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बेचारी ( भाग ३५)

26 अक्टूबर 2023

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बेचारी में अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा के शरीर पर नितिका ,अपना अधिकार कर लेती है ,बाबा उसे अपने तंत्र से छुड़ाने का प्रयास भी करते हैं किन्तु वो फिर से ,ऋचा को अपने कब्ज़े में लेकर ,उसे लेकर किसी क़ब्रिस्तान में पहुंच जाती है। बाबा और उसके पिता दोनों उसे खोजते हुए ,उसी कब्रिस्तान में ,से लेकर आते हैं किन्तु अभी ऋचा को कुछ भी नही मालूम ,वो अचेत अवस्था में है ,तब उसके पिता उसकी हालत देखकर ,अत्यन्त दुखी होते हैं ,तब बाबा से कहते हैं - इसे मुझसे बदला लेना है ,तो लेने दीजिये किन्तु मेरी बच्ची ठीक होनी चाहिए। तब उसे बाबा समझाते हैं -तुम्हारे शरीर में रहते हुए, यदि उसे मारती तब ऋचा तुम्हारे ख़ून के इल्जाम में जेल चली जाती। अब आगे -

ऋचा के पापा ,उसकी हालत देखकर ,बाबा से कहते हैं - अब इसे किसी अस्पताल में भर्ती कराना होगा वरना मेरी बच्ची मर जाएगी।



 बाबा ऋचा की हालत देखकर बोले -इसकी ये हालत उसी के द्वारा हुई है ,और अभी भी वो इसका पीछा नहीं छोड़ेगी ,वो अब भी कभी भी आ सकती है। 

किन्तु बाबा इसकी हालत तो देखिये ,क्या हालत हो चुकी है ?अगर इसको डाक्टर को नहीं दिखाया गया ,तो ये तो मर ही जाएगी और यदि उसने पुनः इसको अपने वश में करना चाहा -तो मुझे नहीं लगता ये बचेगी।

बाबा ऋचा की हालत देखकर परेशान तो थे ,नितिका की आत्मा तो इसके तन में आकर किसी न किसी का खून तो पीती ही रहेगी किन्तु ये बच्ची शायद नहीं बच पायेगी और ये नहीं रही, तब वो तो स्वतंत्र हो जाएगी। बाबा ने बहुत सोचने के पश्चात ,ऋचा को एक अस्पताल में भर्ती करा दिया।

 उसकी बिमारी तो डॉक्टरों की समझ में भी नहीं आई ,जब उसके पिता ने बताया -मात्र दो दिनों में ही इसकी ये हालत हुई है ,उन्हें आश्चर्य हुआ , फ़िलहाल उसे ''ग्लूकोज़ ''की बोतलें चढ़ने लगीं। शाम तक ,ऋचा में चेतना लौटी। तब तक ,उसके पिता और ''भैरों बाबा ''उसके समीप ही रहे।

 बाबा ने उसे ,समझाया - वो आत्मा ,तुम्हारे ऊपर फिर से आ सकती है ,अभी तुम सचेत रहना ,जब भी कभी तुम्हे इस बात का एहसास हो ,तुम्हारे तकिये के नीचे ,मैंने वो अभिमंत्रित यंत्र रख दिया है ,तुम उससे उसके ऊपर प्रहार करना और वो मुक्त हो जाएगी। ये यंत्र तनिक भी उसे छू गया ,उसका सर्वनाश होगा। अब तो ,प्रतीक्षा थी उसके आने की। 

बाबा ने उसके ,पलंग को एक कच्चे सूत से लपेट दिया था ,उसके पलंग के चारों पांवों को बांध दिया था। अपनी तरफ से पूरी तैयारी थी। अब शाम होने लगी थी ,लोग अपने परिजनों से मिलकर जा रहे थे। रात्रि में किसी भी रिश्तेदार को अथवा जानने वाले को रुकने की आज्ञा नहीं थी। 

अब तो ,अस्पताल के नियमों के अनुसार ,बाबा और ऋचा के पिता को भी ,घर जाने के लिए कहा गया। बाबा का तो पहले से ही ,इन अस्पताल वालों को, उनका आना अच्छा नहीं लग रहा था। कह रहे थे -यदि बाबा से ही इलाज़ कराना है तो ,उन्हीं से करा लें। किन्तु ऋचा के पापा के निवेदन करने पर, अनुमति दे देते हैं ,किन्तु अब तो उन्हें भी अस्पताल के नियमों को मानना होगा किन्तु बाबा जाने से इंकार कर देते हैं। तब अस्पताल के ,अधिकारी को बुलाया जाता है और वो बाबा को सांत्वना देते हैं कि कुछ नहीं होगा। यहां नर्सें हैं ,डॉक्टर हैं ,सभी अपनी ज़िम्मेदारी पूरी ईमानदारी से निभाते हैं। 

बाबा बोले -जो आफ़त यहां आ सकती है ,उसका आपके डॉक्टर -,नर्सें भी कुछ नहीं बिगाड़ पायेंगे और हाँ ,वो इनका बहुत कुछ बिगाड़ सकती है। किन्तु किसी ने भी बाबा की बात पर विश्वास नहीं किया और उन्हें जाना ही पड़ा उन्होंने अस्पताल के बाहर ही ,अपना डेरा जमा लिया किसी को इसकी ख़बर भी नहीं हुई। 

अब तो रात्रि भी गहराने लगी ,सभी अपने -अपने कार्य पूर्ण कर ,सोने की तैयारी में थे ,सभी मरीज़ों को उनके रिश्ते -नातेदार मिलकर जा चुके थे ,डॉक्टर भी एक बार आकर जा चुके थे। शाम की शिफ़्ट संभालने के लिए ,दूसरी नर्स और डॉक्टर भी आ चुके थे। धीरे -धीरे अस्पताल से लोग जाने लगे ,भीड़ भी कम होने लगी। रात्रि के दस बजे तक सब ओर शांति फैल चुकी थी। कुछ लोग ,अभी भी ऊँघ रहे थे। 

बाबा भी अपने स्थान पर खा -पीकर लेट गए थे ,उन्होंने ऋचा के पिता को घर लौट जाने के लिए कहा किन्तु वो नहीं गए ,वहीं बाबा के समीप ही अपनी चादर बिछा ली। हालाँकि अब थोड़ी ठंड भी बढ़ने लगी थी किन्तु जो परेशानी उनके और उनकी बेटी के जीवन पर मंडरा रही थी ,उसके सामने तो ये ठंड कोई महत्व नहीं रखती। दिनभर के थके -मांदे थे ,ये भी मालूम नहीं ,मुसीबत कहाँ से और किस रूप में आ सकती है ? कब तक जगे रहते ,उनको भी नींद ने अपने आगोश में ले लिया। बाबा कुछ देर जागते रहे उसके पश्चात ,वो भी विश्राम करने लगे ,उन्हें भी लेटते ही नींद आ गयी। 

उधर'' नितिका की आत्मा '' बाहर निकली और ऋचा को उसी स्थान पर न पाकर अत्यंत ही क्रोधित हुई ,वो ज़ोर -ज़ोर से हुंकारे भरने लगी। ऋचा की गंध हवा में महसूस करने लगी ,कुछ समय पश्चात ,कहकहे लगाने लगी ,शायद उसे ,ऋचा की गंध मिल गयी थी वो उस ओर ही चली जा रही थी। अब वो किसी अस्पताल के सामने थी किन्तु ये क्या ???वो उस स्थान पर पैर टिका नहीं पा रही थी यानि उसका अदृश्य शरीर ,उस स्थान के दरवाज़े के अंदर दाख़िल नहीं हो पा रहा था। तब उसने देखा -वहां पर ,अभिमंत्रित की हुई ,एक अदृश्य दीवार थी जिसको वो लाँघ नहीं पा रही थी। उसने अनेक प्रयास किये उसके पश्चात ,वो अस्पताल के पीछे की तरफ गयी और वहां उसने ,एक खिड़की खुली देखी ,उसके माध्यम से ,वो अंदर प्रवेश कर गयी। 




अस्पताल के अंदर प्रवेश करते ही ,बाबा का अभिमंत्रित ,द्वार टूट गया ,इसका आभास बाबा को शीघ्र ही हो गया और वे उठ बैठे। वातावरण में ,उन्होंने अजीब सी गरमी और नकारात्मक ऊर्जा का अनुभव किया। अस्पताल के अंदर भी लोगो में अजीब सी बेचैनी महसूस होने लगी। नितिका ऋचा के कमरे में जा पहुंची। वो जानती थी - कि ये मेरी अपनी ही औलाद है किन्तु ये भी जानती थी, कि इसी के हाथों मेरी मुक्ति है और वो अभी मुक्त होना नहीं चाहती थी। उसे तो लोगों को तड़पाने में मजा आता था। क्या नीतिका अस्पताल में घुस पायेगी? क्या वो ऋचा को अपने साथ ले जायेगी, या फिर बाबा के बिछाये जाल में स्वयम ही फंस जायेगी, जानने के लिए पढ़ते रहिये -बेचारी
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रचनाएँ
बेचारी
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ऋचा एक मध्यमवर्गीय परिवार की लड़की है और वो शहर में नौकरी करने आती है।और न जाने किन रहस्यों में उलझती चली जाती है।उसकी ज़िंदगी का,हर एक रहस्य एक नया सवाल खड़ा कर देता है।क्या वो बेचारी है? या फिर ये भी एक रहस्य है किसके कारण,वो भयभीत होती है?उसके भय का क्या कारण है? क्या अपने जीवन में आई,उन उलझनों को वो सुलझा पायेगी?इन सबका जबाब जानने के लिए पढ़िये - "बेचारी"
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बेचारी ( भाग १)

7 अक्टूबर 2023
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ऋचा उस फ्लैट में घुसती है , उसके घुसते ही ,एक अजीब ,तेज़ बदबू का झोंका ,उसके नथुनों से टकराया ,उसने तुरंत ही अपना हाथ अपनी नाक पर रख लिया। वो बोली -देवीलाल जी ये आप मुझे कहाँ ले आये ?और ये कैसा मकान द

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बेचारी ( भाग २)

8 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -देवीलाल , सम्पत्ति लेन -देन का व्यापारी है ,उसके दफ्तर में ऋचा आ जाती है जिसे रहने के लिए एक फ्लैट चाहिए क्योंकि वो इस शहर में नई आई है ,यहां वो किसी को जानती भी नहीं और अब उसे इसी

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बेचारी ( भाग ३)

8 अक्टूबर 2023
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देवी लाल जी एक 'प्रॉपर्टी डीलर '' हैं ,ऋचा उनसे एक मकान अथवा फ्लैट के लिए सम्पर्क करती है। वो ऋचा को भी वही मकान दिखाते हैं ,जो इससे पहले भी कई लड़के लड़कियों को दिखा चुके हैं, किन्तु पता नहीं ,उस मकान

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बेचारी ( भाग ४)

9 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -देवीलाल जी ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर 'अट्ठावन ' में रात्रि में अपने नौकर नंदू के साथ ठहर जाते हैं किन्तु उस मकान में उनकी ,इतनी बुरी गत हो जाती है कि अस्पताल में जाने की नौबत आ जाती

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बेचारी ( भाग ५)

10 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -सेठ देवीलाल जी ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर अट्ठावन में दुर्घटना ग्रस्त हो जाते हैं ,वहां कोई तो है ?जो नहीं चाहता ,कि कोई आये और यहां रहे। किन्तु देवीलाल जी को किसी का फोन आता है कि इस

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बेचारी ( भाग ६)

10 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा जो एक अनजाने शहर में आती है और देवीलाल जी उसे एक घर किराये पर दिखलाते हैं ,वो घर एकदम निर्जन गली के सबसे आख़िरी मकान है। उस घर में कोई भी किरायेदार आता है ,रातों रात भाग जाता है। ल

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बेचारी ( भाग ७)

11 अक्टूबर 2023
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अभी तक'' बेचारी '' में आपने पढ़ा -ऋचा किसी दूसरे शहर में ,नौकरी करने आती है और ''देवीलाल जी ''जो एक ''प्रॉपर्टी डीलर ''हैं ,उनसे ऋचा सम्पर्क करती है और वो उसे वही मकान दिलवा देते हैं , जिसमें कोई रहना

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बेचारी ( भाग ८)

11 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा - ऋचा किसी अनजान शहर में ,नौकरी करने आती है और देवीलाल जी के माध्यम से उसे एक मकान मिल भी जाता है।'' शास्त्रीनगर का वो मकान नंबर ,'' अट्ठावन ''जहाँ एक रात से भी ज्यादा कोई नहीं टिक पात

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बेचारी ( भाग ९)

12 अक्टूबर 2023
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ऋचा किराये पर मकान लेती है और वो शास्त्रीनगर के ''प्रदीप चौबे ''के ,मकान नंबर ''अट्ठावन ''में आ जाती है। वो मकान कई वर्षों से ,यूँ ही वीरान पड़ा है , उसमे कोई नहीं रहता। कभी कोई भूले से आ भी जाता ,तो र

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बेचारी ( भाग १०)

12 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अब तक आपने पढ़ा - ऋचा उस मकान में रहने तो आ जाती है ,किन्तु नितिका की रूह ने ,उसे परेशान कर दिया वो ऋचा को छू तो नहीं पा रही किन्तु उसे डरा अवश्य दिया। घर में रहते अभी उसे तीन -चार दिन ही हु

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बेचारी ( भाग ११)

13 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा ,उस घर की कहानी जानने की इच्छुक है ,इसके लिए उसे दीक्षित परिवार के दम्पत्ति मिलते हैं। पहले तो वो लोग उसे,किसी भी तरह की जानकारी उसे देने के लिए तैयार नहीं होते हैं, किन्तु जब ऋचा

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बेचारी ( भाग १२)

13 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा , चौबेजी के बरसों पुराने घर में रहने आती है ,अभी तक तो सभी, यही समझ रहे थे कि -ऋचा अन्य किरायेदारों की तरह ही, इस घर में रहने आई है किन्तु कुछ समय पश्चात ,एहसास होता है कि वो आई न

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बेचारी ( भाग १३)

14 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा जो ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर अट्ठावन में आती है ,वहां उसका एक रूह से सामना होता है। वो पहले तो ये बात ,हल्के में ले रही थी किन्तु ,जब उस आत्मा ने, उसे परेशान कर दिया ,

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बेचारी ( भाग १४)

14 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,आपने पढ़ा -ऋचा उस घर की परेशानियों को दूर करने के लिए , वो इस आत्मा के चक्कर को ही समाप्त कर देना चाहती है। इसके लिए वो उस घर की कहानी जानना चाहती है और इसके लिए वो दीक्षित परिवार से सहायता

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बेचारी ( भाग १५)

15 अक्टूबर 2023
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बेचारी में आपने अब तक पढ़ा -ऋचा को पता चल जाता है कि ''नितिका ''नाम की नर्स और कोई नहीं उसकी अपनी माँ है। वो इस बात से बेहद दुखी और परेशान होती है कि उसे अपनी माँ के विरुद्ध ही लड़ना होगा। वो बहुत देर त

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बेचारी ( भाग १६)

15 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा को पता चल जाता है ,इस घर में जो'' नितिका ''नाम की आत्मा निवास करती है वो और कोई नहीं ,उसकी अपनी माँ ही है। पिता से पूछने पर कि माँ की मौत कैसे हुई ?जिसका वो जबाब नहीं दे पाते। अपन

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बेचारी ( भाग १७)

16 अक्टूबर 2023
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ऋचा दीक्षित परिवार से मिलने जाती है ,आज उसकी नींद भी पूरी नहीं हुई क्योंकि रात जो उसने भयानक सपना देखा ,उसके कारण वो बेहद डरी हुई थी। उसने अपने पिता को फोन पर ,कणिका के विषय में बताया जिसे सुनकर उसके

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बेचारी ( भाग १८)

16 अक्टूबर 2023
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प्रदीप चौबे '' अपने पिता का अंतिम संस्कार करके ,अपने काम पर लोेट जाता है ,अपनी माँ को अपने संग ले जाना चाहता है किन्तु माँ पहले तो उसके संग जाने से इंकार कर देती है और जब जाने के लिए तैयार होती हैं तब

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बेचारी ( भाग १९)

17 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा को दीक्षित परिवार ,आगे की कहानी सुनाता है ,और बताता है कि'' प्रदीप चौबे ''के माता -पिता का देहांत हो जाता है जिसकी ज़िम्मेदार ऋचा की माँ ''नितिका ''ही थी। वो बताती हैं -हमने उनके ब

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बेचारी ( भाग २०)

18 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा अपने पापा से बात कर ,देवीलाल जी से उस नंबर का पता लगाने जाती है, जिस नंबर पर उन्हें फोन आता है किन्तु देवीलाल जी अनभिग्यता जाहिर करते हैं। ऋचा हैरत में पड़ जाती है ,कि जिसे देवीलाल

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बेचारी ( भाग २१)

18 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा ''प्रदीप चौबे ''का पता लगाने के लिए ,घर से निकलती है और बस में भी चढ़ती है ,और उसके घर देहरादून पहुंच जाती है ,जहाँ पर उसको पता चलता है कि'' प्रदीप चौबे '' तो अपनी माँ क

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बेचारी ( भाग २२)

19 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा बस अड्डे से वापस अपने घर आती है। वहां पहुंचकर उसे पता चलता है -उसके पापा और पंडितजी आ गए हैं। पंडितजी उसके द्वारा पता लगाते हैं, कि वो आत्मा वहीं आस -पास है ,तब उन्हें पता च

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बेचारी (भाग २३)

19 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,''नितिका''की आत्मा से बचने के लिए ,एक पंडित जी को अपने संग लाते हैं। पंडित जी ,पहले उन बुजुर्ग आत्माओं का निवारण करना चाहते हैं और उनकी आत्माओं को बुलाते भी हैं किन्

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बेचारी ( भाग २४)

20 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,उस आत्मा से बचते हुए ,एक मंदिर में शरण लेते हैं ,तब वहाँ के पंडित जी से बताते हैं - कि उस आत्मा ने पता नहीं कैसे ,हमारे साथ आये पंडितजी को मारा ? तब पंडितजी उन्हें म

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बेचारी ( भाग २५)

20 अक्टूबर 2023
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बेचारी के इससे पूर्व भाग में आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पिता ,नितिका नाम की आत्मा से बचते - बचाते एक मंदिर में जाकर शरण लेते हैं। मंदिर के पंडित जी उनकी सहायता का वायदा करते हैं और अपना एक आदमी ''भैरों बाब

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बेचारी ( भाग २६)

21 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा और उसके पापा को पंडितजी ''भैरों बाबा ''के यहां पहुंचा देते हैं।'' भैरों बाबा ''ऋचा के मन में उठते सवालों का जबाब ,उसे एक कहानी द्वारा देते हैं। वो कहानी तीन सौ बरस पुरानी है ,कादम

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बेचारी ( भाग २७)

21 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा , भैरों बाबा ऋचा और उसके पापा को एक ,तीन सौ साल पुरानी कहानी सुनाते हैं ,जो कादम्बिनी और भुवन की है ,इससे ये तो पता चल जाता है- कि नितिका और उसका पति पिछले जन्म में भी पति -पत्नि ही थे

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बेचारी ( भाग २८)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -एक व्यक्ति जो कादम्बिनी को, एक बालिका को, जबरदस्ती खींचकर अपने झोंपड़े के अंदर ले जाती है ,देखता है ,वो व्यक्ति पहले तो गांववालों को बुलाने की सोचता है किंतु कादम्बिनी कहीं हाथ से न नि

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बेचारी ( भाग २९)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -कादम्बिनी ,अपने गांव के लोगों से नाराज है ,उन्हें सबक सिखाने के लिए ,अपने ही गांव की बच्चियों को अगवा करती है और एक तांत्रिक की सहायता से , अपनी शक्तियां बढ़ाने के लिए ,उन बच्चियों की

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बेचारी ( भाग ३०)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने जाना ,कादम्बिनी जो भुवन की पत्नी थी ,उसकी हत्या तीन सौ बरस पहले ऋचा ने की थी ,ये बात ''भैरों बाबा ''ने उसके पापा और उसको बताई- कि आज जो नितिका और उसके पिता हैं ,वे पहले भी पति -पत्नी रह चु

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बेचारी ( भाग ३१)

24 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,''भैरों बाबा ''से मिलते हैं। 'भैरोंबाबा'उन्हें उनके पूर्व जन्म की कहानी सुनाते हैं ,जिससे पता चलता है -ये इनके पूर्व जन्मों के ही कारण हो रहा है। अब वे ल

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बेचारी ( भाग ३२)

24 अक्टूबर 2023
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अभी तक अपने पढ़ा -''भैरों बाबा '' उस घर की शुद्धि के लिए हवन करते हैं ,किन्तु 'नितिका की आत्मा ''उस हवन में व्यवधान डालती है। दोनों तरफ कुछ देर तक ,अपनी -अपनी शक्तियों के बल पर युद्ध सा चलता है। अंत मे

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बेचारी ( भाग ३३)

25 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,बाबा के संग हवन में ही बैठते हैं ,उससे पहले ही बाबा ,ऋचा को समझा देते हैं ,कि उसे क्या करना है ?जब बाबा उसे ,उस कार्य के लिए भेजते हैं तब उसे पता चलता है -पापा ने ही

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बेचारी ( भाग ३४)

25 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा की माँ ,''नितिका की आत्मा ''अपने पति के शरीर पर कब्ज़ा कर लेती है किन्तु ये बात ''भैरों बाबा ''को सही नहीं लगती ,उधर ऋचा ,उस स्थान को जलाकर नष्ट कर देती है, जिसके कारण ,''नितिका ''

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बेचारी ( भाग ३५)

26 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा के शरीर पर नितिका ,अपना अधिकार कर लेती है ,बाबा उसे अपने तंत्र से छुड़ाने का प्रयास भी करते हैं किन्तु वो फिर से ,ऋचा को अपने कब्ज़े में लेकर ,उसे लेकर किसी क़ब्रिस्तान मे

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बेचारी ( भाग ३६)

26 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा की माँ की आत्मा ऋचा को अपने साथ उड़ाकर ले जाती है ,भैरों बाबा और उसके पिता उसे ढूंढकर ,उसे अस्पताल में भर्ती कर देते हैं, किन्तु उन्हें वहां भी ,उसके आने का अंदेशा लगता है। बाबा ऋ

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बेचारी ( भाग ३७)

27 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा को उसके पिता किसी अस्पताल में भर्ती कर देते हैं ,किन्तु' नितिका की आत्मा 'उसे ढूंढते हुए ,वहां भी पहुंच जाती है और वो ,वहां के मुर्दों को भी ,खड़ा कर देती है। सभी को अपने संम्मोहन

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बेचारी ( भाग ३८)

27 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा , नितिका की आत्मा ,ऋचा के पापा के अंदर प्रविष्ट कर जाती है ,और उन्हें लेकर ,न जाने ,कहाँ निकल जाती है ?बाबा अब ''प्रदीप चौबे ''की आत्मा को मुक्त करते है ,ताकि वो बता सके -कि 'प्रदीप चौ

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बेचारी ( भाग ३९)

28 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,'' भैरों बाबा '' प्रदीप चौबे'' की आत्मा को छोड़ देते हैं ,प्रदीप चौबे की आत्मा अपने परिवार से मिलने ,देहरादून जाती है और उसकी आत्मा अपनी पत्नी को ,पुकारती है -सुलेखा ,सुलेखा..... पहले

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बेचारी ( भाग ४०)

28 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,''प्रदीप की आत्मा ''अपनी पत्नी सुलेखा से मिलने आती है और सुलेखा से अपने प्रश्नों के जबाब चाहती है। किन्तु सुलेखा भी, सच्चाई को ,आसानी से स्वीकार नहीं ,करती है। बहुत दिनों ,बाद बच्चों

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बेचारी ( भाग ४१)

29 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अब तक आपने पढ़ा -प्रदीप की आत्मा अपने परिवार से मिलती है ,वहां पता चलता है, कि प्रदीप को मारा तो नितिका ने था किन्तु वो बच गया था ,रही सही कसर उसकी अपनी पत्नी सुलेखा ने पूरी की क्योंकि वो रा

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बेचारी ( भाग ४२)

30 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -भैरों बाबा ,अपनी शक्ति से पता लगाने का प्रयास करते हैं कि ऐसी वो कौन सी शक्ति है? जो हाइवे पर इतनी दुर्घटनाएँ करवा रही है ,इस सब बात का पता लगाने के लिए ,''प्रदीप की आत्मा '' सहायता क

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बेचारी ( अंतिम भाग)

30 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और बाबा को पता चल जाता है ,हाइवे पर जो हाद्से हो रहे हैं ,उनका ज़िम्मेदार कौन है ? बाबा अब ऋचा को कोई निर्णय लेने के लिए कहते हैं ,किन्तु जब ऋचा को पता चलता है -इन हादसों में उसके

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