष

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किसान दिवस

23 दिसम्बर 2022
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*किसान दिवस*कृषि प्रधान देश है मेराकहलाता हिन्दुस्तान हैखेतों में जो तपता-खपताहोता वही किसान है।भोर वो उठकर खेत पर जाताकरता दिन-रात वो काम हैखेत जोत कर फसल वो बोताकहाँ उसे विश्राम है।सर्द रात में पानी

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मेरी यादों का बाग

24 दिसम्बर 2022
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बारह बीघा का बाग था मेराबचपन में मैं जाता थाआम रसीले जामुन मीठेतोड़-तोड़ कर खाता था।दोस्तों संग था रेस लगातापेड़ पर चढ़ जाता थालभो-डंडिया खेल खेलताआनन्द बहुत ही आता था।कुहू-कुहू थी मोर कूकतीचिड़ियों का वहा

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भारत के वीर जवान

26 दिसम्बर 2022
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हो जाओ अब तुम तैयारचीन,पाक का करो शिकारये दोनों तो नहीं सुधरतेये हैं बहुत बड़े मक्कार।आतंकी रूपी साँप पालतेदूसरों को डसवाने कोसबसे पहले वहीं काटताजहाँ मिले है खाने को।वैश्विक भिखारी का तमगालगा पा

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नए साल की उम्मीदें

31 दिसम्बर 2022
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ऐ जाते हुए साल!छोड़ गया तू कई सवाल,मत भुलाना तुम मुझे यादों में,मैं भी याद रखूंगा तुझे ख्वाबों में।मेरी हर खुशी हर ग़म का,पहरेदार रहा है तू ,तेरे हर पल में,बसी है मेरी खुशबू।बहुत कुछ खोया तो,बहुत कुछ पा

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विश्व हिन्दी दिवस

10 जनवरी 2023
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सिन्धु से हिन्दू है बनताहिन्दू से हिन्दुस्तान हैजन जन की भाषा है हिन्दीये हम सबकी पहचान है।ये सबसे समृद्ध है भाषाइसमें शब्दों का भण्डार हैएक शब्द के कई शब्द हैं हाज़िरअलंकार इसके श्रृंगार हैं।जो लिखा व

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राष्ट्रीय युवा दिवस

12 जनवरी 2023
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*राष्ट्रीय युवा दिवस*(स्वामी विवेकानन्द जयंती)ऐ!भारत के युवा दोस्तोंविश्व में परचम फहराना हैस्वामी जी जो डगर दे गएउसी पर अब आगे जाना है।उठो,जागो और चलते जानामंजिल के पहले मत रुक जानास्वामी जी ने यह मं

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मस्ती भरी होली

7 मार्च 2023
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होलिया में धुलिया उड़ाई रेये रंगों भरी होली आई रे...ये रंग बिरंगे चेहरेये छोटे छोटे छोरेपिचकारी लेकर दौरेभर भर पिचकारी रंग मारे रे मारे रे मारे रेहोलिया में धुलिया उड़ाई रेये रंगों भरी होली आई रे...ये म

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वो यादगार होली

8 मार्च 2023
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आई होली आई होली,मुँह पर रंग लगा गई साली,रंग लगाकर वह तो भागी,पीछे से मैंने दौड़ लगा दी।मैं पीछे वह आगे भागी,पीछे से मैंने टंगड़ी मारी,बगल से बहती थी एक नाली,उसमें गिर गई मेरी साली।उठ पाती वो नाली में गि

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नारी तेरे रूप अनेक

8 मार्च 2023
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हे नारी! तेरे रूप अनेक,तू सृष्टि का आधार है एक,माँ बनकर तू सृष्टि चलाती,मानवता पर उपकार कर जाती।पत्नी बन परिवार चलाती,बेटी बन दुलार दिखलाती,बहू रूप में आदर्श हो जाती,उस घर को है स्वर्ग बनाती।बहना बनकर

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भाई दूज

9 मार्च 2023
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*भाई दूज*भाईदूज का त्योहार है आताभाई बहन का प्यार है लाताएक दूजे की खुशियों में खोकरसहोदर ये त्योहार मनाता।साथ में रहते लड़ते भिड़तेदूर बहन से प्यार जताताखट्टी मीठी नोंकझोंक संगयादें वो ताज़ी कर जाता।आज

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बोलो राम...बोलो श्याम...(भजन)

10 मार्च 2023
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बोलो राम राम रामबोलो श्याम श्याम श्यामसीता राम राम रामराधे श्याम श्याम श्याम।बोलो..........कौशल्यानंदन राम राम रामदेवकीनंदन श्याम श्याम श्याम।बोलो..........दशरथ पुत्रं राम राम रामवसुदेव सुतं श्याम श्य

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यादों का गाँव

10 मार्च 2023
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अब गॉंव में चौपाल नहीं लगती,दोपहर में ताशों की महफ़िल नहीं सजती,कबूतर बोलते हैं गुटरगूँ हवेली की मुंडेरों पर,अब किसी कुएं पर पानी के लिए भीड़ नहीं लगती।जब ठण्ड के दिनों में अलाव था जलता,बच्चे और बूढ़े आ

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वो राम बहुत याद आए...

10 मार्च 2023
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वो राम बहुत याद आएकौशल्या के घर वो जाएठुमक चले बाजैं पैजनियाँदशरथ नंदन कहलाए वो राम बहुत याद आए।विश्वामित्र संग वनगमन किए वोताड़का से निज़ात दिलाएजनकपुरी में धनुष भंग करसीता को वर लाएवो राम बहुत या

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गणित क्या है??

14 मार्च 2023
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गणित क्या है?गणित जीवन का आधार हैजीने का सार हैबिना गणित जीवन कीनैया मँझधार है।गणित क्या है?सब्जी का तौल हैसोने का मोल हैदुकान का हिसाब हैअधिक पैसों का ख़्वाब है।गणित क्या है?अंकों का खेल हैगणनाओं का म

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फूल का मुस्कराना

19 मार्च 2023
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एक बगिया में लगे थे हजारों फूलमुस्कराकर हवा के साथ रहे थे झूलले रहे थे वो सभी अपने यौवन का आनन्दऔर मादक खुशबू फैलाने में थे मशगूल।गुजरता है कवि "दीप" वहां सेऔर पास जाकर पूछता है फूल सेक्यों मुस्कराए ज

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कविता क्या है!

21 मार्च 2023
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कविता कवि की रचना हैशब्दों की संरचना हैविचारों का विन्यास हैभावों का एहसास है।कविता कवि की कल्पना हैपद्य की अल्पना हैकवि की नज़रों सेदुनिया की परिकल्पना है।कविता कवि का राग हैप्रकृति का अनुराग हैएहसासो

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नवरात्रि

22 मार्च 2023
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शक्ति की भक्ति में,डूबा हर व्यक्ति है,माँ की आराधना को,"दीप" आई नवरात्रि है।बिना उसकी मर्जी से,हिलती नहीं पत्ती है,दुनियाँ को चलाने वाली,वो ऐसी आदि शक्ति है।देवी की भक्ति से,मिलती नव शक्ति है,फूल और प

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मुस्कराहट की ताकत

23 मार्च 2023
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एक लीडर जब मुस्कराता हैतो मुस्कराहट टीम की ताकत बन जाती हैकरते हैं काम सभी मनोयोग सेऔर एक अच्छा परिणाम लेकर आती है।एक डॉक्टर जब चेहरे पर मुस्कान लिएमरीज का हाल जानता हैतो उसका आधा दर्द-मर्जवहीं छूमंतर

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कैसी होती है माँ!

26 मार्च 2023
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तारों में चाँद जैसीधूप में छाँव जैसीशहरों में गाँव जैसीमँझधार में नाव जैसीहोती है माँ...अविश्वास में विश्वास जैसीहताशा में उल्लास जैसीनिराशा में आस जैसीतिमिर में प्रकाश जैसीहोती है माँ...नुकसान में नफ

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मेरे राम

30 मार्च 2023
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*मेरे राम*नवमी को प्रकटे थे रामकौशल्या घर धाए थे राममंद मंद मुस्काये रामफिर बालरूप में आये राम।श्याम वर्ण के न्यारे रामकौशल्या के प्यारे रामदशरथ राज दुलारे रामजन जन के आँख के तारे राम।माताओं की

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क्या है ज़िंदगी!

8 अप्रैल 2023
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निराशा में आशा का नाम है ज़िंदगी,समस्याओं के बीच समाधान है ज़िंदगी,ग़मों के समुन्दर में मुस्कान है ज़िंदगी,नाउम्मीदी में उम्मीदों का आसमान है ज़िंदगी।मजदूर की हाड़तोड़ मेहनत है ज़िंदगी,गरीब की चार पैसों की जु

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पृथ्वी को स्वर्ग बनायेंगे...

22 अप्रैल 2023
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हो संकल्पित आज के दिनहम धरा को हरा बनायेंगेपेड़ लगाकर देखभाल करउनको बड़ा बनायेंगेहम पृथ्वी को स्वर्ग बनायेंगे...जल संग्रह करके हम सबतालाब बावड़ी बचायेंगेनदियों को हम न करें प्रदूषितनिर्मल धार बहायेंगेहम

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पुस्तक होतीं गुरु समान!

23 अप्रैल 2023
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पुस्तक देतीं हम सबको ज्ञान,होती हैं ये बहुत महान,जो भी इनको ध्यान से पढ़ता,बढ़ जाता है उसका मान।किताब बताती सही रास्ता,होती हैं ये गुरु समान,जो भी इनसे सीख है लेता,हो जाती मंज़िल आसान।कोई ऐसा क्षेत्र नही

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देश की विकास में मजदूरों का योगदान

1 मई 2023
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इनको मानों न छोटा इन्सान,करते हैं ये बड़े बड़े काम,इनके खून पसीने पर तो,बन जाते हैं बड़े बड़े नाम।बिन इनके ये दुनियां अधूरी,परियोजनाएं कभी न होती पूरी,गर मजदूर न बहाता पसीना,संसार का मुश्किल हो जाता जीना।

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महात्मा बुद्ध

7 मई 2023
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माया देवी-शुद्धोधन के घर,जन्मा गौतम एक बालक,सम्यक सत्य की खोज की खातिर,सिद्धार्थ बन गए बौद्ध धर्म के चालक।लुम्बनी में आकार था पाया,बोधगया में हो गए तप में तल्लीन,सारनाथ में उपदेश दिए तब,कुशीनगर में हो

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विश्व हास्य दिवस

7 मई 2023
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*विश्व हास्य दिवस*विश्व हास्य दिवस परजोर का ठहाका लगाओहँसो और हँसाओचारों ओर खुशियाँ फैलाओ।सिर्फ एक दिन ही क्योंरोज हँसने का बहाना ढूँढ लाओअपनों के साथ ठिठोली"दीप" गैरों को गले लगाओ।बच्चों के साथ बच्चे

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महान योद्धा महाराण प्रताप

9 मई 2023
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महाराणा प्रताप का घोड़ा थाचेतक वो कहलाता थाथा राणा का सच्चा संगीवो हवा से बातें करता था।राणा के आदेश को पाकर बिजली की गति चलता थापीठ पर उसकी बैठ कर राणाफिर दुश्मन का काल ही बनता था।हल्दीघाटी के घन

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गणितज्ञ माँ

14 मई 2023
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माँ जीवन की पहली गुरु होती हैशायद पहली गणितज्ञ भी होती हैसिखाती है बच्चों को जीवन का एक दो तीनऔर ज्यामिति विधा की वो मर्मज्ञ होती है।माँ को वृत्तीय आकृतियों से विशेष लगाव होता हैतभी तो वो लगाती

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दिव्य दृष्टि बाधित लोग

22 मई 2023
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कोई नहीं सम्पूर्ण है जग में,सब में थोड़ा थोड़ा दोष है,इन्हीं को बना के ताकत अपनीबनाकर रखना जोश है।वात्सल्य रस के अनुपम लेखककृष्ण भक्त वो महान थेसूरदास थे दृष्टिबाधितसाहित्य के वरदान थे।पाण्डु के निधन के

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चुभती सुई

26 मई 2023
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हर चुभती हुई चीज़हमेशा खराब नहीं होती हैमशीन की सुई जब चलती है रंगीन कपड़ों परतो एक बेहतरीन पोशाक तैयार होती है।सिलाई मशीन की नाचती हुई सुईगरीब का सहारा बन जाती हैसिलती है कपड़ों को फटाफटऔर उसका परिवार च

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वृक्षारोपण

31 मई 2023
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वृक्षारोपण के संकल्प को लेकर,हम धरा को हरा बनायेंगे,पेड़ लगाकर देखभाल कर,उनको बड़ा बनायेंगे।ओज़ोन परत का क्षरण हो रहा,कार्बन के उत्सर्जन से,अब इसे न बढ़ने देंगे,ऑक्सीजन के उत्पादन से।ऑक्सीजन का उत्पादन हो

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विश्व पर्यावरण दिवस

5 जून 2023
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हो संकल्पित आज के दिनहम धरा को हरा बनायेंगेपेड़ लगाकर देखभाल करउनको बड़ा बनायेंगेहम पृथ्वी को स्वर्ग बनायेंगेहम पर्यावरण बचाएंगे।जल संग्रह करके हम सबतालाब बावड़ी बचायेंगेनदियों को हम न करें प्रदूषितनिर्म

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जिद्दी बीज

8 जून 2023
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पुरुषार्थ बड़ा जब होता हैपत्थर पर पेड़ भी उगता हैचीर के दिल वो पत्थर काउस दिल से स्पन्दन लेता है।ये बीज भी क्या पागल होकरइस पत्थर पर आकर बैठा होगाकितने झंझावत झेले होंगे जब अंकुर इसने फोड़ा होगा।आग

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यादों की बारात

11 जून 2023
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क्यों ज़ेहन में बार बारआती है गाँव की यादफिर धीरे धीरे बन जाती है वो यादों की बारात।गर्मियों की छुट्टी लग जानाट्रेन में बैठ कर गाँव को जानाजाते ही खेल में मस्त हो जानाऔर सबसे मिलकर खूब बतियाना।वो

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सुहाना सावन

16 जुलाई 2023
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सावन आया सावन आया,मौसम बड़ा सुहाना लाया,पड़ गए झूले आम की डाल,झूलें सखियाँ बाहें डाल।नभ में काले मेह हैं छाए,मेघ देख है मन हरषाए,जोर शोर से बदरा बरसे,मन मेरा है नेह को तरसे।मन्द पवन चली पुरवाई,मौसम में

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मंजिल

21 जुलाई 2023
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समुंदर में डूबकर ले आये वो मोतीजिन्होंने गहरे में छलांग लगा दीऔर हम नाव ढूँढ़ते रह गए।चढ़ गए वो ऊँचे पहाड़ परजिन्होंने हौंसला रखअपने कदम बढ़ा दिएऔर हम सीढ़ी ढूँढ़ते रह गए।टकराकर तूफ़ानों सेवो सीना तानकर

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स्वतंत्रता दिवस

19 अगस्त 2023
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हर वर्ष 15 अगस्त पर हम,आज़ादी का जश्न मनाते हैं;पर ये आज़ादी कैसे पाई,क्या इसका ध्यान रख पाते हैं।बहुतेरे वीर शहीद हुए,बहुतों ने वीरगति पाई;कुछ ऐसे वीर दीवाने थे,जिनसे अंग्रेज सरकार भी घबराई।बटुकेश्वर द

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आदित्य एल-1

2 सितम्बर 2023
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*आदित्य एल-1*चाँद पर उतरा हमारा चन्द्रयानसटीक जानकारियां भेज रहा प्रज्ञानरहस्य खोल रहा परत दर परत चाँद केऔर बढ़ा रहा है हमारा ज्ञान।पीछे छोड़ अब चन्द्रयान कोलेकर उड़े अब आदित्ययान कोइसरो वैज्ञानिकों का स

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शिक्षक

5 सितम्बर 2023
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शिक्षक कच्ची मिट्टी सेअनेकों सामाजिक किरदार गढ़ता हैकुम्हार की तरह लगाता है हाथ अन्दर सेऔर फिर ऊपर से हल्की थाप देता है।कोई समाज बिना शिक्षक केवैज्ञानिक, डॉक्टर, इंजीनियर की कल्पना नहीं कर सकता हैजब शि

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हमारी प्यारी हिन्दी

14 सितम्बर 2023
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हर भारतीय की शक्ति है हिन्दीसहज सरल अभिव्यक्ति है हिन्दीन परिचय की मोहताज़ है हिन्दीभाषाओं की सरताज़ है हिन्दी।जन जन की आवाज़ है हिन्दीमीठे सुर की साज़ है हिन्दीसात सुरों की ताज है हिन्दीहम सबकी ये नाज़ है

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हिन्दी का है हृदय विशाल

15 सितम्बर 2023
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हिन्दी में न कोई भेदभाव हैन कोई अक्षर है असमानन बड़ा न कोई छोटा है होतासारे अक्षर होते हैं एक समान।आधे अक्षर का न मान है कमदेता लेखन में योगदान है समपूरे अक्षर का पूरक बनकरभाषा सुन्दर बनती है हरदम।न को

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वो हिन्दी के ध्वज को उठाये हुए हैं...

7 नवम्बर 2023
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हिन्दी के साहित्यकारों, लेखकों एवं कवियों को समर्पित एक कविता......*वो हिन्दी के ध्वज को उठाये हुए हैं...*वो हिन्दी की बिंदी सजाए हुए हैंइसे अभिव्यक्ति की शक्ति बनाये हुए हैंहिन्दी का हिन्दुस्तान बचाए

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लोकतंत्र का उत्सव

17 नवम्बर 2023
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भारत का लोकतंत्र महान,जन जन को इस पर अभिमान,भेदभाव न किसी से करता,सबको देता अधिकार समान।अनपढ़ शिक्षित या विद्वान,सबका वोट है एक समान,हर वोट बेशकीमती है होता,सब मिलकर करते मतदान।हर मत अनमोल है होता,एक भ

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कटा पेड़

24 नवम्बर 2023
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*कटा पेड़*जब कटे पेड़ की डाली सेकोपल फूट ही जाती हैखण्ड खण्ड होकर भी वहफल देकर मुस्काती है।कटकर भी तुम्हें भुला न सकावह अपना अस्तित्व बचा न सकापर जाते जाते इस मृत देह से भीवह अपना फर्ज़ भुला न सका।तुम एक

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घर के बुजुर्ग दरख़्त

27 नवम्बर 2023
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इन बिखरे टूटे सूखे पत्तों परपाँव बहुत अदब से रखना कल तक इन्होंने ही बचाया था धूप सेइनको बिदराने की कोशिश न करना।बुझे हुए इन दियों को जरा सम्भाल के उठानाकल इन्होंने ही दी थी जगमग रोशनी त

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द्वारिकाधीश कृष्ण

29 नवम्बर 2023
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अनुकूल घड़ी न वो मेरी होगीमैं आऊँगा जब रात अंधेरी होगीचहुँ ओर अधर्म का कीचड़ होगापापों की दुनियां बहुत घनेरी होगी।जननी देवकी छोड़ मात यशोदा घर आऊँगावहाँ भ्राता बलराम का साथ मैं पाउँगामनसुख सा सखा साथ लेक

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जुगनू की राह

20 दिसम्बर 2023
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*जुगनू की राह*बन सको तो सूरज तुम बननादुनिया के तम को तुम हरनाकण कण प्रकाशमान हो इस जग कातुमको ऐसा आधार है बनना।बन सको तो चाँद तुम बननासबको तुम शीतलता देनाबिखेर चाँदनी नभ और तल मेंसबके हृदय में सुकून भ

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संघर्ष जीवन के

23 दिसम्बर 2023
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बिना पतझड़ के पेड़ में नए पत्ते नहीं आतेबिना संघर्ष के जीवन मेंअच्छे दिन नहीं आते।बिना भट्टी में तपे लोहे सेऔजार बन नहीं पाते।बिना भारी दाब और ताप झेलेकोयले से हीरे बन नहीं पाते।बिना छेनी हथौड़े की

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ज़िन्दगी की रफ्तार

24 दिसम्बर 2023
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ज़िन्दगी अपनी रफ्तार से आगे बढ़ती हैयानी उम्र जीवन की हर पल घटती हैजैसे रेत ले लो मुट्ठी मेंफिर वो धीरे धीरे फिसलती है।ज़िन्दगी के हर पल को जीना सीख लोछोटी छोटी खुशियों में बड़ी खुशियाँ ढूँढ़ लोज़िन्दगी संग

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नव वर्ष

1 जनवरी 2024
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ऐ ! नव वर्षतेरा स्वागत और वन्दन होबीती ताहि बिसारि केअब तेरा अभिनन्दन हो।सभी व्यस्त होंसभी मस्त होंइस जीवन की भागदौड़ मेंन किसी को कोई कष्ट हों।न किसी को कोई रोग होन किसी का कोई वियोग होआने वाले नए साल

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हम सबके हैं प्यारे राम

7 जनवरी 2024
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न तेरे राम न मेरे रामहम सबके हैं प्यारे रामदशरथ राज दुलारे रामसारे जग के प्यारे राम। अयोध्या में पुनः विराजे रामजय श्रीराम जय जय श्रीराम!!कौशल्या के आँख के तारे रामश्याम वर्ण के न्यारे रामइस जग क

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मेरो रामलला हैं आयो

20 जनवरी 2024
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आयो रे आयो रेमेरो रामलला हैं आयो।।घर को सजाओवंदनवार लगाओचौक पूर करदीपक हैं जलाओ।आयो रे आयो रेमेरो रामलला हैं आयो।।आतिशबाजी जलाओढोल नगाड़े बजाओमस्त मगन हो नाचो गाओस्वागत में जयकारे लगाओ। आयो रे आयो

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ये कैसे किसान??

20 फरवरी 2024
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निश्चय ही किसान देश का कर्णधार है,निःसंदेह वो भारत का सबल आधार है,अथक परिश्रम करके करता वो अन्न बौछार है,माना उसका देश पर बहुत उपकार है।किसानों की समस्या सुनना सरकार का सरोकार है,हर समस्या का समाधान ह

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जुनूनी

23 फरवरी 2024
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काँटे कहाँ रोक पाते हैं,एक राहगीर को चलने से।हवा कहाँ रोक पाती है,परिंदे को उड़ने से।।पत्थर कहाँ रोक पाते हैं,नदी को लहराकर बहने से।समुद्री लहरें कहाँ रोक पाती हैं,नाविक को आगे बढ़ने से।।सूर्य कहाँ रोक

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अस्तित्व

6 मार्च 2024
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तुम अद्वितीय हो,अपना अस्तित्व बनाये रखना,तुम जो हो वही रहना,किसी और कि तरह बनने की कोशिश न करना।दरिया समुद्र में मिलने को,बहुत मचलता है,मगर समुद्र में मिलते ही,अपना स्वरूप खो देता है।कल तक जो था मीठा,

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गाँव का विकास

14 मार्च 2024
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जब गाँव में सड़क बनी पहली बार,खुशी का ना रहा पाराबार,आवागमन हुआ आसान,और खुल गया समृद्धि का द्वार।आई बिजली गाँव में पहली बार,सर्वप्रथम रौशन हुआ घर का रामदरबार,फिर फ़्रिज के ठण्डे पानी का लुफ़्त,और टीवी पर

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माँ गंगा

14 मार्च 2024
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हिमालय से कलकल करकेनिकलती है माँ गंगापहाड़ों में रास्ता बनातीचलती है माँ गंगा।मनमोहक संगीत सुनातीशुभ्र धारा में बहती माँ गंगाकितने मानव पशु पक्षियों कीप्यास बुझाती है माँ गंगा।पहाड़ों में बलखाती तो मैदा

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दूध का दुःख और सबक

5 अप्रैल 2024
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दूध दुखाने से दही बनेदही मथे से मक्खनमक्खन तपे से घी बनेदूध बदलता ढँग।जितना दूध को दर्द मिलाउतने बिखरे रंगजितना ज्यादा वो तपाफैली चारों तरफ़ सुगन्ध।विपरीत परिस्थिति जब बनेरखो धैर्य को संगइतनी मेहनत तुम

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जादूगर नेता

7 अप्रैल 2024
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नेता जी के प्यारे वादेजनता को हैं खूब लुभातेकभी नहीं होते हैं पूरेरह जाते हैं सदा अधूरे।हर पाँच साल में आते द्वारेदिन में खूब दिखाते तारेबड़ी बड़ी हैं बातें करकेपब्लिक के बन जाते प्यारे।चुनावी मौसम में

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ईश्वर का आभार

14 अप्रैल 2024
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खुश रहिये,मुस्कराइएदुखी होने के कारण हज़ार हैंखुश रहने की चाबी आपके पास हैक्योंकि खुश रहने के कारण अपार हैं।मुस्कराइए, आभार मानिए ईश्वर का किआप के पास दो आंखें दो हाथ हैंदो पैर और खाने के लिए दाँत हैंव

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हुनर

14 अप्रैल 2024
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घास के तिनके जो थे बेकारकिसी को न थी उनकी दरकारएक चिड़िया के हुनर नेउनको घोंसला बना दिया।बिखरी पड़ी थीं टहनियाँतब तक उनका कोई बजूद न थाएक हुनरमंद के हुनर नेउनसे झोपड़ा बना दिया।कटी पड़ी कतरनें दुकान मेंकि

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प्रभु श्रीराम

17 अप्रैल 2024
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*प्रभु श्रीराम*नवमी के दिन प्रकट हुएदशरथ के घर श्रीरामअयोध्या में उत्सव मन रहागाते सब मंगलगान।पिता वचन को माननेकर सारे सुख बलिदानलक्ष्मण सीता संग मेंवन को कर गए प्रस्थान।खर-दूषण का वध किएदिए सबरी को म

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पूनम सी उजियारी माँ

12 मई 2024
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सबसे पहले मुँह अँधियारेउठकर काम में लग जाती माँफिर चिड़ियाँ चहचाती आँगन मेंभोर सी उजियारी लगती माँ।जब भी कोई मुश्किल आतीअपने ऊपर ले लेती माँकठिन डगर पर सही रास्ताहम सबको दिखलाती माँ।चाहे कितना कठिन समय

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परिवार

16 मई 2024
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रिश्तों की कड़ियों से जुड़े होंदुःख तकलीफ़ में एक दूजे के साथ खड़े होंकोई न कर पाए उन पर वारवो कहलाता है परिवार!!जहाँ सबको सबकी परवाह होसभी को अपनों का ख़्याल होकरते हों सभी एक दूसरे से प्यारवो कहलाता है प

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आओ करें मतदान

22 मई 2024
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ऐसे न नादान बनोऐसे मत न दान करोसोचो समझो ध्यान करोफिर अपना मत दान करो।जात-पात पर तुम न जाओकर्मठ नेता को जितवाओदेशभक्त लीडर को चुनकरदेश के प्रति कर्तव्य निभाओ।जो रखे जनता का ध्यानजिसको हो अपने देश का ज

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रिश्तों का विज्ञान

26 मई 2024
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पिता गणित विषय जैसे होते हैं कठिनजल्दी समझ में नहीं आते हैंमगर सामाजिक सूत्रों की मदद सेदुनियादारी समझाते हैं।समझाते हैं कैसे जोड़नी हैं खुशियाँऔर कैसे घटानी हैं त्रुटियाँकैसे दुगना परिश्रम करकेपानी है

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अनोखी रेल

5 जून 2024
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भारतीय रेल है बड़ी अनोखीपूरब से पश्चिम तक जातीउत्तर से दक्षिन दौड़ लगातीहर पल प्रति पल चलती जाती।कभी न थमती,कभी न थकतीदिन और रात वो चलती जातीलाल सिग्नल पर रुक है जातीहरा देख सरपट बढ़ जाती।सबको मंजिल पर प

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गलतियाँ जीवन की गुरु होती हैं!

21 जुलाई 2024
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कुछ लोग ठोकर खाकर विखर जाते हैं कुछ लोग ठोकर खाकर बिफर जाते हैं मगर सफ़लता पाते हैं वही लोग जो ठोकर खाकर निखर जाते हैं lजीवन में छोटी छोटी कठिनाईयां आती हैं और चली जाती हैं दे

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अनमोल दोस्त

4 अगस्त 2024
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दोस्त होते हैं बड़े अनमोलबिना दोस्त नहीं जीवन का मोल,जीवन के हर मोड़ पर आकरवो देते हैं खुशियाँ घोल।दोस्त वही जो दोष मिटा देसही रास्ता वो दिखला दे,मलिन हुए मुख मंडल पर भीपल भर में हँसी वो ला दे।हर राज़

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मेघ मल्हार

6 अगस्त 2024
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*मेघ मल्हार*आज तो बादल गरज रहे हैं झूम झूम कर बरस रहे हैं ठंडी ठंडी हवा चल रही हैतपते तन में सुकून भर रही है। झुकी जा रहीं पेड़ की डालियाँ प्रकृति का आलिंगन करने कोधरा भी तैयार हो

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ऋतुराज वसंत

12 अगस्त 2024
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सर्दी की हो गई विदाई देखो वसंत ऋतु है आई खेतों में सरसों लहलाई पीले फूलों की बहार है छाई।अब मौसम ने ली अंगड़ाई धूप में भी गर्माहट है आई आमों में आई है अमराई चारों तरफ हैं

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