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श्राद्ध कब और कैसे

21 सितम्बर 2021

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पक्ष विशेष

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एकैकस्य तिलैर्मिश्रांस्त्रींस्त्रीन

दद्याज्जलाज्जलीन।

यावज्जीवकृतं पापं तत्क्षणदेव नश्यति।


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भी जब सूर्य नारायण कन्या राशि में विचरण करते हैं तब पितृलोक पृथ्वी लोक के सबसे अधिक नजदीक आता है। श्राद्ध का अर्थ पूर्वजों के प्रति श्रद्धा भाव से है। जो मनुष्य उनके प्रति उनकी तिथि पर अपनी सामर्थ्य के अनुसार फलफूल, अन्न, मिष्ठान आदि से ब्राह्मण को भोजन कराते हैं। उस पर प्रसन्न होकर पितृ उसे आशीर्वाद देकर जाते हैं। पितरों के लिए किए जाने वाले श्राद्ध दो तिथियों पर किए जाते हैं, प्रथम मृत्यु या क्षय तिथि पर और द्वितीय पितृ पक्ष में जिस मास और तिथि को पितर की मृत्यु हुई है अथवा जिस तिथि को उसका दाह संस्कार हुआ है। वर्ष में उस तिथि को एकोदिष्ट श्राद्ध में केवल एक पितर की संतुष्टि के लिए श्राद्ध किया जाता है। इसमें एक पिंड का दान और एक ब्राह्मण को भोजन कराया जाता है। पितृपक्ष में जिस तिथि को पितर की मृत्यु तिथि आती है, उस दिन पार्वण श्राद्ध किया जाता है। पार्वण श्राद्ध में 9 ब्राह्मणों को भोजन कराने का विधान है, किंतु शास्त्र किसी एक सात्विक एवं संध्यावंदन करने वाले ब्राह्मण को भोजन कराने की भी आज्ञा देते हैं।


इस सृष्टि में हर चीज का अथवा प्राणी का जोड़ा है। जैसे - रात और दिन, अँधेरा और उजाला, सफ़ेद और काला, अमीर और गरीब अथवा नर और नारी इत्यादि बहुत गिनवाये जा सकते हैं। सभी चीजें अपने जोड़े से सार्थक है अथवा एक-दूसरे के पूरक है। दोनों एक-दूसरे पर निर्भर होते हैं। इसी तरह दृश्य और अदृश्य जगत का भी जोड़ा है। दृश्य जगत वो है जो हमें दिखता है और अदृश्य जगत वो है जो हमें नहीं दिखता। ये भी एक-दूसरे पर निर्भर है और एक-दूसरे के पूरक हैं। पितृ-लोक भी अदृश्य-जगत का हिस्सा है और अपनी सक्रियता के लिये दृश्य जगत के श्राद्ध पर निर्भर है।


धर्म ग्रंथों के अनुसार श्राद्ध के सोलह दिनों में लोग अपने पितरों को जल देते हैं तथा उनकी मृत्युतिथि पर श्राद्ध करते हैं। ऐसी मान्यता है कि पितरों का ऋण श्राद्ध द्वारा चुकाया जाता है। वर्ष के किसी भी मास तथा तिथि में स्वर्गवासी हुए पितरों के लिए पितृपक्ष की उसी तिथि को श्राद्ध किया जाता है।


पूर्णिमा पर देहांत होने से भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा को श्राद्ध करने का विधान है। इसी दिन से महालय (श्राद्ध) का प्रारंभ भी माना जाता है। श्राद्ध का अर्थ है श्रद्धा से जो कुछ दिया जाए। पितृपक्ष में श्राद्ध करने से पितृगण वर्षभर तक प्रसन्न रहते हैं। धर्म शास्त्रों में कहा गया है कि पितरों का पिण्ड दान करने वाला गृहस्थ दीर्घायु, पुत्र-पौत्रादि, यश, स्वर्ग, पुष्टि, बल, लक्ष्मी, पशु, सुख-साधन तथा धन-धान्य आदि की प्राप्ति करता है।


श्राद्ध में पितरों को आशा रहती है कि हमारे पुत्र-पौत्रादि हमें पिण्ड दान तथा तिलांजलि प्रदान कर संतुष्ट करेंगे। इसी आशा के साथ वे पितृलोक से पृथ्वीलोक पर आते हैं। यही कारण है कि हिंदू धर्म शास्त्रों में प्रत्येक हिंदू गृहस्थ को पितृपक्ष में श्राद्ध अवश्य रूप से करने के लिए कहा गया है।


श्राद्ध से जुड़ी कई ऐसी बातें हैं जो बहुत कम लोग जानते हैं। मगर ये बातें श्राद्ध करने से पूर्व जान लेना बहुत जरूरी है क्योंकि कई बार विधिपूर्वक श्राद्ध न करने से पितृ श्राप भी दे देते हैं।


पितरों की संतुष्टि के उद्देश्य से श्रद्धापूर्वक किये जाने वाले तर्पर्ण, ब्राह्मण भोजन, दान आदि कर्मों को श्राद्ध कहा जाता है। इसे पितृयज्ञ भी कहते हैं। श्राद्ध के द्वारा व्यक्ति पितृऋण से मुक्त होता है और पितरों को संतुष्ट करके स्वयं की मुक्ति के मार्ग पर बढ़ता है।


श्राद्ध या पिण्डदान दोनो एक ही शब्द के दो पहलू है पिण्डदान शब्द का अर्थ है अन्न को पिण्डाकार मे बनाकार पितर को श्रद्धा पूर्वक अर्पण करना इसी को पिण्डदान कहते है दझिण भारतीय पिण्डदान को श्राद्ध कहते है।


श्राद्ध के प्रकार

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शास्त्रों में श्राद्ध के निम्नलिखित प्रकार बताये गए हैं।


1👉 नित्य श्राद्ध : वे श्राद्ध जो नित्य-प्रतिदिन किये जाते हैं, उन्हें नित्य श्राद्ध कहते हैं. इसमें विश्वदेव नहीं होते हैं।


2👉 नैमित्तिक या एकोदिष्ट श्राद्ध : वह श्राद्ध जो केवल एक व्यक्ति के उद्देश्य से किया जाता है. यह भी विश्वदेव रहित होता है. इसमें आवाहन तथा अग्रौकरण की क्रिया नहीं होती है. एक पिण्ड, एक अर्ध्य, एक पवित्रक होता है।


3👉 काम्य श्राद्ध : वह श्राद्ध जो किसी कामना की पूर्ती के उद्देश्य से किया जाए, काम्य श्राद्ध कहलाता है।


4👉 वृद्धि (नान्दी) श्राद्ध : मांगलिक कार्यों ( पुत्रजन्म, विवाह आदि कार्य) में जो श्राद्ध किया जाता है, उसे वृद्धि श्राद्ध या नान्दी श्राद्ध कहते हैं।


5👉 पावर्ण श्राद्ध : पावर्ण श्राद्ध वे हैं जो भाद्रपद कृष्ण पक्ष के पितृपक्ष, प्रत्येक मास की अमावस्या आदि पर किये जाते हैं. ये विश्वदेव सहित श्राद्ध हैं।


6👉 सपिण्डन श्राद्ध : वह श्राद्ध जिसमें प्रेत-पिंड का पितृ पिंडों में सम्मलेन किया जाता है, उसे सपिण्डन श्राद्ध कहा जाता है।


7👉 गोष्ठी श्राद्ध : सामूहिक रूप से जो श्राद्ध किया जाता है, उसे गोष्ठीश्राद्ध कहते हैं।


8👉 शुद्धयर्थ श्राद्ध : शुद्धयर्थ श्राद्ध वे हैं, जो शुद्धि के उद्देश्य से किये जाते हैं।


9👉 कर्मांग श्राद्ध : कर्मांग श्राद्ध वे हैं, जो षोडश संस्कारों में किये जाते हैं।


10👉 दैविक श्राद्ध : देवताओं की संतुष्टि की संतुष्टि के उद्देश्य से जो श्राद्ध किये जाते हैं, उन्हें दैविक श्राद्ध कहते हैं।


11👉 यात्रार्थ श्राद्ध : यात्रा के उद्देश्य से जो श्राद्ध किया जाता है, उसे यात्रार्थ कहते हैं।


12👉 पुष्टयर्थ श्राद्ध : शारीरिक, मानसिक एवं आर्थिक पुष्टता के लिये जो श्राद्ध किये जाते हैं, उन्हें पुष्टयर्थ श्राद्ध कहते हैं।


13👉 श्रौत-स्मार्त श्राद्ध : पिण्डपितृयाग को श्रौत श्राद्ध कहते हैं, जबकि एकोदिष्ट, पावर्ण, यात्रार्थ, कर्मांग आदि श्राद्ध स्मार्त श्राद्ध कहलाते हैं।


कब किया जाता है श्राद्ध?

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श्राद्ध की महत्ता को स्पष्ट करने से पूर्व यह जानना भी आवश्यक है की श्राद्ध कब किया जाता है. इस संबंध में शास्त्रों में श्राद्ध किये जाने के निम्नलिखित अवसर बताये गए हैं ।


1👉 भाद्रपद कृष्ण पक्ष के पितृपक्ष के 16 दिन।


2👉 वर्ष की 12 अमावास्याएं तथा अधिक मास की अमावस्या।


3👉 वर्ष की 12 संक्रांतियां।


4👉 वर्ष में 4 युगादी तिथियाँ।


5👉 वर्ष में 14 मन्वादी तिथियाँ।


6👉 वर्ष में 12 वैध्रति योग।


7👉 वर्ष में 12 व्यतिपात योग।


8👉 पांच अष्टका।


9👉 पांच अन्वष्टका।


10👉 पांच पूर्वेघु।


11👉 तीन नक्षत्र: रोहिणी, आर्द्रा, मघा।


12👉 एक कारण : विष्टि।


13👉 दो तिथियाँ : अष्टमी और सप्तमी।


14👉 ग्रहण : सूर्य एवं चन्द्र ग्रहण।


15👉 मृत्यु या क्षय तिथि।


किसके निमित्त कौन कर सकता है श्राद्ध

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हिन्दू धर्म के मरणोपरांत संस्कारों को पूरा करने के लिए पुत्र का प्रमुख स्थान माना गया है। शास्त्रों में लिखा है कि नरक से मुक्ति पुत्र द्वारा ही मिलती है। इसलिए पुत्र को ही श्राद्ध, पिंडदान का अधिकारी माना गया है और नरक से रक्षा करने वाले पुत्र की कामना हर मनुष्य करता है। इसलिए यहां जानते हैं कि शास्त्रों के अनुसार पुत्र न होने पर कौन-कौन श्राद्ध का अधिकारी हो सकता है।


👉 पिता का श्राद्ध पुत्र को ही करना चाहिए।


👉 पुत्र के न होने पर पत्नी श्राद्ध कर सकती है।


👉 पत्नी न होने पर सगा भाई और उसके भी अभाव में संपिंडों को श्राद्ध करना चाहिए।


👉 एक से अधिक पुत्र होने पर सबसे बड़ा पुत्र श्राद्ध करता है।


👉 पुत्री का पति एवं पुत्री का पुत्र भी श्राद्ध के अधिकारी हैं।


👉 पुत्र के न होने पर पौत्र या प्रपौत्र भी श्राद्ध कर सकते हैं।


👉 पुत्र, पौत्र या प्रपौत्र के न होने पर विधवा स्त्री श्राद्ध कर सकती है।


👉 पत्नी का श्राद्ध तभी कर सकता है, जब कोई पुत्र न हो।


👉 पुत्र, पौत्र या पुत्री का पुत्र न होने पर भतीजा भी श्राद्ध कर सकता है।


👉 गोद में लिया पुत्र भी श्राद्ध का अधिकारी है।


👉 कोई न होने पर राजा को उसके धन से श्राद्ध करने का विधान है।


क्यों आवश्यक है श्राद्ध?

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श्राद्धकर्म क्यों आवश्यक है, इस संबंध में निम्नलिखित तर्क दिए जा सकते हैं।


1👉 श्राद्ध पितृ ऋण से मुक्ति का माध्यम है।


2👉 श्राद्ध पितरों की संतुष्टि के लिये आवश्यक है।


3👉 महर्षि सुमन्तु के अनुसार श्राद्ध करने से श्राद्धकर्ता का कल्याण होता है।


4👉 मार्कंडेय पुराण के अनुसार श्राद्ध से संतुष्ट होकर पितर श्राद्धकर्ता को दीर्घायु, संतति, धन, विघ्या, सभी प्रकार के सुख और मरणोपरांत स्वर्ग एवं मोक्ष प्रदान करते हैं।


5👉 अत्री संहिता के अनुसार श्राद्धकर्ता परमगति को प्राप्त होता है।


6👉 यदि श्राद्ध नहीं किया जाता है, तो पितरों को बड़ा ही दुःख होता है।


7👉 ब्रह्मपुराण में उल्लेख है की यदि श्राद्ध नहीं किया जाता है, तो पितर श्राद्ध करने वाले व्यक्ति को शाप देते हैं और उसका रक्त चूसते हैं. शाप के कारण वह वंशहीन हो जाता अर्थात वह पुत्र रहित हो जाता है, उसे जीवनभर कष्ट झेलना पड़ता है, घर में बीमारी बनी रहती है। श्राद्ध-कर्म शास्त्रोक्त विधि से ही करें पितृ कार्य कार्तिक या चैत्र मास मे भी किया जा सकता है।


श्राद्ध में कुश और तिल का महत्व

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दर्भ या कुश को जल और वनस्पतियों का सार माना जाता है। यह भी मान्यता है कि कुश और तिल दोंनों विष्णु के शरीर से निकले हैं। गरुड़ पुराण के अनुसार, तीनों देवता ब्रह्मा, विष्णु, महेश कुश में क्रमश: जड़, मध्य और अग्रभाग में रहते हैं। कुश का अग्रभाग देवताओं का, मध्य भाग मनुष्यों का और जड़ पितरों का माना जाता है। तिल पितरों को प्रिय हैं और दुष्टात्माओं को दूर भगाने वाले माने जाते हैं। मान्यता है कि बिना तिल बिखेरे श्राद्ध किया जाये तो दुष्टात्मायें हवि को ग्रहण कर लेती हैं।


महालयश्राद्ध 2021 की तिथियां


20 सितम्बर सोमवार👉 मूकबधिर (गूंगे बहरे पितृ का श्राद्ध, पूर्णिमा तिथि का श्राद्ध।


21 सितम्बर मंगलवार👉 प्रतिपदा तिथि का श्राद्ध।


22 सितम्बर बुधवार👉 द्वितीया तिथि का श्राद्ध ।


23 सितम्बर गुरुवार👉 तृतीय तिथि का श्राद्ध।


24 सितम्बर शुक्रवार👉 चतुर्थी तिथि का श्राद्ध।


25 सितम्बर शनिवार👉 पंचमी तिथि का श्राद्ध (भरणी श्राद्ध)।


27 सितम्बर रविवार👉 षष्ठी तिथि का श्राद्ध।


28 सितम्बर सोमवार👉 सतमी तिथि का श्राद्ध ।


29 सितम्बर मंगलवार👉 अष्टमी तिथि का श्राद्ध।


30 सितम्बर बुधवार👉 नवमी तिथि का श्राद्ध-सौभाग्यवती (मातृ नवमी) श्राद्ध।


1 अक्टूबर गुरुवार👉 दशमी तिथि का श्राद्ध।


2 अक्टूबर शुक्रवार👉 एकादशी तिथि का श्राद्ध।


3 अक्टूबर शनिवार👉 द्वादशी तिथि का श्राद्ध।


4 अक्टूबर मंगलवार👉 त्रयोदशी तिथि का श्राद्ध।


5 अक्टूबर बुधवार👉 चतुर्दशी तिथि का श्राद्ध - अकाल मृत्यु (शस्त्र अथवा दुर्घटना में मरे) पित्रो का श्राद्ध।


6 अक्टूबर गुरुवार👉 अमावस्या तिथि का श्राद्ध / सर्वपित्र श्राद्ध।


विशेष👉 पित्रो के निमित्त श्राद्ध तर्पण आदि का समय दिन के मध्यान काल मे माना जाता है इस वर्ष आश्विन कृष्ण षष्ठी तिथि 26 और 27 सितम्बर दोनों दिन अपराह्न व्यापिनी है अतः यहां षष्ठी का श्राद्ध 26 सितंबर को किया जाएगा। क्योंकि इस स्थिति में श्राद्ध उसी दिन किया जाता है जिस दिन तिथि अपराह्न को अधिक व्यापत करें इस वर्ष षष्ठी अपराह्न काल के अधिक भाग को 26 सितंबर के दिन ही व्याप्त कर रही थी इसलिए षष्ठी का महालय श्राद्ध 26 सितंबर को किया जाएगा और सप्तमी का श्राद्ध 28 सितम्बर को किया जाएगा।

इस प्रकार 27 सितंबर को कोई महालय श्राद्ध नहीं बनता।


श्रीमहन्त

श्री स्वामी हर्षित कृष्णाचार्य

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आचार्य अर्जुन तिवारी

आचार्य अर्जुन तिवारी

बहुत ही उत्कृष्ट वर्णन मन्थ जी जय श्रीमन्नारायण

21 सितम्बर 2021

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गुरूपूर्णिमा विशेष

29 जून 2020
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*श्रीमते रामानुजाय नमः**श्री यतिराजाय नमः*💐💐💐💐💐💐💐💐 *गुरुपूर्णिमा विशेष*--- *द्वितीय भाग*🛕🛕🛕🛕🛕🛕🛕🛕🛕 गुरुदेव की असीम कृपा उनकी दया प्रेम वात्सल्य उसी के फलस्वरूप हमें परम आराध्य श्री लक्ष्मीनारायण जी के चरणों का आश्रय मिलता है और परमात्मा से मिलाने का पावन कार्य सिर्फ और सिर्फ श्

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गुरुपूर्णिमा पर विशेष

30 जून 2020
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*जय श्रीमन्नारायण* *श्रीमते गोदाम्बाय नमः*🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 *गुरुपूर्णिमा विशेष* *भाग तृतीय*🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 वैष्णव के चिन्ह स्वयं व्यक्ति को देव तुल्य बना देते हैं वैष्णव दीक्षा लेने के बाद पंच संस्कार युक्त मनुष्य स्वयं एक दिव्य यंत्र अर्थात दिव्य पुरुष के रूप में इस धरा धाम को आलोकित करता है

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गुरुपूर्णिमा विशेष

3 जुलाई 2020
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*जय श्रीमन्नारायण* *श्रीमते रामानुजाय नमः*🌹🌺🌹🌺🌹🌺🌹🌺 *गुरुपूर्णिमा विशेष* *चतुर्थ भाग*🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩 प्रिय भागवत भक्तों जीवन एक मिट्टी का बना हुआ पुतला है इस पुतले को किस प्रकार से उत्तम रूप देकर समाज के हित में प्रशस्त करना सद्गुरु का कार्य है सद्गुरु की कृपा से वैष्णो मार

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गुरुपूर्णिमा विशेष

3 जुलाई 2020
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*जय श्रीमन्नारायण* *श्रीमते गुरुचरण कमलेभ्यो नमः*💐🌺💐🌺💐🌺💐🌺 *गुरुपूर्णिमा विशेष* *भाग ५*🦚🌳🦚🌳🦚🌳🦚🌳 *किमत्र बहुनोक्तेन शास्त्रकोटि शतेन च । दुर्लभा चित्त विश्रान्तिः विना गुरुकृपां परम् ॥*अर्थात :-बहुत कहने से क्या ? करोडों शास्त्रों से भी क्या ? चित्त की परम् शांति, गुरु के बिना

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गुरु पूर्णिमा पर विशेष

5 जुलाई 2020
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*जय श्रीमन्नारायण**श्रीमद गुरु चरणकमलेभ्यो नमः*🌼🌹🌼🌹🌼🌹🌼🌹🌼 *श्री गुरु पूर्णिमा विशेष* *भाग षष्ठ*🌸🌼🌸🌼🌸🌼🌸🌼आप सभी भगवत भक्तों को पावन गुरु पूर्णिमा महापर्व की हार्दिक बधाई बहुत-बहुत शुभकामनाएं अनेकानेक अमंगल अनुशासनम आज का पावन पर्व वह पर्व है जिस दिन गुरु अपने शिष्य को शक्तिपात दीक्षा

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गुरु व शिष्य धर्म

5 जुलाई 2020
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*जय श्रीमन्नारायण**श्री यतिराजाय नमः*🥀🌷🥀🌷🥀🌷🥀🌷 *गुरु शिष्य के कर्तव्य*☘️🌿☘️🌿☘️🌿☘️🌿सभी मित्रों को पावन गुरु पूर्णिमा पर्व की व श्री व्यास जन्मोत्सव की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं गुरु और शिष्य का मिलन ठीक उसी प्रकार है जैसे एक छोटा सा जलबिंदु अनंत सागर में जाकर के मिले आज का दिन वही अवसर

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उपदेश सूत्र

29 जुलाई 2020
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*श्रीमते रामानुजाय नमः**श्रीगोदम्बाय नमः**चीराणि किं पथि न सन्ति दिशन्ति भिक्षां* *नैवाङ्घ्रिपाः परभृतः सरितोऽप्यशुष्यन् ।**रुद्धा गुहाः किमजितोऽवति* *नोपसन्नान् कस्माद्भजन्ति कवयो धनदुर्मदान्धान्*पहनने को क्या रास्तों में चिथड़े नहीं हैं? रहने के लिए क्या पहाड़ो की गुफाएँ बंद कर दी गयी हैं? अरे भाई !

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शिखा (चोटी) बन्धन क् महत्व

30 जुलाई 2020
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शिखा बन्धन (चोटी) रखने का महत्त्व💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐शिखा का महत्त्व विदेशी जान गए हिन्दू भूल गए।हिन्दू धर्म का छोटे से छोटा सिध्दांत,छोटी-से-छोटी बात भी अपनी जगह पूर्ण और कल्याणकारी हैं। छोटी सी शिखा अर्थात् चोटी भी कल्याण, विकास का साधन बनकर अपनी पूर्णता व आवश्यकता को दर्शाती हैं। शिखा का त्याग

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श्रीस्वामी जी की दिव्य यात्रा

31 जुलाई 2020
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।। श्रीमते रामानुजाय नमः।।श्रीरामानुजाचार्य जी की दिव्य देश यात्रा------------------------------------------------श्रीवैष्णव जन श्रीरामानुज स्वामी जी के पास जाकर कहते हैं – “स्वामी जी! आपने श्रीवैष्णव सम्प्रदाय को प्रतिष्ठित किया है और विरोधी सिद्धान्तों को हराया है। अब कृपया तीर्थ यात्रा पर चलिये औ

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श्रीमते रामानुजाय नमः

12 अगस्त 2020
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🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹*।।श्रीमते रामानुजाय नमः।।**श्रीपराशर भट्टर् और श्रीवेदव्यास भट्टर् का जन्म*-------------------------------------------------------श्रीपराशर भट्टर् और श्रीवेदव्यास भट्टर् कूरत्तालवान् (कूरेश स्वामी) और माता आण्डाल के सुपुत्र हैं । श्रीपराशर भट्टर् और श्रीवेदव्यास भट्टर् (दोनों भाई)

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श्रीमते रामानुजाय नमः

12 अगस्त 2020
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।।श्रीमते रामानुजाय नमः।।श्रीरामानुज स्वामी की मेलकोटे की यात्रा-------------------------------------------------श्रीरामानुज स्वामी जी के मार्गदर्शन में सभी वैष्णव श्रीरंगम् में आनन्द मंगल से रह रहे थे। तभी एक दुष्ट राजा , जो शैव सम्प्रदाय से सम्बन्ध रखता था, विचार किया कि शिवजी की श्रेष्ठता को स्थ

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कृष्ण भक्त

20 अगस्त 2020
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🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻*बहुत ही प्रेरणाप्रद कथा**➖एक दरिद्र ब्राह्मण यात्रा करते-करते किसी नगर से गुजर रहा था , बड़े-बड़े महल एवं अट्टालिकाओं को देखकर ब्राह्मण भिक्षा माँगने गया , किन्तु उस नगर मे किसी ने भी उसे दो मुट्ठी अन्न नहीं दिया।* *➖आखिर दोपहर हो गयी , तो ब्राह्मण दुःखी होकर अपने भाग्य को कोस

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कलंक चतुर्थी

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*श्रीमते रामानुजाय नमः* *अज्ञानता वस किसी पर संदेह करना एक दिन मनुष्य को ऐसी स्थिति में पहुंचा देता है कि वह पश्चाताप की अग्नि में जलने लगता है और उसे प्रायश्चित का कोई उपाय नहीं दिखता बिना जाने बिना विचार किए किसी प्रकार का निर्णय करना कितना गलत होता है यह भगवान श्री कृष्ण जी ने अपनी लीला मात्र से

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गुरू

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*जय श्रीमन्नारायण**स्त्रीयों को गुरू क्यूं नहीं बनाना चाहिये , और संतो को क्यूं स्त्रीयों से दूर रहना चाहिये ,, शास्त्र से*:-------- "" प्रश्न -- हमने गुरूसे कण्ठी तो लेली , पर उनमें श्रद्धा नहीं रही तो क्या कंठी उनको वापस कर दें ?"" उत्तर--कंठी वापस करने के लिए हम कभी समर्थन

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*जय श्रीमन्नारायण*🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 *भाग:-१* *गुरु ही सफलता का स्रोत*🥀🌲🥀🌲🥀🌲🥀 गुरु चाहते हैं कि शिष्य दिव्यता के इस मार्ग पर अग्रसर हो और तुम इस पद पर पहुंच जाओगे तो तुम्हें अपने आप एहसास होगा तुम्हें संतोष होगा कि तुम इस पद पर खड़े हो औरों को तो इस पद का ज्ञान भी नहीं है वह पत्र जहां

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30 जुलाई 2021
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*गुरु ही सफलता का स्रोत*🌲🥀🌲🥀🌲🥀🌲🥀 *जय श्रीमन्नारायण* *भाग:-२*☘️🌿☘️🌿☘️🌿☘️🌿इस दुनिया के लिए एक और शब्द है संसार संसार शब्द दो शब्दों के सहयोग से बना है सम सार इसका अर्थ है कि जो अवस्था मेरी प्रकृति के अनुरूप है वही संसार है इसलिए अगर मैं कामों को हूं तो सुंदर स्त्री को देखने में अ

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*जय श्रीमन्नारायण*🌹💐🌹💐🌹💐🌹💐 *गुरु ही सफलता का स्रोत**भाग:-----३*🌲🌿🌲🌿🌲🌿🌲🌿 *गतांक से आगे*---- *क्या गुरु का भी ऋण होता है*--------तो उत्तर आएगा हां शिष्य अपने गुरु का ऋण कभी उतार ही नहीं सकता अपने माता-पिता का ऋण उतार सकता है अपने स्वजनों का ऋण उतार सकता है क्योंकि उनसे उसके देश

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*जय श्रीमन्नारायण*☘️🌿☘️🌿☘️🌿☘️🌿*गुरु ही सफलता का स्रोत*🌺🌼🌺🌼🌺🌼🌺🌼 *भाग:-४* *गतांक से आगे------* *अनुभवति हि मूर्ध्ना पादपस्तीव्रमुष्णं।**शमयति परितापमं छायया संश्रितानाम्।।*(अभिज्ञान शाकुंतलम:५/7)अर्थात:- वृक्ष अपने सिर से तो तीव्रउष्णता का अनुभव करता है पर अपने आश्रितों के ताप को छाया से

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बिल्वपत्र पूजन 108 मन्त्र

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गुरु हि सफलता का स्रोत

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*श्री यतिराजाय नमः*🌼🌺🌼🌺🌼🌺🌼🌺 *गुरु हि सफलता का स्रोत**भाग ५:-----**गतांक से आगे:----*गुरु के बारे में शास्त्र में कहा गया है--*गुरूर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वरः! गुरु साक्षात परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नमः*अर्थात:- वास्तव में ही पूर्णता का दूसरा नाम गुरु है अष्ट महा सिद्धियां गुर

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नियमावली

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🌺🍥🌺🍥🌺🍥🌺🍥🌺🍥🌺🍥 ‼️ *श्री राधे कृपा हि सर्वस्वम* ‼ *नियम एवं प्रतिज्ञा* ♦🍀♦🍀♦🍀♦🍀♦️🍀♦️🍀 *मित्रों यह समूह बनाने का एकमात्र उद्देश्य यह है कि जिन्हें हम भूलते जा रहे हैं उन सनातन परम्पराओं को हम पुन: जीवित कर सकें। सभी भगवत्प्रेमियों को एक

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*जय श्रीमन्नारायण*🌺🌷🌺🌷🌺🌷🌺🌷 *गुरु ही सफलता का स्रोत**भाग:-६*☘️🌿☘️🌿☘️🌿☘️🌿☘️🌿*गतांक से आगे:------*संसार में दुख हैं हर दुख का कारण है और हर दुख का निवारण भी है गुरु की कृपा प्राप्त करने का सरल उपाय ही दीक्षा है और शिष्य का धर्म यही है की पुनः पुनः गुरु चरणों में उपस्थित होकर दीक्षा द

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गुरु ही सफलता का स्रोत

4 अगस्त 2021
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‼️ *श्रीमते रामनुजाय नमः* ‼️💐🌹💐🌹💐🌹💐🌹 *🌹🌹गुरु ही सफलता का स्रोत 🌹🌹*🦚 *भाग ७*🦚*गतांक से आगे------**शिष्य कितना भी क्षमता वान क्यों ना हो जाए उस का साधन आत्मक स्तर कितना भी उच्च क्यों ना हो जाए चाहे उसमें ब्रह्मांड को दोबारा रचने की क्षमता ही क्यों ना आ जाए तब भी वह सद्गुरु के सामने शिशु

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गुरु ही सफलता का स्रोत भाग:-८

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*‼️जय श्रीमन्नारायण‼️*🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞 *‼️गुरु ही सफलता का स्रोत ‼️**भाग ८:-------*🌺🌷🌺🌷🌺🌷🌺🌷*गतांक से आगे:----**ब्रह्मज्ञान बिनु नारि नर कहहिं न दूसरि बात।**कौड़ी लागि लोभबस करहि बिप्र गुर घात।।'*🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹*अर्थात:-*(स्त्री-पुरुष ब्रह्मज्ञान के सिवा दूसरी बात ही नहीं कहते और

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गुरु ही सफलता का स्रोत

6 अगस्त 2021
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*श्रीयतिराजाय नमः*🦜🦚🦜🦚🦜🦚🦜🦚*‼️गुरु ही सफलता का स्रोत‼️* *भाग:-९**गतांक से आगे:----------**ब्रम्हाण्ड रश्मिनिकरेश्वनु गुज्जछदमात।**यस्य स्तुतीं प्रकृतिरेव स्वयं करोति।**गायन्ति यां ऋषिजनाः सुजनाश्च तं वै।**तं वन्दे रामानुजस्य चरणारविन्दम।।*जिनकी स्तुति स्वयं प्रकृति भी करती है उस स्तुति का

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गुरु ही सफलता का स्रोत

7 अगस्त 2021
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*श्रीमते यतिराजाय नमः*🌿☘️🌿☘️🌿☘️🌿🌿☘️ *‼️ गुरु ही सफलता का स्रोत‼️**भाग १०:--**गतांक से आगे:-------*शिष्य का जीवन गुरु से जोड़कर ही पूर्ण बनता है जीवन की यात्रा तो संसार में जिसने भी जन्म लिया है वह करता ही है लेकिन कितने व्यक्ति इस जीवन में पूर्णता प्राप्त करते हैं यह ज्यादा महत्वपूर्ण है शास्त

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गुरु ही सफलता का स्रोत

8 अगस्त 2021
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*🦚 जय श्रीमन्नारायण🦚*🌼🌞🌼🌞🌼🌞🌼🌞 *‼️ गुरु ही सफलता का स्रोत ‼️**भाग ११*🌿☘️🌿☘️🌿☘️🌲☘️🌿*गतांक से आगे:-------* *यस्मान् महेश्वरः साक्षात कृत्वा मानुष विग्रहं।**कृपया गुरुरूपेण मग्नाः प्रोद्धरति प्रजा:।।**अर्थात:--*स्वयं परमेश्वर मानव मूर्ति धारण करके कृपया पूर्वक गुरु रूप में माया में म

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गुरु ही सफलता का स्रोत

10 अगस्त 2021
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*श्रीमते रामानुजाय नमः*🌲🌿🌲🌿🌲🌿🌲🌿*‼️गुरु ही सफलता का स्रोत ‼️**भाग १२:--**गतांक से आगे:-------*जीवन पौरुष के साथ जीने के लिए प्राप्त हुआ है और वह पौरुष गुरुद्वारा प्रदत्त ज्ञान का पूर्ण रूप से पकड़ कर ही प्राप्त हो सकता है। सद्गुरु हर जीवन में साथ रहते हुए उस मार्ग पर ले जाते हैं जो पूर्णता का,

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आपकी जिज्ञासाएं? हमारे समाधान

12 अगस्त 2021
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*श्रीमते यतिराजाय नमः**‼️ आपकी जिज्ञासायें ?? हमारे समाधान‼️*🌷🌺🌷🌺🌷🌺🌷🌺🌷*भाग १:---**प्रश्न:- गुरु दीक्षा क्या जरूरी है ??गुरु दीक्षा के कितने रूप हैं ??जब सीखना ही है तो दीक्षा के बिना भी तो सीखा जा सकता है तो दीक्षा के द्वारा गुरु एवं शिष्य के बीच कौन सा संबंध स्थापित हो जाता है**उत्तर:- सा

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आपकी जिज्ञासाएं??हमारे समाधान।

13 अगस्त 2021
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*जय श्रीमन्नारायण*🌹🌼🌹🌼🌹🌼🌹🌼*‼️आपकी जिज्ञासाएं??हमारे समाधान।‼️**🦚भाग :-2**गतांक से आगे:----*केवट का गुरु कोई साधारण मनुष्य नहीं अपितु स्वयं भगवान भोलेनाथ थे पूर्व जन्म में जब वह परिवार के भरण-पोषण के लिए शिकार करता था एक दिन भूख और प्यास से व्याकुल जंगल में भटकता रहा और शिकार नहीं मिला हाथों

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आपकी जिज्ञासाएँ?? हमारे समाधान।

15 अगस्त 2021
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*जय श्रीमन्नारायण*🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳*‼️आपकी जिज्ञासाएं?? हमारे समाधान‼️*💐💐💐💐💐💐💐💐*भाग ३ :-**गतांक से आगे:--------*शिष्य का गुरु के प्रति एक कर्तव्य है और इसी प्रकार गुरु का भी शिष्य के प्रति एक कर्तव्य है शिष्य का मतलब है अनुशासन और पूर्ण समर्पण इसी प्रकार गुरु का भी तात्पर्

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आपकी जिज्ञासाएँ??हमारे समाधान। भाग 4

18 अगस्त 2021
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*जय श्रीमन्नारायण*☘️🌿☘️🌿☘️🌿☘️🌿*‼️आपकी जिज्ञासाएँ?? हमारे समाधान‼️**भाग ४:-*🌺🌷🌺🌷🌺🌷🌺🌷🌺*गतांक से आगे:---------**प्रश्न:- क्या गुरु ईष्ट हो सकता है?**उत्तर:-* इष्ट का तात्पर्य एक ऐसी सत्ता से है जो उसके जीवन में सर्वोच्च है और जिस में लीन हो जाना वह अपना गौरव समझता है यदि शिष्य की भावना है

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प्रणाम करने का तरीका

25 अगस्त 2021
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<p>★★★प्रणाम निषेध ★★★</p> <p>°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°</p> <p>१_दूरस्थं जलमध्यस्थं धावन्तं धनगर्व

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छठी इंद्री

26 अगस्त 2021
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<p>🚩🔱🕉️⚛📿🔥 *छठी इंद्री को जागृत करने के 5 तरीके !*⚛</p> <p>

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आपकी जिज्ञासाएँ? हमारे समाधान

20 सितम्बर 2021
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<p>*श्रीमते रामानुजाय नमः*</p> <p>🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿</p> <p>एक बार पुनः आप लोगों की सेवा में प्रेषित ह

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श्राद्ध कब और कैसे

21 सितम्बर 2021
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<p>पक्ष विशेष</p> <p>〰〰🌸〰〰</p> <p>एकैकस्य तिलैर्मिश्रांस्त्रींस्त्रीन</p> <p>दद्याज्जलाज्जलीन।</p>

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आपकी जिज्ञासाएँ? हमारे समाधान

22 सितम्बर 2021
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<p><br></p> <figure><img src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/611d425242f7ed561c89

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आपकी जिज्ञासाएँ?हमारे समाधान

24 सितम्बर 2021
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<p>*श्रीमते रामानुजाय नमः*</p> <p><br></p> <p>*‼️आपकी जिज्ञासाएँ?हमारे समाधान‼️*</p> <p><br></p> <p>

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आपकी जिज्ञासाएँ?हमारे समाधान

26 सितम्बर 2021
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<p>*श्रीयतिराजाय नमः*</p> <p><br></p> <p>☘️☘️☘️☘️☘️☘️☘️☘️☘️</p> <p><br></p> <p> *‼️आपकी जिज्ञास

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आपकी जिज्ञासाएँ?हमारे समाधान

1 अक्टूबर 2021
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<p><br></p> <figure><img src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/611d425242f7ed561c89

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पितृ दोष

2 अक्टूबर 2021
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<p>*🕉हिन्दू संस्कार🕉*</p> <p><br></p> <p>पितृ दोष लक्षण,कारण एवं निवारण</p> <p>~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

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भोजन करने का नियम

12 नवम्बर 2021
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<p>*खड़े होकर भोजन करने से हानियाँ*</p> <p>🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹</p> <p>*आजकल सभी जगह शादी-पार्टियों

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अयोध्या नाथ की लीला

26 नवम्बर 2021
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<p>*श्री अयोध्या जी के दशरथ महल की सत्य घटना*</p> <p><br></p> <p><br></p> <p>श्री अयोध्या जी में 'कन

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भक्त भगवान की प्रेम लीला

6 जनवरी 2022
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ठाकुर जी के प्रेमी भक्त 'श्री जयकृष्ण दास बाबा जी' के जीवन का एक सुंदर प्रसंग गोपाल की उल्टी रीति है। अगर कोई बुलाता है तब भी उसके पास नहीं जाते, और कभी कोई नहीं भी बुलाता तो उसके पास जरूर जाते हैं।

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श्रीवैष्णव तिलक महत्व

9 मार्च 2022
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*जय श्रीमन्नारायण* 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 *श्री वृंदावन धाम की जय* अगर कोई कंठीधारी कृष्णभक्त या वैष्णव जो उर्धव-पुन्ड्र वैष्णव तिलक लगाकर किसी के घर भोजन करता है, तो उस घर के 20 पीढ़ियों को मैं (

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हनुमानजी का कर्ज

16 मई 2022
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(((( हनुमान जी का कर्जा )))) . रामजी लंका पर विजय प्राप्त करके आए तो, भगवान ने विभीषण जी, जामवंत जी, अंगद जी, सुग्रीव जी सब को अयोध्या से विदा किया।  . सब ने सोचा हनुमान जी को प्रभु बाद में बिदा करेंग

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लहसुन प्याज क्यों नहीं खाना चाहिए

28 जून 2022
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प्रश्नकर्ता - लहसुन-प्याज खाना चाहिए अथवा नहीं ? श्री बागेश्वर धाम सरकार एवं श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज ने इस सन्दर्भ में परस्पर विरोधी वक्तव्य दिये हैं, कृपया समाधान करें। निग्रहाचार्य श्रीभागवता

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सनातन संस्कृति पर भू माफियाओं का कब्जा

15 सितम्बर 2022
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*श्रीमते रामानुजाय नमः* 🌿☘️🌿☘️🌿☘️🌿☘️🌿    *!! विषय!!* *सनातन धर्म और धर्म स्थलों पर बलात अतिक्रमण* *( सनातन धर्म स्थलों पर भू माफियाओं का कब्ज़ा जा)* *[प्रथम भाग]* आज बहुत दिन बाद पुनः धारावाहिक

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सनातन संस्कृति पर बलात कब्जा

17 सितम्बर 2022
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*श्रीमते रामानुजाय नमः* 🌿☘️🌿☘️🌿☘️🌿☘️🌿    *!! विषय!!* *सनातन धर्म और धर्म स्थलों पर बलात अतिक्रमण* *( सनातन धर्म स्थलों पर भू माफियाओं का कब्ज़ा जा)* *[ तृतीय भाग]*             *जय श्रीमन्नारायण*

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सनातन संस्कृति पर बलात कब्जा

17 सितम्बर 2022
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*श्रीमते रामानुजाय नमः* 🌿☘️🌿☘️🌿☘️🌿☘️🌿    *!! विषय!!* *सनातन धर्म और धर्म स्थलों पर बलात अतिक्रमण* *( सनातन धर्म स्थलों पर भू माफियाओं का कब्ज़ा जा)* *[ द्वितीय भाग]*    कल के लेख में  आपने पढ़ा

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सनातन संस्कृति पर भू माफिया ओं का कब्जा

18 सितम्बर 2022
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*श्रीमते रामानुजाय नमः* 🌿☘️🌿☘️🌿☘️🌿☘️🌿    *!! विषय!!* *सनातन धर्म और धर्म स्थलों पर बलात अतिक्रमण* *( सनातन धर्म स्थलों पर भू माफियाओं का कब्ज़ा जा)* *[ चतुर्थ भाग]*             *जय श्रीमन्नारायण

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सनातन संस्कृति पर बलात अतिक्रमण

19 सितम्बर 2022
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*श्रीमते रामानुजाय नमः* 🌿☘️🌿☘️🌿☘️🌿☘️🌿    *!! विषय!!* *सनातन धर्म और धर्म स्थलों पर बलात अतिक्रमण* *( सनातन धर्म स्थलों पर भू माफियाओं का कब्ज़ा जा)* *[ चतुर्थ भाग]*             *जय श्रीमन्नारायण

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सनातन संस्कृति पर बलात कब्जा

20 सितम्बर 2022
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*श्रीमते रामानुजाय नमः* 🌿☘️🌿☘️🌿☘️🌿☘️🌿    *!! विषय!!* *सनातन धर्म और धर्म स्थलों पर बलात अतिक्रमण* *( सनातन धर्म स्थलों पर भू माफियाओं का कब्ज़ा जा)* *[ पंचम भाग]*             *जय श्रीमन्नारायण*

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सनातन संस्कृति व धर्मस्थलों पर भूमाफियाओं का कब्जा

23 सितम्बर 2022
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*श्रीमते रामानुजाय नमः* 🌿☘️🌿☘️🌿☘️🌿☘️🌿    *!! विषय!!* *सनातन धर्म और धर्म स्थलों पर बलात अतिक्रमण* *( सनातन धर्म स्थलों पर भू माफियाओं का कब्ज़ा जा)* *[ षष्ठम भाग]*             *जय श्रीमन्नारायण*

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सनातन संस्कृति व धर्मस्थल और आश्रमों पर भू माफियाओं का बलात कब जा

23 सितम्बर 2022
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*श्रीमते रामानुजाय नमः* 🌿☘️🌿☘️🌿☘️🌿☘️🌿    *!! विषय!!* *सनातन धर्म और धर्म स्थलों पर बलात अतिक्रमण* *( सनातन धर्म स्थलों पर भू माफियाओं का कब्ज़ा जा)* *[ षष्ठम भाग]*             *जय श्रीमन्नारायण*

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*सनातन धर्म और धर्म स्थलों पर बलात अतिक्रमण*

24 सितम्बर 2022
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*श्रीमते रामानुजाय नमः* 🌿☘️🌿☘️🌿☘️🌿☘️🌿    *!! विषय!!* *सनातन धर्म और धर्म स्थलों पर बलात अतिक्रमण* *( सनातन धर्म स्थलों पर भू माफियाओं का कब्ज़ा जा)* *[ अष्टम भाग]*             *जय श्रीमन्नारायण*

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सनातन धर्म और धर्म स्थलों पर बलात अतिक्रमण*

25 सितम्बर 2022
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*श्रीमते रामानुजाय नमः* 🌿☘️🌿☘️🌿☘️🌿☘️🌿    *!! विषय!!* *सनातन धर्म और धर्म स्थलों पर बलात अतिक्रमण* *( सनातन धर्म स्थलों पर भू माफियाओं का कब्ज़ा जा)* *[ नवम भाग]*             *जय श्रीमन्नारायण*  

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सनातन धर्म और धर्म स्थलों पर बलात अतिक्रमण*

30 सितम्बर 2022
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*श्रीमते रामानुजाय नमः* 🌿☘️🌿☘️🌿☘️🌿☘️🌿    *!! विषय!!* *सनातन धर्म और धर्म स्थलों पर बलात अतिक्रमण* *( सनातन धर्म स्थलों पर भू माफियाओं का कब्ज़ा जा)* *[ दशम भाग]*             *जय श्रीमन्नारायण*  

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