*श्रीमते रामानुजाय नमः*
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*!! विषय!!*
*सनातन धर्म और धर्म स्थलों पर बलात अतिक्रमण*
*( सनातन धर्म स्थलों पर भू माफियाओं का कब्ज़ा जा)*
*[ नवम भाग]*
*जय श्रीमन्नारायण*
कल के भाग में आप लोगों ने पढ़ा पृथ्वी पर कलयुग में कौन-कौन से राजा गण हुए चाणक्य जी के द्वारा चंद्रगुप्त को सम्राट बनाया गया *अब आगे----*
चंद्रगुप्त का पुत्र बिंदुसार बिंदुसार का अशोक वर्धन अशोक वर्धन का सुयशा सुयशा का दशरथ दशरथ का संयुक्त संयुक्त शालिशूक,शालिशूक का सोम शर्मा सोम शर्मा का सतधन्वा सत धनवा का पुत्र बृहद्रथ होगा इस प्रकार 173 वर्ष तक 10 मोर्य वंशीय राजा राज्य करेंगे इसके अनंतर पृथ्वी में 10 शुंगवंशीय राजा गण होंगे उनमें पहला पुष्यमित्र नामक सेनापति अपने स्वामी को मार कर स्वयं राज्य करेगा उसका पुत्र अग्नि मित्र होगा अग्नि मित्र का पुत्र सुज्येष्ठ ,सुज्येष्ठ का वसुमित्र वसुमित्र का उदंक उदंक का पुलिंदक पुलिंदक का घोषवसु, घोषवसु का वज्र मित्र वज्र मित्र का भागवत और भागवत का पुत्र देवभूति होगा यह शुंगनरेश 112 वर्ष पृथ्वी का भोग करेंगे इसके बाद यह पृथ्वी कण्व भूपालों के अधिकार में चली जाएगी शुंगवंशीय अति व्यसन सील राजा देव भूति को कण्व वंशीय वसुदेव नामक उसका मंत्री उसे मार कर स्वयं राज्य करेगा उसका पुत्र भूमित्र भूमित्र का नारायण तथा नारायण का पुत्र सु शर्मा होगा यह चार काण्व वंशीय भूपति गण 45 वर्ष पृथ्वी के अधिपति रहेंगे इसी प्रकार अनेकों राजा होंगे जिनके सेवक उनको मार कर उनकी राज्य पर कब्जा करते रहेंगे जबरन यहां पर ध्यान देने योग्य बात यह है कलयुग के प्रारंभ से लेकर आज तक जैसे-जैसे उत्तम वंशीय राजा जो सनातन धर्म को मानने वाले ब्राह्मण देवता गुरु आदि का सम्मान करने वाले थे उनके मंत्री सेनापति सैनिक सेवक आदि को ने उन्हें धोखे से छल पूर्वक मार कर उनकी संपत्ति पर अपना कब्जा किया इस प्रकार से 30 आंध्रभृत्य राजाओं ने 456 वर्ष पृथ्वी का भोग किया इनके पीछे 7 आभीर और 10 गर्द भिल राजा होंगे फिर 16 शक राजा होंगे उनके बाद 8:00 यवन 14 तुर्क 13 मुंड और 11 मोहन जातीय राजा लोग एक हजार 90 वर्ष पृथ्वी का शासन करेंगे इनमें से 11 मोहन राजा पृथ्वी को 300 वर्ष तक भोगेंगे।
*ततष्षोडश शका भूपतयो भवितारः।। ततश्चाष्टौ यवनाश्चतुर्दश तुरुष्कारा मुण्डाश्च त्रयोदश एकादश मौना एते वै पृथ्वीपतयः पृथिवीं दशवर्षशतानि नवत्यधिकानि भोक्ष्यन्ति।। ततश्च एकादश भूपतयो$ब्दशतानित्रीणि पृथिवीं भोक्ष्यन्ति।।*
{श्रीवि०पु० /4अंश/24वाँ अ०/ 52से54 श्लो०}
इनके उच्छिन्न होने पर कैंकिल नामक यवनजातीय अभिषेक रहित राजा होंगे।।
*क्रमशः----*
*श्रीमहन्त*
*स्वामी हर्षित कृष्णाचार्य*
पुराण प्रवक्ता/ ज्योतिर्विद
*संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा /श्री राम कथा /श्रीमद् देवी भागवत कथा/ श्री महाभारत कथा कुंडली लेखन एवं फलादेश /यज्ञोपवीत वैवाहिक कार्यक्रम/ यज्ञ प्रवचन/ याज्ञिक मंडल द्वारा समस्त वैदिक अनुष्ठान*
*श्रीवासुदेव सेवा संस्थान*
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*श्री जगदीश कृष्णा शरणागति आश्रम लखीमपुर खीरी* *संपर्क सूत्र:- 9648 76 9089*