Meaning of वीज योग्य मार्गाने जाऊ शकत नाही in Hindi
Meaning of वीज योग्य मार्गाने जाऊ शकत नाही in English
English usage of वीज योग्य मार्गाने जाऊ शकत नाही
Synonyms of ‘वीज योग्य मार्गाने जाऊ शकत नाही’
Antonyms of ‘वीज योग्य मार्गाने जाऊ शकत नाही’
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- *शिवविचार प्रतिष्ठान*
*१६ आॅगस्ट इ.स.१६६२*
"अण्णादी दत्तो प्रभूणीकर" हे वाकनिशी करत होते, त्यांना छत्रपती शिवरायांनी सुरनिशीचा हुद्दा सांगितला.
*१६ ऑगस्ट इ.स.१६८१*
आतापर्यंत केवळ मराठी मुलखाचीच नासधूस करणारा सिद्दी १६ ऑगस्ट पासून इंग्रजांनाही त्रास देऊ लागला. त्याने इंग्रज दलालाकडून पैशाची मागणी करून तसेच मुंबईच्या वखारीची नासधूस केली. मुंबईकरांनी हि तक्रार सुरातकरांना कळविताच त्यांनी कोणाही इंग्रज नागरिकाने सिद्दीच्या नोकरीत जाऊ नये असा हुकुम काढला. मुंबईकरांनी हा हुकुम ताबडतोब अमलात आणला.
*१६ ऑगस्ट इ.स.१७००*
आपल्या राजाला म्हणजेच छत्रपती संभाजीराजेंना हाल हाल करून मारले म्हणून मराठ्यांना जास्तच चिड आली. सभोवतालच्या मुघल प्रदेशावर घिरट्या घालून मराठ्यांनी उच्छाद मांडला. आजच्या दिवशी "हनुमंतराव निंबाळकर" यांनी सातारा मधील "खटाव" हे ठाणे काबीज केले व मुघलांकडून लढणाऱ्या मराठी सरदाराला ठार केले.
- प्रभु इच्छा सर्वोपरि
- ।। जमीर चाह मेहनत ।।
- जिसकी लाठी उसकी भैंस
- "मुक्तक"
- अगर मै कही खो जाऊ
- मेरे गावँ का इतिहासःप्रेम प्यार के दरिये बहते आपस मे जन मेल है,,,, आधुनिक से चलन यहां पर होकी जैसे खेल है,,,, शाहजहाँपुर नगरी का भी इतिहास सुहाना लगता है,,, मुगल बादशाह बसा गये अंदाज पुराना लगता है,,, इस नगरी के पूर्व मे एक नारेहडा तालाब है,,,, और पश्चिम मे रायसर जोहड बेमिशाल है,,,, उतर मे वृंदावन और भैरु जी का स्थान है,,,, दक्षिण मे जोधा बाबा से पावन संत महान है,,,, सरकारी विद्यालय और मैदान खेल का भारी है,,,,, होस्पिटल आयुष भवन देखो कितने हितकारी है,,, ,पहला है विज्ञान नगर गौरवशाली पहचान मेरी,,,,, है राष्ट्रीय राजमार्ग यहां जैसे जन जन की हो जान मेरी,,,, है ये मेरा सौभाग्य यहां इस नगरी मे मैने जन्म लिया,,,, इस की माटी मे खेला और इस नगरी का दूध पिया,,,, उपकार हजारों नगरी के कैसे उतरेगा भार मेरा,,,,, मै मिट भी जाऊ लाख मगर कैसे भूलू सत्कार तेरा,,,,, पूर्व मे श्याम सलौने की कृपा का कैसे भार चुके,,,, कैसे बाजार के शिवजी का पल पल मिलता वो प्यार चुके,,,, मस्जिद की हर अजान यहां सदभाव हमे सिखलाती है,,,, मन्दिर की घण्टी शंखनाद भक्ति का मार्ग दिखाती है,,,,, गोपालदास से संत यहां भटको को राह दिखा
- ।। जमीर चाह मेहनत ।।
- उशिरा उठण्याचे फायदे
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